भाजपा का कॉर्पोरेट शैली में ज्ञापन.. मूल बिंदुओं से क्यों भटके विद्वान जिलाध्यक्ष.. गाय-बिल्ली की लड़ाई वाले आंदोलन का सच..?

10 दिनों की चेतावनी के बाद 20वें दिन बालको के विरुद्ध जंग छेड़ने के लिए जारी किए गए ज्ञापन-फोटो से ही आंदोलन के जंग के मोर्चे में जंग लगने की आहट स्पष्ट सुनाई दे रही है। 25वें दिन 11जुलाई से आंदोलन की शुरुआत की घोषणा की गई है। मतलब 10 दिवसीय चेतावनी जारी करने के बाद लगभग 24 दिन का विलंब।

अपने ग्रुप्स में शेयर कीजिए।

ऐतिहासिक ज्ञापन-सौंपन
अभी तक जिले में किसी भी संगठन के द्वारा कोई ज्ञापन सौंपते ऐसा फोटो जारी नहीं किया गया है जो भाजपा ने किया है। ज्ञापन देते समय जिला भाजपा द्वारा जो चित्र जारी किया गया है वह ज्ञापन-सौंपन के इतिहास में अद्भुत चित्र है। चाय, कोल्ड ड्रिंक्स, बिस्किट, मीठे, बिसलेरी वाटर चुसकने के बाद ज्ञापन दिए जाते चित्र ने भावी आंदोलन की सफलता और उद्देश्यों की पोल खोल कर रख दी है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्व में विभिन्न समस्याओं को लेकर बालको प्रबंधन को पूर्व में अवगत कराया गया था, इसके बाद 5 जुलाई को अवगत कराते हुए पुनः ज्ञापन सौंपा गया है।

प्रश्न यह उठता है कि जब पूर्व में अवगत कराया जा चुका था तो 20 दिनों के बाद पुनः ज्ञापन सौंपने की क्या आवश्यकता पड़ गई?


कोर्टाना अंदाज में तारीख पर तारीख

सबसे बड़ी बात जो ज्ञापन जारी किया है तो उसमें मूल समस्याओं का उल्लेख ही नहीं किया गया है बल्कि कोर्टाना अंदाज़ में तारीख पर तारीख देते हुए समस्याओं के मूल बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने के स्थान पर चीजों को अनावश्यक मिथुन चक्रवर्ती की फिल्मों की तरह लंबा (11जुलाई से 20 जुलाई तक) खींचा गया है।


25 जून को 10 दिवस की चेतावनी पूरी हो जाने के 11 जुलाई से यानि कुल 25 दिनों के बाद आंदोलन की घोषणा की गई हैं तो वह भी राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा 4 जुलाई को बालको को सीधी चोट देने के बाद चेतावनी के 20 दिन बीत जाने के बाद 05 जुलाई को भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञापन देकर आए।


ज्ञापन में उल्लेखित 06 बिंदुओं में एक

कर्मचारियों – अधिकारियों की लड़ाई लड़ने के लिए उनके अपने संगठन हैं ही।


जनसामान्य के स्वास्थ्य के लिए घातक प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत पर कोई चर्चा नहीं
मूल बिंदु तो लालघाट के पास के नाले से लगातार विषैले काले जल का प्रवाह है जो सीधे डेंगुर नाला (केसला नदी) के माध्यम से हसदेव नदी में प्रवाहित किया जा रहा है और यही पानी निगम क्षेत्र में लाखों लोगों को पीने के लिए सप्लाई किया जा रहा है। जिससे जनजीवन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता है और जलजीवों का अस्तित्व भी संकट में है, इसके साथ ही रिपोर्टस के अनुसार भूमिगत जलस्तर भी घट रहा है।
शेष बिंदुओ पर लड़ने के लिए नेताओं, पार्षदों की भीड़ जमा है। जिले में आमजनमानस को जल और वन पर लड़ने वाले नेतृत्व की आस है जिसे जिले का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन भाजपा ही मूर्त रूप प्रदान कर सकता है। क्या जिला भाजपा जिलेवासियों के स्वास्थ्य से जुड़े इस गंभीर विषय पर आंदोलन छेड़ेगी? इस पर जिलेवासियों की निगाहें टिकी हुई है। गूगल मैप से लिए गए इस स्क्रीन शॉट में जीवनदायिनी-जीवनधारा हसदेव की दुर्दशा देखिए। ●हरे घेरे में दर्री बराज का स्वच्छ, निर्मल जल। ● नारंगी घेरे में दर्री बराज से आगे सर्वेश्वर  एनीकट के पास की स्थिति और इसी नारंगी घेरे में गुलाबी तीर इंगित करता हुआ विषैले पानी के स्त्रोत को। इसी नारंगी घेरे में स्वामी आत्मानंद स्कूल दर्शित करते नदी के किनारे से निगम क्षेत्र की जनता को पानी सप्लाई किया जाता है। यह गूगल मैप कब का अपडेट है यह कहा नहीं जा सकता लेकिन वर्तमान में यही स्थिति दिख रही है। इतना तय है कि पर्यावरण विभाग कोरबा द्वारा पूर्व में नोटिस भी ऐसे बिंदु पर थमाया जा चुका है। जो भी है यह एक भयानक, भयंकर, भयावह स्थिति है।
विद्वान भाजपा जिलाध्यक्ष को जीवनदायिनी-जीवनधारा हसदेव के लिए लड़ने की आवश्यकता है क्योंकि वो सिर्फ जीवन दे सकती है लेकिन अपनी लड़ाई नहीं लड़ सकती।
डेंगुर नाला(केसला नदी) जब जंगल से होकर निर्मल बहती है, इसके बाद जब लालघाट के पास से होकर गुजरती है तब पानी की स्थिति। इसके बाद यही पानी हसदेव नदी में मिलकर निगम के नल-जल कनेक्शनों के माध्यम से हजारों घरों में लोग उपयोग में लातें हैं तब नीचे तलहटी में विशेष विटामिन्स जमा होते हैं!!

लालघाट सड़क मार्ग पर ये जो विषैले काले पानी का प्रवाह बालको प्रबंधन के द्वारा किया जा रहा है, धरना-आंदोलन इसके लिए इसी स्थान पर इस मौत के नाले को हमेशा के लिए बंद करने का आंदोलन भाजपा कर पायेगी???????? 
राजनीतिक दलों को गंभीरता से इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है अन्यथा शीघ्र ही सारे शहर में इस विषय को लेकर जागरूक नागरिकों के द्वारा स्वस्फूर्त आंदोलन की स्थिति निर्मित हो सकती है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कुछ समय पूर्व बालको प्रबंधन के द्वारा प्रवाहित किए जा रहे दूषित जल के संबंध में जांच के आदेश दिए गए थे लेकिन उक्त संबंध में क्या कार्यवाही आगे हुई थी, इस पर विद्वान भाजपा जिलाध्यक्ष को चाहिए कि इस विषय पर आगे क्या हुआ था, इसकी पूरी जानकारी निकालकर आम जनता के सामने प्रकट करें ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

इस समाचार के अंत में वे सारे link हैं जिससे जीवनदायिनी-जीवनधारा हसदेव की दुर्दशा स्पष्ट होती है।
.
CSR के विषय पर प्रेस वार्ता में बोले लेकिन ज्ञापन में उल्लेख क्यों नहीं ?
दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु है CSR मद में पूर्व में किए गए कार्यों की सूची। करोड़ों रुपयों का उपयोग क्या सही दिशा में हो पा रहा है?
भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा आंदोलन 06 बिंदुओ पर किए जाने की घोषणा की गई थी जिसमें एक बिंदु CSR मद के उपयोग को लेकर भी था।
लेकिन आंदोलन करने के संबंध में अभी जो बिंदु तय किए गए हैं उनमें से CSR के विषय का डिब्बा ही गोल है। मतलब ज्ञापन, आंदोलन और बाद में आश्वासन सब आपसी समझ से हो रहा है।

डॉ. राजीव सिंह CSR मद में आगे काम करने के स्थान पर बालको प्रबंधन के द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों की सूची की मांग करें और सूची में उपलब्ध कार्यों में व्यय किए गए धनराशि का भी सम्पूर्ण विवरण मांगे, इसके बाद स्वयं उन कार्यों की सत्यता की जांच करें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

…लेकिन जो ज्ञापन सौंपा गया है उसमें CSR का ज्वलंत विषय ही गायब हो गया है।

.
 मद में किस प्रकार से काम हो रहा है, वह सब इस लिंक के समाचार से स्पष्ट हो जाएगा…
5 star बालको प्रबंधन..? : मालिक अनिल अग्रवाल के साथ प्रदेश सरकार, प्रशासन, पब्लिक से भी कर रहा फ्रॉड..? बॉलीवुड को पछाड़ दिया इस विषय पर.. नकल नहीं कॉपी पेस्ट कहिए…! http://veerchhattisgarh.in/?p=10015
.
यक्ष प्रश्न ”बालको से सूची ले पाएंगे भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव सिंह..??” तभी तो सार्थक होगा आंदोलन… http://veerchhattisgarh.in/?p=13574
………..
बेहतर तो यही होगा कि डॉ. राजीव सिंह अपने पूर्व की घोषणा के अनुसार  CSR मद में आगे के कार्यों के निष्पादन करने की बात न करके बालको प्रबंधन के द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों की सूची की मांग करें और सूची में उपलब्ध कार्यों में व्यय किए गए धनराशि का भी सम्पूर्ण विवरण मांगे, इसके बाद स्वयं उन कार्यों की सत्यता की जांच करें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
क्षेत्रीयतावाद को बढ़ावा देने का प्रयास
छोटे ठेकेदारों के हित की कोई बात नहीं
आंदोलन के 6वें बिंदु को लेकर कहा गया है कि “बाहरी ठेकेदारों को भगाने का कार्यक्रम  आयोजित किया जाएगा।” इसका सीधा सा अर्थ तो यही है क्षेत्रीयतावाद के विवाद को हवा देने का प्रयास जिला भाजपा कर रही है। कितने स्थानीय छोटे ठेकेदारों को प्लांट में काम दिया गया है इसकी सूची मांगकर सार्वजनिक करना चाहिए। क्षेत्रीय ठेकेदारों की कार्यक्षमता बड़े स्तर की नहीं है और लेदेकर पेटी ठेके पर वे काम करने के लिए विवश हैं।
बाहरी ठेकेदारों को भगाने के स्थान पर स्थानीय स्तर पर काम करने वाले छोटे ठेकेदारों के हित की बात भाजपा जिलाध्यक्ष को करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार करोड़ों के टर्न ओवर वालों को ठेके में प्राथमिकता दी जाती है और इस कारण छोटे ठेकेदार पिछड़ जाते हैं। 20-50-80 लाख रुपयों के टर्न ओवर वाले छोटे ठेकेदारों को भी प्राथमिकता मिलने की बात करना चाहिए।

आंदोलन के 6वें बिंदु पर बालको प्लांट को अनिश्चित काल के लिए बंद करने की बात भी अत्यंत हास्यास्पद है। बालको के विकास में सहयोग की बात भाजपा जिलाध्यक्ष को करना चाहिए। प्लांट बंद करना किसी समस्या का हल नहीं है और अगर बंद करना ही है तो लालघाट सड़क पर जाकर नाले के मुहाने को हमेशा के लिए बंद करने की बात कीजिए।
आंदोलन की वास्तविकता क्या है?
जनजीवन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर लालघाट के पास डेंगुर नाला (केसला नदी) के माध्यम से जनजीवन के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए जनहित में भाजपा जिलाध्यक्ष आंदोलन कर पाएंगे? शायद नहीं कर पाएंगे और इसके लिए कोई भी राजनीतिक दल सामने भी नहीं आएगा। चूड़ी भेंट करना, भजन कीर्तन करना, अधिकारियों के घर राख फेंकने से समस्या हल नहीं होने वाली है।
पब्लिक भी समझती है। तो वास्तविकता क्या है?लग तो यही रहा है कि अब जो भी होगा वह गाय-बिल्ली की लड़ाई जैसा होगा जिसमें किसी पक्ष की न तो हानि है और न किसी पक्ष की हार।

कोर्टाना अंदाज में तारीख पर तारीख देते हुए ये हैं आंदोलन के बिंदु :-
(1)दिनांक-11 जुलाई 2023 को मानव संसाधन प्रमुख के घर का घेराव एवं महिला मोर्चा द्वारा उनको चूड़ी बिंदी पहनाने का कार्यक्रम होगा।
(2)दिनांक-13/7/2023 को प्रसाशनिक प्रमुख के निवास का घेराव किया जाएगा।
(3) दिनांक-15/7 2023 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी के निवास का घेराव एवं भजन कीर्तन कर उनको सद्बुद्धि प्रदान करने की प्रार्थना का कार्यक्रम किया जाएगा।
(4)दिनांक-16/7/2023 को सभी प्रमुख अधिकारीयों के घर मे जाकर राखड़ भेंट किया जाएगा।
(5)दिनांक-17/7/2023 को राखड़ परिवहन बन्द कर बाहरी ठेकेदारों को भगाने का कार्यक्रम  आयोजित किया जाएगा।
(6)20 जुलाई को बाल्को प्लांट को अनिश्चित कालीन बंद किया जाएगा ।
इन लिंक्स पर जाने जीवनदायिनी-जीवनधारा हसदेव की दुर्दशा
.
★“नमामि हसदेव”..भाग-06 : जिला भाजपा की ललकार या.. कौन बनेगा मां का लाल..?  https://veerchhattisgarh.in/?p=13437
★“नमामि हसदेव”-भाग-04 : पर्यावरण दिवस पर बालको का पर्यावरण विरोधी कुकृत्य जारी रहा.. निगम क्षेत्र में कैंसर, अस्थमा, न्यूकोनोसिस सहित कई बीमारियों को खुलकर दिया जा रहा निमंत्रण.. https://veerchhattisgarh.in/?p=13153
★राजस्व मंत्री का बालको  दौरा..प्रबंधन के फूले हाथ पांव..! किसकी  जाएगी नदी में नाव.. चूके भाजपा जिलाध्यक्ष… http://veerchhattisgarh.in/?p=13901
★बालको के विरुद्ध केद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिख पाएंगे डॉ. राजीव सिंह..? दिलीप मिरी ने दिखाया था दम.. बालको को बेअसर चेतावनी के 10 दिन हुए पूरे.. मोर्चे में जंग या…! http://veerchhattisgarh.in/?p=13746
★यक्ष प्रश्न ”बालको से सूची ले पाएंगे भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव सिंह..??” तभी तो सार्थक होगा आंदोलन… http://veerchhattisgarh.in/?p=13574
★बालको को कौन ऑफिसर्स दे रहें हैं चुनौती..? http://veerchhattisgarh.in/?p=13473
★“नमामि हसदेव”-भाग-03 : बालको के दर्द से सिसकती मां की पाती छत्तीसगढ़ के लाल CM भूपेश बघेल के नाम.. कोरबा जिले में भेंट-मुलाकात  आज… http://veerchhattisgarh.in/?p=12829
★“नमामि हसदेव” भाग – 07 : संस्कृति-प्रकृति के रक्षक PM मोदी से पीड़ित मां के यक्ष प्रश्न.. बालको प्रबंधन दे रहा धीमा जहर..PM मोदी 07 जुलाई को छत्तीसगढ़ की धरा पर… https://veerchhattisgarh.in/?p=13930
★“नमामि हसदेव”-भाग-01.. ऊर्जा नगरी के मुर्दों में भागीरथी तलाश रही जीवनधारा.. डेंगू नाला में विषैला, केमिकलयुक्त पानी.. कांप रहें हैं हाथ… http://veerchhattisgarh.in/?p=11098
-सभी फ़ाइल चित्र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *