दिलीप सी मंडल : ये मेरी नज़रों के सामने हुआ.. लिफ़ाफ़ों के ज़रिए किसी नेता को करोड़ों…
ये मेरी नज़रों के सामने हुआ।
वाजपेयी सरकार में राम विलास पासवान संचार मंत्री थे। उनके समय में 2001 में डाक विभाग ने बाबा साहब और सुभाष चंद्र बोस की याद में पहली बार स्पेशल डेफिनिटिव स्टैंप छापा। उससे एक साल पहले 2000 में सरदार पटेल पर ऐसे स्टैंप छापे गए थे।
उनसे पहले तक डेफिनिटिव स्टैंप सिर्फ गांधी और नेहरू के छपते थे। कांग्रेस किसी और को एडजस्ट करने के लिए तैयार ही नहीं थी।
स्टैंप दो तरह के होते हैं। कॉमेमोरेटिव और डेफिनिटिव। दूसरी तरह के स्टैंप करोड़ों में हर साल छपते हैं और हर पोस्ट ऑफिस में बिकते हैं।
यानी लिफ़ाफ़ों के ज़रिए किसी नेता को करोड़ों घरों तक पहुँचाने का मामला है।
रामविलास जी ने केंद्रीय संचार मंत्रालय की एक सलाहकार समिति में मुझे सदस्य बना दिया था। मुझे आज इसका गर्व है कि मैं इन निर्णय प्रक्रियाओं को अंदर से देख रहा था।
-श्री दिलीप सी मंडल के पोस्ट से साभार।
