केरल में धुंआधार प्रचार के बाद प. बंगाल में राहुल गांधी के सभी सार्वजनिक रैलियों को स्थगित करने का सच..? 

इधर कुआं और उधर खाई जैसे हालात के साथ कांग्रेस पश्चिम बंगाल में लेफ्ट के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। इसके विपरीत केरल में वो वाममोर्चा के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं।  ऐसे में कांग्रेस की समझ में आया कि लेफ्ट के साथ प्रचार करने पर केरल में उनकी पार्टी कमज़ोर हो सकती है। लिहाजा पार्टी ने केरल में मतदान तक बंगाल में प्रचार से परहेज कर रखा। ऐसे में राहुल गांधी 14 अप्रैल तक चुनाव प्रचार में नहीं उतरे । जबकि वो केरल और असम में लगातार चुनाव प्रचार कर रहे थे। कांग्रेस को लगा कि अगर बंगाल में वो लेफ्ट के साथ एक मंच पर दिखाई देंगे, तो इसका केरल में अच्छा संदेश नहीं जाएगा।
एक बड़ा सवाल ये भी था कि केरल के मंच पर लेफ्ट का विरोध करने के बाद बंगाल में लेफ्ट की तारीफ किस तरह से की जाए ? ये एक बड़ा यक्ष प्रश्न भी सामने आया।
बंगाल में कांग्रेस की मुश्किलें
एक बड़ा सवाल ये भी था कि केरल के मंच पर लेफ्ट का विरोध करने के बाद बंगाल में लेफ्ट की तारीफ किस तरह से की जाए ? ये एक बड़ा यक्ष प्रश्न भी सामने आया।
केरल में अंतिम मतदान 6 अप्रैल को पूरा हो ही चुका था, इसके बावजूद राहुल-प्रियंका ने बंगाल चुनाव की तरफ का रुख नहीं किया। दर्शन नहीं हुए थे क्योंकि बंगाल में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता ये है कि राहुल गांधी अपनी रैलियों में किसकी आलोचना करते “बीजेपी या टीएमसी की।”  ज्यादा आक्रमक होकर चुनाव प्रचार करने से बीजेपी को फायदा मिल जाता। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जीत की संभावनाओं को भी ठेस पहुंचती।
वैसे भी TMC और कांग्रेस के बीच नजदीकियां अभी खत्म नहीं हुई है। कांग्रेस को लगता है कि अगर ममता बनर्जी हार जाती हैं तो 2024 में भाजपा के खिलाफ विपक्ष की लड़ाई कमजोर पड़ सकती है।  बंगाल में बीजेपी से लड़ रही ममता बनर्जी के खिलाफ प्रचार कर राहुल गांधी उनको कमजोर करने के आरोप लेकर केंद्रीय राजनीति में सहयोगी दलों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहते थे क्योंकि एनसीपी,शिवसेना,  सपा, आरजेडी, जेएमएम, जैसे दल ममता का समर्थन कर चुके हैं।
वैसे भी असम सहित तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के लिए मतदान खत्म हो चुके है जबकि अभी बंगाल में पांच चरणों का चुनाव हो चुका है और सिर्फ़ 3 चरणों के मतदान बाकी है।
इसके साथ ही कोरोना के बढ़ते मामलों के देखते कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में सभी चुनावी सभाएं स्थगित कर दी हैं। उन्होंने दूसरी पार्टियों के नेताओं से भी इस संबंध में विचार करने की अपील की है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “ कोरोना वायरस की स्थिति को देखते हुए मैं पश्चिम बंगाल में अपनी सभी सार्वजनिक रैलियों को स्थगित कर रहा हूं। मैं सभी राजनीतिक नेताओं को सलाह दूंगा कि मौजूदा परिस्थितियों में बड़ी सार्वजनिक रैलियों के आयोजन के परिणामों पर गहराई से विचार करें। ”