क्या वाहवाही करवाने के लिए प्राइवेट विद्यालय के काम का क्रेडिट ले लिया केजरीवाल सरकार ने..?

दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ‘न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT)’ में छपे एक लेख को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. हालाँकि, वो लेख था या फिर पैसे देकर करवाया गया विज्ञापन, इसको लेकर राजनीति प्रारम्भ हो गई है. इसी बीच सामने आया है कि NYT के उस तथाकथित विज्ञापन में जिन बच्चों को दिल्ली के सरकारी विद्यालयों का बताया गया है, वो तस्वीर सरकारी विद्यालय की नहीं, बल्कि प्राइवेट विद्यालय की है. यानी AAP गवर्नमेंट ने अपनी वाहवाही करवाने के लिए प्राइवेट विद्यालय के काम का क्रेडिट ले लिया है.

यही नहीं, लोगों का यह भी बोलना है कि NYT में छपी वो ‘खबर’ नहीं, बल्कि पैसे देकर छपवाया गया विज्ञापन है. इसे अरविंद केजरीवाल का एक और नया राजनीतिक पैंतरा बताया जा रहा है.

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दरअसल, पता चला है कि NYT में छपी तस्वीर दिल्ली के मयूर विहार स्थित ‘मदर मेरी स्कूल’ के स्टूडेंट्स की है. इसी बीच दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के ठिकानों पर सीबीआई की रेड के बीच अब केजरीवाल विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने केजरीवाल को घेरते हुए लिखा है कि, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स और ख़लीज़ टाइम्स में पैसे देकर ख़बर तो छपवा ली, पर असत्य और चोरी की आदत नहीं गयी. ये फ़ोटो दिल्ली के सरकारी विद्यालय की नहीं, बल्कि मयूर विहार के ‘मदर मैरी स्कूल’ के बच्चों की । केजरीवाल और सिसोदिया राष्ट्र में भी असत्य बेच रहे हैं और विदेश में भी.’ वहीं, मनीष सिसोदिया पर पड़े छापे को लेकर AAP के नेता कह रहे हैं कि केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता को देख कर बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी घबरा गए हैं और इसी वजह से यह रेड पढ़वाई गई है. जबकि, आज से लगभग 20-25 दिन पहले ही दिल्ली के LG विनय कुमार सक्सेना ने नयी आबकारी नीति की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे. जिसके बाद केजरीवाल गवर्नमेंट ने जांच के डर से तुरंत यू टर्न लेते हुए वापस पुरानी शराब नीति लागू करने की घोषणा कर दी थी. लेकिन अब सिसोदिया के विरूद्ध जांच प्रारम्भ हो चुकी है.
यहां ये भी ध्यान देने योग्य है कि NYT और ‘खलीज टाइम्स’ में छपा वही लेख या विज्ञापन था, जिसे करण दीप सिंह नामक एक रिपोर्टर ने लिखा है, जो पहले से ही बीजेपी और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोधी रहा है. वहीं, केजरीवाल ने बोला कि, ‘जिस NYT के पहले पन्ने पर आने के लिए दुनिया के प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति बेचैन रहते हैं, वहाँ मनीष सिसोदिया की तस्वीर प्रकाशित हुई. एक तरह से उन्हें  (सिसोदिया को) विश्व का सबसे अच्छा शिक्षा मंत्री बताया गया. सालों बाद हिंदुस्तान की सकारात्मक समाचार छपी. कोविड-19 से सर्वाधिक मौतों की समाचार तो छपी थी. उनके घर सीबीआई छापा मारने पहुँच गई. सीबीआई को ऊपर से आदेश है कि इन्हें तंग करो. पहले भी कई छपेमारियाँ कर चुके, लेकिन कुछ नहीं मिला. अभी भी कुछ नहीं मिलेगा. अड़चनें आएँगी, मगर काम नहीं रुकेगा.’

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