रिपोर्ट : केंद्र सरकार के प्रयासों से 2014 से 2020 के मध्य उच्च शिक्षा के प्रति लड़कियों का प्रतिशत बढ़ा..संस्थानों की संख्या में 80 प्रतिशत वृद्धि

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा, मुझे उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट जारी करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। जैसा कि आप देख सकते हैं, हमने जीईआर, जेंडर समता सूचकांक में सुधार किया है। राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की संख्या में 80 प्रतिशत (2015 में 75 से 2020 में 135 तक) की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की मंजूरी के बाद गुरुवार को उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2019-20 की रिपोर्ट जारी कर दी है। 2015-16 से 2019-20 तक पिछले पांच वर्षों में छात्रों के नामांकन में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एआईएसएचई की रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि के दौरान उच्च शिक्षा में छात्राओं के नामांकन में 18.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के अनुसार उच्च शिक्षा में कुल नामांकन 2018-19 में 3.74 करोड़ की तुलना में 2019-20 में 3.85 करोड़ दर्ज किया गया है, जो 11.36 लाख (3.04 प्रतिशत) की वृद्धि दर्शाता है। वहीं 2014-15 में कुल नामांकन 3.42 करोड़ था।
इसके अलावा उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) उच्च शिक्षा में नामांकित पात्र आयु वर्ग के छात्रों का प्रतिशत भी 2019-20 में 27.1 प्रतिशत दर्ज किया गया जो कि 2018-19 में 26.3 प्रतिशत था और 2014-15 में 24.3 प्रतिशत था।
लैंगिक समानता सूचकांक (जीपीआई) में भी सुधार देखने को मिला है। यह 2018-19 में 1.00 के मुकाबले 2019-20 में 1.01 है। यह बताता है कि लड़कों की तुलना में लड़कियों तक उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ी है और छात्र-शिक्षक अनुपात भी 2019-20 में 26 दर्ज किया गया है।
2018-19 की तुलना में 2019-20 में विश्वविद्यालयों की संख्या 993 से बढ़कर 1043 वहीं कॉलेजों की संख्या 39931 से बढ़कर 42343 हो गई और स्टैंड-अलोन संस्थानों की संख्या 10725 से बढ़कर 11779 हो गई है। इस दौरान अंडरग्रेजुएट एवं पोस्टग्रेजुएट प्रोग्रामों में 3.38 करोड़ छात्रों ने एनरोल किया जिसमें से 85 प्रतिशत (2.85 करोड़) ने हयूमैनिटिज़, विज्ञान, कॉमर्स, इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, मेडिकल साइंस और आईटी एवं कंप्यूटर में एनरोलमेंट करवाया।
इसके अलावा पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई. 2014-15 में 1.17 लाख छात्रों के मुकाबले 2019-20 में 2.03 छात्रों ने पीएचडी की। शिक्षकों की संख्या भी 2019-20 में 15,03,156 दर्ज की गई जिसमें से 57.5 प्रतिशत पुरुष थे और 42.5 प्रतिशत महिलाएं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा, मुझे उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण 2019-20 की रिपोर्ट जारी करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। जैसा कि आप देख सकते हैं, हमने जीईआर, जेंडर समता सूचकांक में सुधार किया है। राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों की संख्या में 80 प्रतिशत (2015 में 75 से 2020 में 135 तक) की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि पिछले पांच वर्षों में पीएचडी की संख्या में भी 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण संभव हुआ है।
इससे पहले रिपोर्ट जारी करते हुए शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा, “केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की मंजूरी के बाद यह सर्वे रिपोर्ट जारी की गई है। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा की बेहतरी के लिए अपने गई नीतियों की वजह से उच्च शिक्षा में सुधार देखने को मिला है।”
उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के मार्गदर्शन में यह दसवीं एआईएसएचई रिपोर्ट जारी की गई है। लगातार बढ़ते एनरोलमेंट, संस्थानों की संख्या, कम होती लैंगिक असामनता हमारी नई शिक्षा नीति 2020 के एक्सेस, समानता एवं गुणवत्ता के प्रावधानों के अनुरूप हैं। हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के कुशल मार्गदर्शन में हम बहुत जल्द विश्वगुरु बनने के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *