सुरेंद्र किशोर : राजनीतिक दलों का राष्ट्रहित पर भी असंतुलित रवैया चिंताजनक
बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कह रहे हैं कि हम ‘‘जनमत और बहुमत के बल पर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे।’’
……………………….
दूसरी ओर, प्रतिबंधित जेहादी संगठन पाॅपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया कह रहा है कि ‘‘हम हथियारों के बल पर सन 2047 तक भारत को मुस्लिम राष्ट्र बना देंगे।’’
जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए पी.एफ.आई.बड़े पैमाने पर देश में आग्नेयास्त्र बांट रहा है।
………………………..
इन दो पाटों के बीच हमारे जैसे ‘संविधानवादियों’ का अंततः क्या हश्र होगा ?!!
……………………..
खैर, हमारा जो भी हश्र हो,वह तो बाद में देखा जाएगा।
पर, पहले इस बात पर गंभीरता से गौर कीजिए कि विभिन्न राजनीतिक दलों का इन दोनों तरह के अतिवादी संगठनों के प्रति मौजूदा रवैए के कारण उनका व देश का
क्या हश्र हो सकता है !
……………………………………….
जहां तक मेरी जानकारी है,भाजपा के कोई नेता पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कोई बयान नहीं दे रहे हैं।
……………………..
दूसरी ओर, भाजपा विरोधी दलों के खास कर तथाकथित ‘‘सेक्युलर’’ दलों के कोई नेता या पत्रकार-बुद्धिजीवी पाॅपुलर फ्रंट को नाराज करने वाली कोई बात नहीं बोल रहे है।
…………………………
एक पूर्व उदाहरण,
27 फरवरी , 2002 की सुबह में ही गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर मुस्लिम अतिवादियों ने ट्रेन के डिब्बे में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी और 59 कार सेवकों को जिन्दा जला दिया।
……………………………
उस दिन पूरे दिन वह खबर चलती रही।
पर,जहां तक मुझे याद है,किसी ‘सेक्युलर नेता’ ने कार सेवक दहन कांड की निन्दा करते हुए कोई बयान नहीं दिया।
हां, जब गुजरात में हिन्दू अतिवादियों ने जवाबी हिंसा शुरू की तो सभी सेक्युलर दल एक साथ भाजपा और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर टूट पड़े।
……………………
इस पक्षपाती रवैये का नतीजा–
तब से आज तक गुजरात विधान सभा चुनाव में कोई दल भाजपा को हरा नहीं सका।
…………………
काश ! गोधरा कार सेवक दहन कांड और बाद की हत्याओं कीे समान रूप से सेक्युलर दलों ने तब निन्दा की होती।
मेरी समझ से तब गुजरात में गैर भाजपा दलों की लगातार शर्मनाक पराजय नहीं होती।बल्कि नरेंद्र मोदी का भी राष्ट्रीय फलक पर उदय संभवतः नहीं होता।