कौशल सिखौला : हां हम सनातन भूमि हैं…

यह भारतभूमि सनातन भूमि है….
डंके की चोट पर कहते हैं सनातन भूमि है …..

इस देश के पर्वतों के नाम हिमालय हैं , शिवालिक हैं , सह्याद्रि हैं , नंदा देवी हैं , किष्किंधा हैं , ऋष्यमूक हैं , गौरा देवी है और नीलकंठ पर्वत हैं …..
हां हम सनातन भूमि हैं ….
इस देश की शश्य श्यामला पतित पावनी नदियों के नाम गंगा , यमुना , सरस्वती , कृष्णा , कावेरी , सिन्धु , सतलुज , नर्मदा , गोदावरी , मंदाकिनी , भागीरथी और अलकनंदा हैं ……
हां हम सनातन भूमि हैं ….

इस देश में विंध्याचल है , अरूणांचल है , उत्तरांचल है , मध्यांचल है , वामांचल है , पश्चिमांचल है , दक्षिणांचल है , वनांचल है ……
हां हम सनातन भूमि हैं….
इस देश में युगों पुरानी काशी है , प्रयाग , मायापुरी , अयोध्या , मथुरा , काशी , पुरी , कांची , द्वारिका , गंगासागर , वृंदावन , गोकुल , बरसाना , नासिक , तिरुपति , रामेश्वरम , मार्तंड और कन्याकुमारी हैं ….
हां हम सनातन भूमि हैं …..

इस देश में बद्री हैं , केदार , श्रृंगेरी , सोमनाथ , त्रयंबकेश्वर , मल्लिकार्जुन , भीमाशंकर , बैजनाथ , विश्वेश्वर , महाकाल , ओंकारेश्वर , मंशा , चंडी , कामाख्या , चिंतपूर्णी , ज्वालाजी , वैष्णो देवी , संतोषी , अंजनी और शकुंभरा हैं …..
हां हम सनातन भूमि हैं…..
इस देश में ब्रह्मा , विष्णु , महेश , दुर्गा , राम , कृष्ण , परशुराम , गणेश , कार्तिकेय , इंद्र , नारद , सीता , पार्वती , सावित्री , शकुंतला , राधा और रुक्मणि हैं….
हां हम सनातन भूमि है …..

क्या क्या गिनाएं , कितना बताएं ग्रंथ भर जाएंगे । सप्तऋषियों , वेदों , उपनिषदों , पुराणों और धर्मग्रंथों तक आएं तो शाम हो जाएगी । शंकराचार्य से लेकर आर्यभट्ट , वराहमिहिर , रामानंदाचार्य , वल्लभाचार्य , रामानुजाचार्य और बाणभट्ट तक आएं तो बात लंबी हो जाएगी । हम सत्य सनातन हैं , यह भूमि सनातन भूमि है । हम सनातनी हैं यह समूची वसुधा सनातन है ।

सनातन , राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व एक ही बात है । कोई भेद नहीं । जो लोग भेद करते हैं , वे या तो अंजान हैं या फिर बहुत बड़े जानकर हैं । सनातन हिन्दुत्व मानव मात्र के लिए है । भारत माता की इस पुण्यभूमि पर जो भी जन्मा वह भारतवर्ष का है । बाहर से आक्रांता बनकर जो आए , वे हमलावर थे । उनमें से कुछ वापस लौट गए , कुछ मर गए । मां भारती की संतानों अपने देश पर नाज़ कीजिए । यह देश हमारा है ।

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