मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर श्रीमती रानू साहू पर जताया विश्वास.. कमिश्नर बनेंगी…?
कलेक्टर श्रीमती रानू का कार्यकाल जिले में अब तक पदस्थ रहे कलेक्टरों में सबसे कम रहा है लेकिन सबसे अधिक प्रभावी और जनकल्याणकारी रहा। पूर्व की भांति ऊर्जा नगरी, काले हीरे की नगरी में कलेक्टरी की सफल पारी के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी रायगढ़ का दायित्व सौंपा है।
रायगढ़ जिले में काम करना बेहद चुनौती भरा है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पारखी नजरों ने उनकी प्रशासनिक क्षमताओं को परखने के बाद, श्रीमती साहू की फ्लॉवर, फायर के साथ ही मोटिवेटर के रूप में कार्यशैली का आंकलन करने के बाद ही रायगढ़ जैसे चुनौतियों से भरे वृहद जिले की जिम्मेदारी सौंपी है। रायगढ़ पूरे प्रदेश का एक ऐसा जिला है जहां पर सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष को भी साधकर प्रशासन चलाना चुनौतियों से भरा है।

योजनाओं के क्रियान्वयन में बदहाली के कारणों को भांपकर कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने कोरबा में पदस्थापना के साथ ही इसे व्यवस्थित करने में जुट गई थीं।
श्रीमती साहू की अब तक की महिला कलेक्टरों में सर्वश्रेष्ठ कार्यशैली रही है। श्रीमती साहू के हाथों में जिले की बागडोर आते ही कलेक्ट्रेट के दरवाजे आम लोगों के लिए निर्बाध रूप से खोल दिए गए, दरवाजे को बंद करने पर ब्रेक लगा और आम लोगों की सुनवाई कर शिकायतों पर कड़े कदम उठाए गए। प्रशासनिक कसावट के साथ कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए सिस्टम को बदला गया।
जिले की जनता की पीड़ा को दूर करने फील्ड में जाकर काम करना हो या जनचौपाल में.. पूरा समय उन्होंने दिया और लोगों की समस्याएं सुनती रहीं। परंपरागत साड़ी, चूड़ी पहने, माथे पर तिलक लगाया हुआ उनका सौम्य व्यक्तित्व उनसे मिलने आए लोगों को, पीड़ितों को अपने साथ विशेष आत्मीयता का भाव-जुड़ाव प्रकट करता था और यही कारण था कि लोग खुलकर अपनी बात उनके सामने अपने घर के सदस्य जैसा मानकर व्यक्त करते थे।

श्रीमती साहू ने भी पीड़ितों की समस्याओं के समाधान के रास्ते निकाले। सबसे बड़ी बात यह भी थी कि जिनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता था, उसकी वजह भी स्पष्ट बताई जाती थी। इस दौरान सभी विभागों के अधिकारियों को मौजूद रहने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि इसमें किसी प्रकार की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कलेक्टर जनता के सेवक हैं, आमजन अपनी समस्या लेकर उनके पास जाते हैं ताकि वे उनकी समस्या सुनकर संबंधित अफसरों को उसके निदान के लिए निर्देश दें। श्रीमती साहू अपने कार्यकाल के दौरान जनता के सेवक की भूमिका का दायित्व निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से किया।
श्रीमती साहू के गरिमामय व्यक्तित्व का ही प्रभाव था, जिसके कारण प्रदेश में अपने प्रत्येक कार्यकाल के दौरान जिले के अधिकारियों व कर्मचारियों का सदैव सकारात्मक सहयोग मिला और राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इसके लिए प्रशासनिक व गैर प्रशासनिक सभी वर्गों का सहयोग उनको मिला है। इस बात को विभिन्न अवसरों पर उन्होंने स्वीकार करते हुए सार्वजनिक मंचो से सबको धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के कार्यकाल की एक छोटी सी समीक्षा इस link पर…
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू : कार्यकाल के 1 बरस.. फ्लॉवर, फायर और मोटिवेटर भी..आमजन की कलेक्टर..
तब श्रीमती साहू को कॉल आया कि अगर.. तो आपको बर्खास्त कर देंगे.
आवेदिका के वकील हर बताइस के ओखर तीन ठन नान-नान लइका हावय। मामला ला देखे अऊ सुने से ऐसन लागत हावय के आवेदिका ला दू महिना बर जमानत मा छोड़ना ठीक रही।

राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने सटीक गणनाओं के लिए ख्यातिप्राप्त प्रसिद्ध ज्योतिषी निशांत ताम्रकार ने ने 3 मार्च 2022 को एक प्रश्न के उत्तर में जवाब दिया था कि 26 मई से 15 अगस्त 2022 के बीच कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के ट्रांसफर के योग है।
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प्रशासनिक दृष्टिकोण से एक वर्ष के कार्यकाल की कुछ विशिष्ट उपलब्धियां..
- सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम अंतर्गत 12 शिविरों के माध्यम से जिले के 83 हजार से अधिक नागरिक राशन, पेंशन, किसान किताब, वन अधिकार, ड्राइविंग लाइसेंस आदि से हुए लाभान्वित
- चार मेगा हेल्थ शिविरों से 10 हजार से अधिक लोगो का हुआ निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं ईलाज
- निःशुल्क बीपी, शुगर कैम्पों के आयोजन से 60 हजार से अधिक लोगो का हुआ बीपी, शुगर जांच
- सी-मार्ट और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से महिला समूहों का होगा आर्थिक विकास, महिलाओं को मिलेगा रोजगार
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के मार्गदर्शन में पिछले एक वर्ष में कोरबा जिले में जनहित के हुए विभिन्न कार्य
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के मार्गदर्शन एवं कुशल नेतृत्व में कोरबा जिले में पिछले एक वर्ष में जनहित के विभिन्न कार्यो का क्रियान्वयन हुआ है। एक ओर पिछले एक वर्ष के दौरान जिले में आम नागरिकों की सहुलियतो और सुविधाओं में वृद्वि हुई है। वही दूसरी ओर जिला प्रशासन की विशेष पहल से जनता को राशन, पेंशन, आय, जाति प्रमाण पत्र भी सरलता से प्राप्त हुई हैं। कलेक्टर श्रीमती साहू की स्वास्थ्य, शिक्षा एवं नागरिकों के हित में काम करने की मंशा के फलस्वरूप जिले में सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम, वृहद स्वास्थ्य शिविर, निःशुल्क बीपी, शुगर जांच शिविर, नये स्वामी आत्मानंद स्कूलों की स्वीकृति, सी-मार्ट एवं रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना से जिले वासियों को निश्चित रूप से लाभ हुई है।
कलेक्टर श्रीमती साहू की विशेष पहल सरकार तुंहर द्वार कार्यक्रम के तहत् अब तक जिले में 12 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है। इनमें से आठ ग्रामीण क्षेत्रों और चार नगर निगम कोरबा क्षेत्र में आयोजित किए गये है।
कलेक्टर की विशेष पहल से आम शिविरों की तुलना में सरकार तुंहर द्वार शिविर में अधिकारी-कर्मचारी नागरिकों के घर जाकर शिविर के 15 दिन पहले घर-घर सर्वे करके उनकी समस्याओं से संबंधित आवेदन प्राप्त किए। प्राप्त आवेदनों का निराकरण करने के पश्चात शिविर स्थल में ही सेवाओं से नागरिकों को लाभान्वित किया गया। इसके माध्यम से 83 हजार से अधिक नागरिकांे को राशन कार्ड, वन अधिकार, नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन, आर्थिक सहायता, जॉब कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, बैंक लिंकेज, महिला कोष ऋण वितरण, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, ई श्रम पंजीयन, आयुष्मान कार्ड, बीज एवं कृषि उपकरण वितरण, आय, जाति प्रमाण पत्र आदि से लाभान्वित किया गया है। सरकार तुंहर द्वार शिविर से जिले वासियों को आसानी से राजस्व प्रकरणों का निराकरण करके लाभान्वित किया गया। साथ ही किसान किताब और किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करके किसानों को खेती किसानी करने के लिए आसानी से खाद-बीज और कृषि ऋण देने में सहुलियत प्रदान किया गया। कलेक्टर श्रीमती साहू की विशेष पहल से इन शिविरों में ड्राइविंग लाइसेंस भी मौके पर ही बनाया गया।
परिवहन विभाग ने अपने संपूर्ण तकनीकी अमलों और जरूरी सामानों के साथ शिविर स्थल में मौजूद रहकर लोगों के लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनाने में काफी सहुलियत प्रदान की। अभी तक शिविर के माध्यम से लगभग एक हजार से अधिक ड्राइविंग लाइसेंस बनाये जा चुके है। आसान प्रक्रिया और चंद घण्टो में लाइसेंस मिलने से प्रोत्साहित होकर महिलाएं भी शिविर स्थल में लाइसेंस बनवाने आये। शिविर के माध्यम से लगभग 300 महिलाओं का ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जा चुका है। कलेक्टर श्रीमती साहू की तत्परता और संवेदनशीलता के कारण पिछले एक वर्ष में जिलेवासियों को मूलभूत सुविधाओं की सेवा आसानी से प्राप्त हुई।
मेगा हेल्थ कैम्प से 10 हजार से अधिक लोगों का हुआ निःशुल्क स्वास्थ्य जांच और ईलाज
कलेक्टर श्रीमती साहू की नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और जरूरतमंदो को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की मंशानुसार जिले में मेगा हेल्थ कैम्प का आयोजन किया गया। इन कैम्पों में जिले और जिले से बाहर के विशेषज्ञ डाक्टरों द्वारा मरीजों का ईलाज किया गया। दूरस्थ क्षेत्रों में रहने के कारण बडे अस्पतालों मे जाकर ईलाज कराने नही जा सकने के कारण को समझते हुए कलेक्टर ने हेल्थ कैम्प का आयोजन किया। इन कैम्पों में भारी संख्या में लोगों ने आकर सेवाओं का लाभ उठाया। पिछले एक वर्ष में चार मेगा हेल्थ कैम्प के माध्यम से 10 हजार से अधिक लोगों का स्वास्थ्य जांच और ईलाज किया गया। साथ ही गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजो की पहचान कर उनके बेहतर ईलाज के लिए जिला प्रशासन की मदद से उच्च अस्पतालों मे रिफर किया गया। स्वास्थ्य शिविर में निःशुल्क दवाईयों के वितरण से भी लोग लाभान्वित हुए।
निःशुल्क बीपी, शुगर जांच कैम्प से 50 हजार से अधिक नागरिक हुए लाभान्वित
लोगो में बीपी, शुगर की बीमारी के प्रति जागरूकता लाने और समय रहते बीमारी की पहचान कर ईलाज शुरू करने के उद्देश्य से कलेक्टर श्रीमती साहू की पहल से निःशुल्क बीपी, शुगर जांच कैम्प का आयोजन किया गया। जिले में आयोजित दो कैम्पों के माध्यम से लगभग 50 हजार से अधिक लोगो का बीपी, शुगर जांचा गया। साथ ही जांच उपरांत बीपी शुगर असामान्य होने पर लोगों को जरूरी दवाइयां और बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सलाह भी दी गई।
सी-मार्ट की स्थापना और रिपा क्षेत्र के विकास से ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा आर्थिक बल
जिले की स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक बल देने तथा उनके द्वारा बनाये जा रहे स्थानीय उत्पादों को बेचने के लिए जगह प्रदान करने के उद्देश्य से कोरबा शहर में सी-मार्ट का स्थापना किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुसार सभी जिलों में सी-मार्ट स्थापित करने के निर्देश उपरांत कलेक्टर श्रीमती साहू ने कोरबा शहर में सी मार्ट स्थापित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की। महिलाओं के द्वारा बनाए गए उत्पाद के बिक्री के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए जिला मुख्यालय में सी-मार्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। ताकि स्व सहायता समूह की महिलाओं को अच्छा बाजार मिल सके जिससे महिलाओं को आर्थिक लाभ हो। इसी प्रकार ग्रामीण महिलाओं को गौठान में विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से जोडने के लिए रूरल इडस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जा रही है। जिले में अमरपुर और केराझरिया गौठान रिपा क्षेत्र विकसित किया जा रहा है। जिसमें शेड विकसित किया जा रहा है। इन शेड में महिलाएं आजीविका के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित करेंगी। साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार से जुडने का अवसर प्राप्त होगा।
