दीपक विश्वकर्मा : खुद की तलाश में विशाल ब्रह्मांड में अपने अस्तित्व की थाह..
उदयगिरी-खंडागिरी
एक दोपहर उदयगिरी – खंडागिरी, भुवनेश्वर की पहाड़ियों में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की गुफाओं में बिताने का अवसर मिला। इन पहाड़ियों में गुफाओं का निर्माण जैन मुनियों ने किया था।
पत्थरों पर उत्कीर्ण ज्यादातर कलाकृतियां लगभग 2200 सालों के लंबे समयांतराल में नष्ट हो चुकी हैं। इन्हें देखकर लगता है कि खुद की तलाश और इस विशाल ब्रह्मांड में अपने अस्तित्व की थाह लेने की मनुष्य में कितनी तीव्र उत्कंठा होती है।
यह सोचकर ही रोमांच का अनुभव होता है कि पत्थरों को काटकर जैन मुनियों ने गुफाओं का निर्माण करवाकर ध्यान के सारे प्रयोग इन्हीं पहाड़ियों में किए होंगे। यहीं पर है एक दिगंबर जैन मंदिर लेकिन कोविड के बाद से वह श्रद्धालुओं के लिए बंद है। इन्हीं पहाड़ियों की तराई में एक अवधूत संत की पादुका स्थली है। बड़ी संख्या में यहां पर्यटकों का जमावड़ा रहता है।
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