सरकार ने विदेशों में क्यों भेजी 6.63 करोड़ वैक्सीन क्यों भेजी विदेश..,भाजपा के जवाब से विपक्ष की बोलती बंद

देश में कोरोना की दूसरी लहर के मध्य भारत सरकार द्वारा विदेशों में वैक्सिन भेजें जाने को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर रहा। वैक्सिनेशन अभियान चल रहा है लेकिन भारत में जनसंख्या अत्यधिक होने की वजह से लगातार उत्पादन होने के बावजूद भी वैक्सीन की कमी हो रही है।

भारत कोरोना महामारी के दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में विपक्ष लगातार वैक्सीन की कमी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है। कांग्रेस, आप समेत तमाम पार्टियां सवाल खड़े कर रही थी।

महामारी की विकट परिस्थितियों में कोरोना वैक्सीनेशन की कमी की वजह से कुछ भ्रम का माहौल भी पैदा हुआ है, ऐसे में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपनी पार्टी और सरकार का पक्ष रखते हुए विपक्ष को करारा जवाब दिया।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक ट्वीट में कहा कि ” कांग्रेस वैक्सीन को लेकर लगातार भ्रम उत्पन्न करने की कोशिश कर रही है। कल तक करीब 6.63 करोड़ वैक्सीन भारत के बाहर भेजे गए थे। सवाल उठे कि देश से बाहर वैक्सीन क्यों भेजे गए?”

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उन्होंने कहा कि ” राहुल गांधी वैक्सीन को लेकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं उसपर तथ्य रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 11 मई 2021 तक लगभग 6.63 करोड़ वैक्सीन के डोज हिंदुस्तान के बाहर भेजे गए थे। इसमें मात्र 1 करोड़ 7 लाख वैक्सीन मदद के रूप में भेजा गया है। बाकी 84% वैक्सीन लायबेलिटी के रूप में भेजी गई है, जो आपको करना ही था चाहे किसी कि भी सरकार होती। इसके अलावा 20 लाख डोज संयुक्त राष्ट्र का पीस कीपिंग फोर्स को दिया, और उस फोर्स में 6600 हिंदुस्तान के जवान पीस कीपिंग के लिए काम कर रहे हैं। हमारे जवान सुरक्षित रह सकें उसके लिए डोज दिया।

उन्होंने कहा कि जिन देशों से वैक्सीन के लिए कच्चा माल लिया गया है उन देशों को वैक्सीन देने का करार हुआ था और उनको वैक्सीन देने के लिए बुकिंग हुई थी, कमर्शियल लायबिलिटी के तहत यह वैक्सीन दी गई। उन्होंने कहा कि लाइसेंसिंग जिम्मेदार के तहत भी टीके एक्सपोर्ट किए गए। लाइसेंसिंग जिम्मेदारी, जो सिर्फ कोवीशील्ड के लिए है, जो ऑक्सफोर्ड की एस्ट्रैजेनेका वैक्सीन है, 14 प्रतिशत कथित एक्सपोर्ट यूके को गया है, क्योंकि यूके में ही लाइसेंस होल्डर ऑक्सफोर्ड है। ”

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि SII और ऑक्सफोर्ड के बीच में जब एक करार हुआ था। करार में तय हुआ था कि SII एस्ट्राजेनेका को किसी भी कीमत पर हर महीने 50 लाख वैक्सीन पहुंचाएगा। SII ने मना कर दिया। इसपर एस्ट्राजेनेका ने लाइसेंस रद्द करने की धमकी दी थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की मध्यस्थता के चलते लाइसेंस रद्द नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 12.5 प्रतिशत वैक्सीन सऊदी अरब को एक्सपोर्ट हुई, सऊदी अरब में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं और उन सभी को दोनों डोज मुफ्त में सऊदी अरब ने लगाई है और खुद भारत को वैक्सीन के लिए पेमेंट किया है।