कौशल सिखौला : मोदी तो मंजे हुए अभ्यस्त खिलाड़ी हैं पर कंगना और हेमा…
कंगना तो बेहद सधी हुई राजनीतिज्ञ निकली । शायद ही किसी फिल्म एक्ट्रेस ने चैनलों पर सटीक इंटरव्यू दिए हों । माना कि कैमरा फेस करने , लाइट , एक्शन सुनने और रटे हुए डायलॉग बोलना इतनी बड़ी एक्ट्रैस के लिए आम बात है । लेकिन टीवी के पर्दे पर लाइव साक्षात्कार देना आसान नहीं है । किसी के लिए भी आसान नहीं । कुछ नेताओं को छोड़ दें तो अधिकांश नेता रिपोर्टर से प्रश्न पहले मांग लेते हैं । कंगना राणावत के साक्षात्कार दो चैनलों पर सुने और जिसने भी देखे सुने होंगे , वह बेशक कंगना के विचारों से सहमत न हों । परंतु बिना एक पल रुके सवालों के जवाब संभवतः सभी को पसंद आए हों।
हालांकि कंगना ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बारे में जो बोला , कांग्रेस को नागवार गुजरेगा । कंगना ने कहा कि राहुल और प्रियंका राजनैतिक मैटीरियल नहीं हैं । राजनीति में आने के लिए वे दोषी नहीं , उनकी मां सोनिया गांधी दोषी हैं । राहुल गांधी कुछ और बन सकते थे लेकिन मां ने उन्हें जबरन राजनीति में धकेल दिया । देखादेखी प्रियंका भी राजनीति में आ गई । दोनों भाई बहन किसी अन्य क्षेत्र में जाते तो कामयाब होते । राहुल तो फिल्मों में एक्टिंग भी कर सकते थे।
कंगना काफी समय से मोदी की मुरीद हैं , राजनैतिक बयान देती रही हैं । वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या भी गईं थी । कंगना हिमाचल में जन्मी हैं , बचपन से ही यह देवभूमि धार्मिक वातावरण परोसती है । जाहिर है भारतीय कल्चर उनके खून में है । हिमाचल प्रदेश तीर्थों से भरा हुआ है । जिस मंडी सीट से कंगना लड़ रही हैं , उसे वैसे भी छोटी काशी कहा जाता है । आध्यात्मिक परिवेश से उनकी जीवन यात्रा शुरू हुई होगी । मंडी की सीट जीतना उनके लिए मुश्किल नहीं होगा।
कंगना के प्रति जैसी टिप्पणी सुप्रिया श्रीनेत ने की , वैसी ही टिप्पणी रणवीर सुरजेवाला ने हेमा मालिनी के लिए की । हेमा मालिनी दो बार सांसद रह चुकी हैं , तीसरी बार लड़ रही हैं । वे एक भद्र महिला हैं । मशहूर अदाकारा हैं , भरतनाट्यम की विश्वविख्यात नृत्यांगना हैं । पर न सुप्रिया झिझकी थी ना सुरजेवाला झिझके । उधर , छत्तीसगढ़ के एक कांग्रेसी सांसद ने तो यहां तक कह दिया कि मोदी के सामने ऐसा प्रत्याशी लड़ाओ जो लट्ठ मारकर उनका सिर फोड़ सके।
खैर मोदी तो मंजे हुए खिलाड़ी हैं , इस सब के अभ्यस्त हैं । पर कंगना और हेमा ने तो किसी के लिए अपशब्द नहीं कहा । चुनाव जया भादुड़ी भी राज्यसभा में हैं और बंगाल में टीएमसी की अनेक महिला सांसद भी चुनाव मैदान में हैं । और भी दल स्त्रियों को ला रहे हैं । स्त्रियां बड़ी मुश्किल से आगे आई हैं , उनका सम्मान कीजिए । आखिर वे आधी दुनिया हैं जो पुरुषों की पूरी दुनिया बसाती हैं । वह दिन अब थोड़ी ही दूर है जब अन्य क्षेत्रों की तरह राजनीति में भी औरतों का बोलबाला रहेगा । उस दिन से भारतीय इतिहास एक नई करवट बदल सकेगा।