सांसदों और विधायकों के द्वारा सांसद प्रतिनिधि या विधायक प्रतिनिधि नियुक्त करना अवैधानिक 

सांसद या विधायक को अपने स्थान पर किसी अन्य को प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं है। इस बात की पुष्टि सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुई है।

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कोरबा जिले के आर टी आई एक्टिविस्ट अजय कुमार श्रीवास्तव ने सांसद- विधायक प्रतिनिधियों की नियुक्ति के सम्बन्ध में छत्तीसगढ़ शासन के विधि- विधायी विभाग से सूचना के अधिकार के तहत इन नियुक्तियों के संबंध में जानकारी मांगी थी। विभाग द्वारा प्रदत्त जानकारी में स्पष्ट किया है कि विधायक प्रतिनिधियों की नियुक्ति को लेकर किसी तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि अलग अलग विभागों के लिए की जाने वाली  प्रतिनिधियों की नियुक्तियां अवैध एवं असंवैधानिक है। केंद्र सरकार का भी सांसद प्रतिनिधि नियुक्ति को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि देश-प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में ये प्रतिनिधि  प्रशासनिक बैठकों में लगातार हिस्सा लेते हुए शासकीय कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं और कई बार इनके क्रियाकलापों से प्रशासन के कार्यो में गतिरोध उत्पन्न होने की नौबत आती है। बावजूद इसके समूचा प्रशासन इनके आगे नत- मस्तक रहता है।

जानकारी के अनुसार इस तरह से सांसद- विधायक प्रतिनिधियों की अवैध नियुक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के तेजतर्रार अधिवक्ता सौरभ सिन्हा के माध्यम से अजय कुमार श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका प्रस्तुत करने की तैयारी कर रहे हैं।