स्वास्थ्य-समृद्धि : गाय की परिक्रमा से आभामंडल का ओज – ऊर्जाचक्र बढ़ता है 7 गुना

गाय की परिक्रमा रोज करीब 10 बार करने से शरीर का ऊर्जा चक्र 7 गुना बढ़ जाता है। आभामंडल का ओज भी तेज होता है, जोकि अपने आप में अद्भुत है।

आभामंडल या अंग्रेजी का औरा सही है तो जीवन में सबकुछ सही होगा। जीवन के हर क्षेत्र में वे ही लोग ज्यादा प्रगति करते हैं जिनका आभामंडल शुद्ध और सशक्त होता है। स्वस्थ, समृद्ध जीवन का आशीर्वाद है ओजमयी आभामंडल। झूठ बोलने वालों का आभामंडल सबसे कमजोर होता है।

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देवी या देवताओं के चित्रों में पीछे जो गोलाकार प्रकाश इसी का प्रतीक है। आभामंडल वस्तुतः हमारे शरीर के आसपास एक एनर्जी सर्कल होता यानि इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक फिल्ड होता हैं। आभामंडल सजीव-निर्जीव सभी मे होता है। पृथ्वी का भी आभामंडल है। चंद्रमा के आसपास प्रकाश पुंज उसका आभामंडल है। जिसे ध्यान से देखने पर दूर तक गोल दिखाई देता है।

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प्रत्येक व्यक्ति का ओरा अलग-अलग रंग का होता है जिससे उसके व्यक्तित्व, स्वभाव और उसकी जीवेषणा का पता चलता है। जैन धर्म में आभामंडल को लेश्या कहते हैं। जैनधर्म मानता है कि 6 तरह की लेश्याएं होती है।

आभामंडल को भौतिक रूप से ठीक करने के लिए साधुसंत धूनी के ताप की प्रक्रिया अपनाते है। आग के सामने पीठ करके बैठें और बहुत थोड़े समय के लिए तापें। ऐसा कम से कम 43 दिन तक करके भी तेज बढ़ाया जा सकता है। पूजापाठ के दौरान आरती उतारने वाले को आरती का लाभ मिलता है, इससे आभामंडल मजबूत होता है। यही आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता को भी तेज करता है जो इस कोरोना काल में सबसे ज्यादा जरुरी है।

हल्के विचारों के लोगों का आभामंडल ऐसा नकारात्मक प्रभाव डालता है कि लोग मिलने की इच्छा नही करते। कुछ लोगों से मिलकर बेहद आत्मिक शांति महसूस होती है, ये उनके सकारात्मक आभामंडल के कारण होता है।

जिन लोगों का ओरा अपने विचार और कर्मों के द्वारा नकारात्मक हो चला है उसके पास बैठने या उनसे मिलने की भी अच्छे आदमी की इच्छा नहीं होती है। हम खुद अनुभव करते हैं कि कुछ लोगों से मिलकर हमें आत्मिक शांति का अनुभव होता है तो कुछ से मिलकर उनसे जल्दी से छुटकारा पाने का दिल करता है, क्योंकि उनमें बहुत ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा होती है।