सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऑक्सीजन ऑडिट के निर्देश : अब दिल्ली में सरप्लस ऑक्सीजन की बात कर रही दिल्ली सरकार

दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी पर आम आदमी पार्टी लगातार केंद्र सरकार पर आक्रमक रुख अपनाये थी। वही अब अरविंद केजरीवाल की आप सरकार ने दिल्ली में सरप्लस ऑक्सीजन होने की बात कही है। गुरुवार को दिल्ली सरकार ने सरप्लस ऑक्सीजन की का घोषणा करते हुए कहा कि जरूरतमंद राज्यों को यह दिया जा सकता है।
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि यह घोषणा सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की आपूर्ति, वितरण और उपयोग का ऑडिट करने के लिए एक पैनल की स्थापना के निर्देश जारी करने के बाद की गई है। ऑक्सीजन ऑडिट को लेकर दिल्ली सरकार ने विरोध दर्ज कराया था।
पूर्व में दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दिल्ली की 700 मीट्रिक टन की मांग सही नहीं लगती।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि COVID-19 स्थिति के आकलन के बाद फिलहाल दिल्ली की ऑक्सीजन की जरूरत 582 मीट्रिक टन प्रतिदिन है। एक जिम्मेदार सरकार के रूप में हम अपनी सरप्लस ऑक्सीजन उन राज्यों को देने को तैयार हैं, जिन्हें इसकी आवश्यकता है।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में कोरोना के मामलों में आ रही कमी बहुत ही राहत की बात है। अस्पतालों में मरीजों की मौजूदा संख्या को देखते हुए ऑक्सीजन की जरूरत भी कम हुई है। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने केन्द्र को चिट्ठी लिखकर कहा है कि ऑक्सीजन की माँग में अब कमी आई है, इसलिए दिल्ली को अब 700 की जगह 582 मीट्रिक टन की आवश्यकता है। हमने केंद्र सरकार से बाकी ऑक्सीजन जरूरतमंद राज्य को देने के लिए अनुरोध किया है।