हर्षिल खैरनार : नरेंद्र दामोदरदास मोदी – वो आदमी जिसने क्रिकेट और फिल्मों के दीवाने इस देश में राजनीति को…
गाँधी परिवार और कांग्रेस ने लंबे समय तक देश की सत्ता का सुख भोगा, वो तमाम हथकंडे अपनाये जिससे कांग्रेस सरकार में बनी रह सकती थी।
किसी ज़माने में बैलेट पेपर भी लूटे जाते थे।
नेहरू, इंदिरा, राजीव के समय कांग्रेस ने तानाशाही और मनमर्ज़ी का वो खेल खेला जिसके बारे में आज भी देश की जनता को बहुत ज़्यादा पता नहीं है। इसी राह पर मनमोहन सिंह को कठपुतली बनाकर सोनिया गाँधी ने 2004 से 2014 तक देश में खूब घोटाले किये, देश में अनेक बड़े बड़े आतंकी हमले हुए, लेकिन सोनिया गाँधी ने निरंकुश शासन चलाया।
इसी बीच सोशल मीडिया दस्तक दे चुका था और आज जब नेहरू के ज़माने से लेकर तो सोनिया गाँधी तक के वही सारे कांड गाहे बगाहे बाहर निकाले जाते हैं तो कांग्रेस के समर्थक और चाटुकार उसे व्हाट्सअप यूनिवर्सिटी का ज्ञान बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं लेकिन सच्चाई से केवल भागा जा सकता हैं उससे बचा नहीं जा सकता है।
तीन बड़े हिंदी भाषी राज्यों में हुई करारी हार के बावजूद कांग्रेस कोई सबक सीखने या मतदाताओं का सम्मान करने को राजी नहीं है।
आप किसी भी टीवी डिबेट में किसी भी कांग्रेस या इंडी गठबंधन के किसी भी प्रवक्ता को सुन लीजिये आपको ऐसा लगेगा कि इनसे ज़्यादा समझदार आजकल के बच्चे हो गए हैं या जब हम 20-25 वर्ष के थे तब भी ऐसे नहीं थे जैसे ये 50 पार के प्रवक्ता हैं।
जब इनकी बातों को न्यूज़ एंकर ही काउंटर करने लगते हैं तब ये प्रवक्ता भी उसे बीजेपी का एजेंट घोषित करने में देर नहीं करते गोयाकि जब तर्क ना हो तो कुतर्क ही करो लेकिन राहुल गाँधी जैसे व्यक्ति का गुणगान करो।
यही हालत कांग्रेस समर्थक पत्रकारों की भी है, या तो इन्हें ज़मीनी हकीकत दिखती नहीं या ये देखना नहीं चाहते हैं। जिस दिन एग्जिट पोल के नतीजे आए और लगभग सभी न्यूज़ चैनल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार की 100% वापसी बता रहे थे कुछ राजस्थान और मप्र में कांग्रेस की सरकार बनवा रहे थे तब कई मित्रों के मेरे पास फोन, मैसेज आए और मैंने सभी से कहा था कि हम तीनों राज्य जीत रहे हैं तब भी सबको विश्वास नहीं था कि हम तीनों राज्य जीत सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा के मंत्री स्तर तक के लोग पिछले लगभग डेढ़ दो वर्षों से ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे थे और पूरे समय अंडरग्राउंड काम करते हुए आखिर के एक महीने में पूरी छत्तीसगढ़ भाजपा ने कांग्रेस को नाकों चने चबवा दिए थे, इसके अलावा भूपेश बघेल का अशोक गेहलोत के जैसे केवल “आलाकमान” के लिये वफादारी निभाना और प्रदेश की जनता को ठेंगे पर रखना भी एक कारण था।
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी आज देश में विश्वसनीयता का दूसरा नाम बन चुके हैं, देश की जनता ने इतना प्रेम, इतना विश्वास, इतना सम्मान स्वतंत्र भारत में कभी किसी नेता को नहीं दिया जितना आज मोदीजी को मिल रहा है और ये भी सत्य है कि प्रेम, सम्मान, विश्वास माँगा नहीं जाता कमाया जाता है।
पिछले लगभग 10 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने लगभग हर मोर्चे पर प्रगति की है, चाहे विदेश नीति हो, खेल हों, सैन्य क्षमता हो, देश भर में तेजी से फैल रहा सड़कों का जाल हो, रेलवे, मेट्रो, बिजली, हर घर पानी, ग़रीबों को कोविड काल से मिल रहा राशन हो, विश्व का सबसे प्रभावी वैक्सीनेशन ड्राइव हो।
जब पूरा विश्व और भारत के तथाकथित विशेषज्ञ पूरे विश्व में भारत में कोरोना की सबसे भयावह स्थिति का आंकलन (?) कर रहे थे, देश की जनता को भ्रमित और उकसावे की हरकतें कर रहे थे, मोदी चौतरफा आलोचनाएँ, हमले झेल रहे थे तब भी बिना विचलित हुए मोदी देश की जनता को बचाने के हरसंभव प्रयास कर रहे थे।
पूरा विपक्ष, लेफ्ट लिबरल गैंग और लुटियंस गैंग चाहता था कि भारत में कोरोना भयानक तबाही मचाये, लोग मरें, ये लोग उस समय भी फाइज़र और दूसरी विदेशी कंपनीज़ की वैक्सीन भारत में आयात करवाना चाहते थे इसके लिये बकायादा विपक्षी नेताओं ने “मार्केटिंग” भी की थी जिसे आज भी उनके ट्विटर हैंडल पर देखा जा सकता है।
लेकिन मोदी ने किसी की नहीं सुनी और पूरे देश को रिकॉर्ड समय में देश में बनी वैक्सीन लगा दी जिस पर भी विपक्ष ने मनगढंत समय सीमा बताई थी। भारत ने ना केवल देश बल्कि कई देशों को भी वैक्सीन पहुंचाई और मानव जाति को बचाने में अपना सहयोग दिया।
ख़ैर.. देश उस दौर से निकलकर आगे बढ़ने लगा, तेजी से सामान्य होते हुए फिर से प्रगति पथ पर लौट आया।
आज ‘अज्ञातवीर’ विदेशों में भारत में आतंकी हमले करवाने वाले आतंकियों को खोज खोजकर मौत की नींद सुला रहे हैं, भारत के विदेश मंत्री विदेशी मीडिया को और भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देनेवालों को जिस बेबाकी के साथ जवाब दे रहे हैं ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।
आज मोदी विदेशी राष्ट्र प्रमुखों के साथ जिस आत्मविश्वास, गर्मजोशी के साथ मिलते हैं वैसा इसके पहले भारत का कोई प्रधानमंत्री नहीं करता था।
चीन की सारी हेकड़ी निकाल दी गई है और पाकिस्तान को दो कौड़ी का भिखारी बनाकर रख दिया है, ये सब देश की जनता देख और समझ रही है।
मोदी ने देश की राजनीति को इस कदर बदलकर रख दिया है जिसे आज भी विपक्ष समझने और स्वीकारने को तैयार नहीं है। अधिकांश विपक्षी दल आज भी केवल एक मज़हब के लोगों को ही साधने में लगा हुआ है वहीं मोदी ने देश के हिंदुओं को जगाकर ये संदेश दे दिया है कि अब बहुत हो चुका, नींद से जागो और देखो कि आजतक क्या होता आया है, बहुसंख्यक और सहिष्णु होने के बावजूद तुम्हें दो कौड़ी का समझा गया है।
रही सही कसर विपक्षी गठबंधन के कुछ नेताओं ने हिंदू धर्म को गाली देकर, अपमानित करके पूरी कर दी।
जहाँ राहुल गाँधी का मंदिर मंदिर जाना, धोती पहनना भौंडापन दिखता है वहीं मोदी का मंदिर में पूजा अर्चना करना बहुत ही स्वाभाविक और वास्तविक लगता है।
एक और संदेश मोदी ने साफ साफ दिया है कि अच्छी नीयत से रात दिन देश और जनता की भलाई के लिये काम करना होगा, बहानेबाजी, विज्ञापनबाजी या कागज़ी खानापूर्ति अब नहीं चलेगी।
मोदी के काफिले के सड़क के दोनों ओर खड़े हज़ारों लोग और आसपास की छतों पर खड़े, मोदी की केवल एक झलक पाने को खड़े ये लोग पैसे लेकर नहीं आते, मोदी को केवल देख भर लेने की खुशी उनके चेहरों पर साफ दिखाई देती है। आजकल फिल्मी कलाकारों को भी ऐसी दीवानगी देखने नहीं मिल रही है जैसे मोदी को मिल रही है और विपक्ष इसे समझ नहीं पा रहा है।
इन लोगों के चेहरे की खुशी, चमक स्वयं बताती है कि मोदी ने क्या कमाया है और क्या खोया है। कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मोदी विरोध करते करते अब भारत और सनातन विरोधी हो गया है जिसकी बड़ी भारी कीमत उसे 2024 लोकसभा चुनावों में इससे भी ज़्यादा चुकानी पड़ेगी।
सो विदित होवे, ताकि वक़्त ज़रूरत काम आवै..
नरेंद्र दामोदरदास मोदी – वो आदमी जिसने क्रिकेट और फिल्मों के दीवाने इस देश में राजनीति को क्रिकेट और फिल्मों से भी ज़्यादा दिलचस्प बना दिया।
साभार-हर्षिल खैरनार