कौशल सिखौला : मोदी गारंटियां दे रहे हैं और आप संसद पर हमले का बचाव कर रहे…
बार बार मोदी की गारंटी का जिक्र किया जा रहा है । तो क्या ” मोदी की गारंटी ” मतलब भारत की गारंटी ? मतलब मोदी की देश को गारंटी । मतलब एक भरोसा जो जनता के मन में बैठ गया है । दस सालों से मोदी गारंटी दे रहे हैं और हर गारंटी पूरी हो रही है । चाहे राम मंदिर हो , 370 हो , 5 किलो राशन हो , गांव गांव शौचालय हों , गैस हो , हर घर नल हों , 4 करोड़ घर हों आदि आदि।
अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है । 13 करोड़ लोग गरीबी के रेखा से निकलकर ऊपर आ गए हैं । ऑनलाइन कारोबार , ऑनलाइन लेनदेन लगातार बढ़ रहे हैं । नए नए उद्योग लग रहे हैं और अर्थव्यस्था सुधरी है । लोगों का आर्थिक स्तर ऊंचा हुआ है । आयुष्मान कार्ड ने लोगों की जिंदगी बदल दी है । यही सब तो हैं मोदी की गारंटी ! इन्हीं सब गारंटियों का जिक्र है न ?
तो क्या मोदी की गारंटी 2024 में फिर से मोदी को सत्ता में ले आएगी ? यह ऐसा प्रश्न है जिस पर देश की जनता का विश्वास टिकने लगा है । विपक्ष इसे सदा नकारता है , भ्रामक करार देता है । यही लड़ाई है । सत्ता पक्ष को मोदी की गारंटी पर विश्वास है , विपक्षी पार्टियों को पूरा अविश्वास । असल बात यह है कि जनता क्या सोचती है ? हां या ना ? मोदी की गारंटी जनता को भा रही है । जनता इसे भारत की गारंटी समझ रही है । क्या वास्तव में समझ रही है ? राज्यों के चुनाव परिणाम तो यही बता रहे हैं।
मोदी 3 यदि आएगा तो प्रधानमंत्री और सरकार के प्रति जनता के लिटमस टैस्ट के बाद आएगा । कोई भी यह तो मानेगा कि 2014 में देश की जीडीपी दुनिया में दसवें स्थान पर थी , 2023 में पांचवे स्थान पर आ गई है । कैसे आ गई , क्या हवा में आ गई ? देश में काम हुआ है जो अर्थव्यवस्था को ऊंचा उठा रहा है । इसके पीछे 100 की संख्या पर कर चुके एमएसएमई भी हैं और 1 लाख की संख्या पार कर चुके स्टार्ट अप भी। इसके बावजूद 10 करोड़ लोग अभी भी गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं । यद्यपि 140 करोड़ की आबादी वाले देश में 10 करोड़ काफी कम लगता है । पर आजादी के 76 वर्ष बाद भी 10 करोड़ लोगों का 1947 वाले हालात में ही होना काफी दुःखद है । 13 करोड़ लोग गरीबी की रेखा से ऊपर भी उठे हैं , यह खास है।
प्रधानमंत्री मोदी सभाओं में खुद अपने मुंह से बार बार दोहराते हैं कि फलां बात मोदी की गारंटी है । जैसे ही उनकी गारंटी आती है, मुख्य विपक्षी पार्टी बार बार दोहराती है कि गारंटी झूठी है । यह चलता रहेगा । सवाल जनता का है कि गारंटी को वह क्या मानती है ? सच्चा या झूठा । देखिए राहुल गांधी ने अभी तक कोई गारंटी नहीं दी । उन्होंने तो हमलावर युवकों के संसद प्रवेश तक की निंदा न करते हुए उन्हें बेरोजगारी और महंगाई का मारा बेचारा बता दिया ? राहुल को भला कौन समझाए कि थोड़ा संभल जाइए , वे गारंटियां दे रहे हैं और आप संसद पर हमले का बचाव कर रहे हैं ? मोदी की गारंटियों का जवाब शायद इंडिया गठबंधन दे पाए , यही कामना । आखिर 2024 का सवाल है ?