जीवित हैं नेताजी सुभाषचंद्र बोस.. जल्दी ही आएंगे दुनिया के सामने..?

आचार्य सलिल ने ये दावा करके सबको चौंका दिया है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस जीवित हैं और वे जल्दी ही देश-दुनिया के समक्ष प्रकट होंगे।

21 अक्टूबर 1943 को आज ही के दिन सिंगापुर में सुभाष चंद्र बोस ने आज़ाद हिंद सरकार की स्थापना की थी।

देश का एक बड़ा वर्ग आज भी उनको देश का पहला प्रधानमंत्री मानता है।

Veerchhattisgarh

आप कभी पिकनिक मनाने जाते हैं और 15-20 की संख्या में परिवार को लेकर चिंतित हो जाते है कि देख तो छोटू कहा गया, मोनू कहा है, माचिस लाना भूल गए तो खाना कैसे बनेगा?

देश की विषम परिस्थितियों के बीच जर्मनी जाकर लगभग 40,000 की फौज बनाना। उसके रोज के खाने-पीने की, बंदूक-तोप चलाने की ट्रेनिंग देना…अपने देश से दूर विदेश में रहकर किसी विराट पुरुष के लिए ही ऐसा संभव था। उस वक़्त व्हाट्सएप, संपर्क के साधन उपलब्ध नहीं होने के बावजूद किस तरह उन्होंने ये सब अद्भुत क्षमता के साथ किया।

अंतरराष्ट्रीय राजनीति के मैदान में

सुभाषचंद्र बोस जो कांग्रेस के 2 बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और बाद में महात्मा गांधी से मतभेद के चलते कांग्रेस से अलग होकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति के मैदान में ताल ठोक के अपना सिक्का जमाया। उनका अपना बैंक, अपना झंडा, अपनी करेंसी थी और खुद ही उन्होंने भारत को स्वतंत्र घोषित करते हुए 21 अक्टूबर प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति के रूप में  नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में बनी इस सरकार को जर्मनी, जापान, फिलीपीन्स, कोरिया, चीन, इटली, मान्चुको और आयरलैंड द्वारा भी मान्यता दी गई थी।

क्यों भागे थे अंग्रेज..भारत का सैनिक विद्रोह

क्लिमैन्ट रिचर्ड एटली जो कि 1945 से 1951 तक ब्रिट्रेन के प्रधानमंत्री रहे। अंग्रेजी राज के भारत छोड़ने को लेकर कहना था कि “यह उस चिंगारी की वजह से था जो नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने भारतीय सेना में पैदा कर दी थी। हम 1857 का सिपाही विद्रोह देख चुके थे”।

”25 लाख भारतीय सैनिक द्वितीय विश्वयुद्ध जीतकर लौट रहे थे। इस बीच कराची नेवल बेस, जबलपुर, आसनसोल जैसी कई जगहों पर भारतीय सैनिकों के विद्रोह की खबरें आ रही थीं’।

”आजाद हिंद फौज में शामिल होने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही थी।

एटली ने आगे कहा था कि हम जान गए थे कि अब ज्यादा दिनों तक भारत पर कब्जा बनाए रखना मुश्किल है। यह सुभाष चंद्र बोस का प्रभाव था कि भारतीय लोगों में राष्ट्रवाद का प्रवाह अचानक बहुत तेजी से बढ़ गया था”।

”हम समझ गए थे कि अब यह महज वक्त की बात है। अगर हमने इस देश को छोड़ा नहीं तो हमें खूनी क्रांति का सामना करना पड़ेगा”।

 

रहस्यमय अंतिम यात्रा…?

नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अंतिम बार टोक्यो हवाई अड्डे पर ही देखा गया था और वहीं से वे विमान में बैठे थे।

इस संबंध में दो भिन्न बातें सामने आईं, जिनके चलते इसकी सत्यता पर संदेह खड़ा हो गया। पहला तो ये कि नेताजी का शव कहीं से भी बरामद नहीं हो सका और दूसरी बात ये कि उस दिन ताइवान के आस-पास इस तरह की कोई हवाई दुर्घटना ही नहीं हुई थी।

ताइवान सरकार के दस्तावेजों में भी उस रोज हुई किसी हवाई दुर्घटना का जिक्र नहीं है।

नेता जी सुभाष चंद्र बोस की गुमशुदगी का रहस्य सुलझाने के लिए भारत सरकार अब तक तीन आयोगों का गठन होने के बाद भी इन तीनों आयोगों की रिपोर्ट सामने आने के बाद भी नेता जी की मौत को लेकर अंतिम निष्कर्ष को लेकर एक रहस्य बना हुआ है।

 

औघड़ कीनाराम 170 वर्ष तक रहे..

इसी बीच ज्योतिष के क्षेत्र से जुड़े आचार्य सलिल ने ये दावा करके सबको चौंका दिया है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस जीवित हैं और वे जल्दी ही देश-दुनिया के समक्ष प्रकट होंगे।

इस संबंध में में वे कहते हैं की भारत में बहुत से संत ऐसे हुए हैं जिनकी आयु 100 साल से ज्यादा रही है। हम सब लोगों ने महा अवतार बाबा का नाम सुना है, उनकी आयु लगभग 203 साल मानी गई है, कबीरदास लगभग 120 साल जिये गोस्वामी तुलसीदास 126 साल, अघोर आचार्य बाबा कीनाराम लगभग 170 वर्ष जिये, तैलंग स्वामी लगभग 280 साल जिये, हनुमान दास बाबा लगभग 168 वर्ष तक रहे, स्वामी अमर ज्योति जो अभी जीवित हैं इनकी आयु 150 वर्ष से ज्यादा है, शिवानंद बाबा 124 वर्ष है।

 

40 वर्षों से साधनारत है नेताजी

आचार्य सलिल कहते हैं कि भारत एक देवभूमि हैं और यहां दिव्या आत्माएं रहती हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मात्र 16-17 वर्ष की उम्र में घर छोड़कर सन्यासी बनने निकले थे। नेताजी रामकृष्ण परमहंस के भक्त थे।

इस संबंध में वे बताते हैं कि नेताजी की नवमीं कुंडली जागृत है और लगभग बे 40 वर्षों से साधनारत है। भारत देवभूमि हैं और यहां लंबी आयु की परंपरा रही है।

नेताजी की वापसी कब होगी ? इस वक्त वे क्या कर रहे हैं ?इस संबंध में यह दो link क्रमवार देखने से आपको बहुत कुछ समझ में आ जाएगा।

 

नेताजी सुभाषचंद्र बोस की वापसी से कई अनसुलझे रहस्यों से पर्दा उठेगा।