प्रदेश सरकार जनहित के सभी मुद्दों पर असफल : सरोज पांडे

“पूर्ण  शराबबंदी का वादा था अब होम डिलीवरी कर रहे हैं और मौतें हो रहीं है।” स्थानीय तिलक भवन में आयोजित एक प्रेस वार्ता में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जनहित के मुद्दों पर घेरते हुए सरोज पाण्डे ने कहा कि “हाथ में गंगाजल लेकर गीता लेकर शराबबंदी का वादा किया गया था। मगर अब सरकार इसकी होम डिलीवरी कर रही है। शराब के मामले में इस सरकार का जो आचरण रहा है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाय, वह कम है।”

आज आयोजित इस प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, जागेश लांबा, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह, विकास महतो, मनोज मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

पूर्ण शराबबंदी को लेकर प्रदेश सरकार की नीतियों आलोचना करते हुए सांसद सरोज पांडे ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी के मामले में इस सरकार का जो आचरण रहा है, उसकी जितनी भर्त्सना की जाय, वह कम है।अक्सर ऐसा लगा कि शराब बेच कर अवैध कमाई करना ही सरकार का अकेला लक्ष्य रह गया है।पूर्ण।शराबबंदी का वादा करने वाली सरकार ने शराब को होम डिलीवरी शुरू कर दी, इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है? इसके प्रदेश में इतने दुष्प्रभाव रोज दिख रहे हैं। अभी-अभी महासमुंद में एक ही परिवार में छः आत्महत्या की ह्रदय विदारक ख़बरें आयी, जिसके मूल में भी शराब को ही कारण बताया जा रहा है। नकली शराब पीने से हुई मौतों को बहाना बना कर शासन ने इस कोरोना काल में दुबारा शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी।अब शराब के ऐसे दुष्प्रभावों पर भी इन्हें शर्म नहीं आयेगी? कोरोना के कठिन समय में जब व्यक्ति इलाज़ के लिए परेशान था, तबदवा के बदले दारू घर-घर पहुचाना जिस शासन की प्राथमिकता हो, उसे और क्या कहें?

प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिंह लगाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि शान्ति का टापू रहा अपना छत्तीसगढ़ देखते ही देखते अपराधगढ़ में बदल गया है।प्रदेश को अराजकता और अत्याचार का पर्याय बना दिया गया है। रोज यहां औसतन 7 बलात्कार हो रहे. शासन के ही आंकड़े के अनुसार पिछले दो वर्ष में प्रदेश में 1828 हत्या, 1281 हत्या के प्रयास, 4939 बलात्कार, 12862 चोरी, 133 डकैती और 855 लूटपाट के मामले दर्ज किये गए हैं। यह तो किसी भी तरह दर्ज गए मामले हैं, इससे कई गुना मामले ऐसे होंगे जो दर्ज ही नहीं हो पाए हैं। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के विधानसभा क्षेत्र पाटन के बठेना गांव में एक ही परिवार के पांच व्यक्ति के संदिग्ध मृत्यु। घर से पांच पृष्ठ का एक सुसाइड नोट भी बरामद होने का दावा पुलिस का, जिसमें कथित तौर पर कर्ज और सूदखोरों की ओर से मिल रही प्रताड़ना का जिक्र है। इससे पहले दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या हो गई थी। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का संरक्षण प्राप्त कोरवा जनजाति की नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और पिता-बहन समेत उनकी नृशंस हत्या. जशपुर की बेटी को छः बार अलग-अलग लोगों के हाथ बेचना और आजिज़ आ कर सातवीं बार में अंततः युवती ने आत्महत्या कर ली। केशकाल में नाबालिग आदिवासी किशोरी 7-7 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म, कहीं से न्याय नहीं मिलने पर उसने आत्महत्या भी कर ली। किशोरी के पिता ने भी आत्महत्या की कोशिश की, तब मामला फूटा।

 

किसानों से कर्ज माफी मुद्दे पर सांसद सरोज पांडे ने कहा कि हालात आज यह हैं कि प्रदेश रोज करोड़ों का कर्जदार बनाया जा रहा है। इस सरकार ने हर महीने हज़ार करोड़ से अधिक का कर्ज लेकर हम सबको हमेशा के लिए कर्जदार बना दिया है। कहां तो किसानों को कर्ज मुक्त करने की बात थी, कहां पूरे प्रदेश को ही क़र्ज़ के जाल में उलझा दिया। राज्य की प्रतिभूति (बांड) को भी नीलाम कर दिया। पूरे प्रदेश की ज़मीन नीलाम कर रहे।घोषणा पत्र में स्पष्ट वादा करने के बावजूद किसानों के दो साल के बकाये बोनस का भुगतान नहीं किया। धान का रकबा लगातार मनमाने तरीके से कम किया जा रहा है।किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। पिछले ढाई वर्षों में करीब 300किसानों ने आत्महत्या की है।केवल 10 महीने में 141 किसानों की आत्महत्या की बात तो शासन ने स्वीकारी है लेकिन किसी को भी कोई मुआवजा नहीं दिया गया।रकबा कटौती के कारण कांग्रेस अध्यक्ष के क्षेत्र कोंडागांव के किसान धनीराम मरकाम की दुखद हत्या या नकली कीटनाशक से हुई खराब फसल के कारण, कर्ज़ के कारण किसानों की आत्महत्या आदि की लगातार आ रही ख़बरों ने प्रदेश को शर्मसार किया है।

केंद्र सरकार की की नीति को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लगातार समर्थन मूल्य बढ़ा रही है लेकिन इसका भी लाभ प्रदेश को नहीं दिया जा रहा है केंद्र ने डीएपी में सब्सिडी बढ़ा दी, इसका लाभ भी यहां किसानों को नहीं दिया जा रहा। किसान सम्मान निधि के लिए केंद्र को जानकारी नहीं दी जा रही है, उसे जान बूझ कर रोका जा रहा है। मोदी जी द्वारा दी गयी तमाम राहतों को दुराग्रहवश लोगों तक नहीं पहुँचने देने का अभियान चलाया हुआ है कांग्रेस ने।

 

राशन वितरण प्रणाली को लेकर उनका कहना था कि केंद्र सरकार अब कोविड काल में दीपावली तक मुफ्त राशन देगी लेकिन पिछले दो महीने काराशन उठा लेने के बावजूद शासन ने उसे वितरित नहीं किया। सारा चावल भूपेश सरकार खा गयी। आगे भी दीपावली तक बढ़ा हुआ चावल देगी या नहीं इसमें संदेह है। भाजपा इस ‘चावल घोटाले की भी जांच की मांग करती है।

प्रदेश में बढ़ रही बेरोजगारी को लेकर उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि हर घर रोजगार और एक लाख शासकीय नौकरी का वादा करने वाली इस सरकार ने मुट्ठी भर रोजगार भी नहीं दिए।पीएससी में अराजकता चरम पर है। दर्जनों सवाल ग़लत पूछे जा रहे हैं। साढ़े बारह हज़ार चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की प्रताड़ना. उनके साथ बर्बरता से पेश आ रही है भूपेश सरकार।उन्हें नौकरी दे देने का झूठ भूपेश बघेल द्वारा लगातार बोला गया जबकि आवाज़ उठाने पर भविष्य खराब करने, जेल भेजने की धमकी दी जा रही है।युवाओं को बेरोजगारी भत्ता, किसानों को पेंशन, बुजुर्गों को पेंशन आदि पर अब शासन चुप है। छत्तीसगढ़ में करीब 25 लाख युवा बेरोजगार पंजीकृत है. कांग्रेस 10 लाख बेरोजगारों को 2500 रूपये बेरोजगारी भत्ता देने के नाम से सत्ता में आई थी लेकिन इन युवाओं को अब तक भता नहीं मिला। निराशा इतनी है कि युवा आत्महत्या तक कर रहे हैं।प्रदेश में 5 हजार युवाओं को नौकरी से निकाला भी गया है।

कोविड और स्वास्थ्य के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि  प्रदेश में क्रिकेट आयोजन करा कर और गांव-गांव में उसका मुफ्त पास बांट

कर कोरोना की दूसरी लहर को यहां फैलाया गया। लोग मर रहे थे, भूपेश बघेल असम प्रचार पर थे।13 हज़ार से अधिक मौतें दर्ज की गयी। इसमें भी घोटाला सामने आया।हजारों मौतों को दर्ज ही नहीं किया गया। राजनीतिक दुर्भावना के चलते केंद्र की आयुष्मान भारत योजना को लटकाने वाले, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जी के समय से स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रारम्भ स्मार्ट कार्ड को बंद करने का पाप, इसी तरह दुर्भावनावश कोरोना वैक्सीन को भी घृणित

राजनीति का शिकार बना दिया भूपेश सरकार ने।

प्रदेश को मिले टीके में से 30 प्रतिशत से अधिक को बर्बाद कर देने का कलंक इस सरकार के सर पर है। इस तरह देश भर में दूसरा सबसे अधिक टीका बर्बाद करने वाला प्रदेश बना।

उन्होंने आरोप लगाया कि महज़ अपना फोटो लगाने महीने भर तक सीएम ने टीकाकरण को लटकाया। एक सड़ा हुआ पोर्टल बना कर केंद्र के पोर्टल को खारिज किया। अंततः सब फेल हो गया, फिर भी

राजनीति करते रहे। टीके में आरक्षण जैसा अजीब मामला भी यहीं दिखाया कांग्रेस ने। बार-बार

हाई कोर्ट से फटकार मिलती रही और हर बार हठधर्मिता दिखाते रहे। टीकाकर्मियों के भोजन तक

पर डाका डाल चुकी है यह सरकार।हम भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने अब सभी के लिए टीके को मुफ्त कर दिया है।

सांसद पांडे ने आरोप लगाया कि नीति आयोग की रिपोर्ट में भी लगभग सभी संकेतकों पर कांग्रेस सरकार फिसड्डी साबित हुई है,फिर भी गाल बजाने और डींगें हांकने से ये बाज नहीं आ रहे. लोहिया जी ने कहा था कि जिन्दा कौम पांच वर्ष इंतज़ार नहीं करती। वास्तव में इस सरकार को सता में अब एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है. कांग्रेस की आपसी गुटबाजी में ही इनके नेताओं ने सारा समय बर्बाद कर दिया है। येन-केन प्रकारेण पद पर बने रहना और सैकड़ों करोड़ की अवैध कमाई कर दस जनपथ के लिए भी दुधारू भैंस बने रहना इस सरकार की एकमात्र प्राथमिकता लग रही है।विधानसभा चुनाव के मात्र छः महीने बाद हुए आम चुनाव में ही छत्तीसगढ़ की जनता ने इन्हें बता दिया था कि इन्होंने जनता का समर्थन खो दिया है।

 

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