Twitter v/s मोदी सरकार : 4 महीने में 25 फीसदी शेयर टूटे

सोशल नेटवर्किंग साइट Twitter का भारत सरकार से टकराव से पिछले चार महीने में इस अमेरिकी कंपनी के शेयर करीब 25 फीसदी टूट गए हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने आईटी नियमों में बदलाव के कारण अब ट्विटर को भारत में कानूनी सुरक्षा खत्म हो गई है और   Twitter ने भारत में मिला कानूनी संरक्षण खो देने के कारण अब इसपर किसी भी थर्ड पार्टी कंटेंट (किसी भी यूजर द्वारा पोस्ट किया गया कंटेंट) के लिए IPC के तहत एक्शन लिया जा सकता है। फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

ट्विटर का नुकसान बढ़ा

Veerchhattisgarh

पिछले तीन-चार महीने में भारत सरकार से लगातार टकराव की वजह से ट्विटर को काफी नुकसान हुआ है और अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में बुधवार को ट्विटर का शेयर करीब आधा फीसदी टूटकर 59.93 अमेरिकी डॉलर पर बंद हुआ।

13 नवंबर को गत वर्ष जब भारत सरकार ने ट्विटर को एक नोटिस भेजकर इस बात पर आपत्ति की थी कि उसने लेह को लद्दाख की जगह जम्मू-कश्मीर का हिस्सा क्यों दिखाया, तब सोशल मीडिया पर इसके बाद  #BanTwitter ट्रेंड होने लगा था।

इसके बावजूद इसके शेयर फरवरी तक चढ़ते रहे।इसके बाद भारत सरकार ने Twitter को एक नोटिस भेजकर किसान आंदोलन समर्थक कई अकाउंट को बैन करने को कहते हुए सजग किया कि ITAct एक्ट के section 69A के तहत यदि ट्विटर ने मानकों का पालन नहीं किया तो उसे इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।

लगातार टकराव

खालिस्तान समर्थक हैं या जिनको पाकिस्तान के सहयोग से चलाया जा रहा है, ऐसे एकाउंट को सरकार ने 8 फरवरी को ट्विटर को ऐसे 1,178 अकाउंट को हटाने को कहा था,पर ट्विटर ने इस नोटिस का जवाब ही नहीं दिया।

तब इसी वर्ष  25 फरवरी को मोदी सरकार ने सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म के लिए न्यू आईटी रूल के तहत नई आचार संहिता बनाते तक ट्विटर के शेयरों पर कोई असर नहीं हुआ था और 26 फरवरी को इसके शेयर 52 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गए।

इस बीच भारत सरकार से लगातार टकराव बने रहने की वजह से इसके शेयर संभल नहीं पाए और 13 मई को टूटकर 50.11 डॉलर के निचले स्तर पर पहुंच गए और इसी मध्य 5 जून को भारत सरकार ने ट्विटर को एक फाइनल नोटिस भेजा था कि वह उसके नई आईटी रूल को फॉलो करे।

 

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