2019 से 314 पुरावशेष अब तक स्वदेश वापस लाए गए हैं

केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय ने बताया कि 314 पुरावशेष पिछले पांच वर्षों के दौरान स्वदेश वापस लाए गए हैं।

केंद्र सरकार भारतीय विरासत और संस्कृति के जीवंत प्रतीकों को विदेशों से वापस लाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। पिछले पांच वर्षों में दुनिया के अलग-अलग देशों से कई पुरावशेषों को वापस लाने का कार्य हुआ है। इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय ने बताया कि 314 पुरावशेष पिछले पांच वर्षों के दौरान स्वदेश वापस लाए गए हैं।

 

क्या होती है प्रक्रिया

दरअसल, अक्सर जब भी किसी पुरावशेष के चोरी होने के बारे में सूचना मिलती है, तो संबंधित पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की जाती है। इसके बाद चोरी हुए पुरावशेष का पता लगाने तथा उसको अवैध रूप से देश से बाहर जाने से रोकने के लिए निगरानी रखने के उद्देश्य से कस्टम एग्जिट चैनल सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ‘लुक आउट नोटिस’ जारी किया जाता है। यदि पुरावशेष की प्राचीनता और महत्व का सही आकलन हो जाता है, तो उसकी पुनर्प्राप्ति के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समन्वय में संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा मामले को आगे बढ़ाया जाता है।

इसके अलावा केंद्र सरकार पुरावशेषों को वापस लाने और इस तरह की ऐतिहासिक धरोहरों की अवैध तस्करी पर रोक लगाने के लिए की काम कर रही है। साथ ही सरकार देश से छीने गए भारतीय मूल के पुरावशेषों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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