“तमिलनाडु में डीएमके की देशविरोधी सरकार को खत्म करने का समय आ गया..” अमित शाह
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद तमिल भाषा, तमिल संस्कृति और तमिलनाडु के सम्मान के लिए यदि किसी ने सबसे अधिक कार्य किया है, तो वो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। पवित्र सेंगोल को संसद भवन में स्थापित करके भारत के लोकतंत्र के मंदिर में तमिल संस्कृति को प्राधन्य देने का काम माननीय प्रधानमंत्री जी ने किया है।
आज पूरे देश में सबसे खराब कानून व्यवस्था तमिलनाडु की है, प्रीमियम संस्थाओं और यूनिवर्सिटी में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, 700 दिनों के बाद वेंगाइवयाल घटना के दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। तमिलनाडु में अवैध शराब की शिकायत करने पर अवैध शराब बनाने वालों पर कार्रवाई करने की बजाय उसका विरोध करने वाले छात्रों की हत्या कर दी जाती है।
राज्य में देशविरोधी प्रवत्ति भी चरम सीमा पर है, तमिलनाडु सरकार ने 1998 के बम धमाके के मास्टर माइंड की अंतिम यात्रा को सुरक्षा देने का कार्य किया है। ड्रग माफियाओं को ड्रग्स बेचने की खुली छूट मिली है, अवैध खनन करने वाले खनन माफिया राजनीति को भ्रष्ट करने में लगे हैं और भ्रष्टाचार में तो डीएमके के सभी नेताओं ने मास्टर डिग्री की हुई है। एक नेता कैश फॉर जॉब में फंसे हुए हैं, दूसरे नेता मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लाल रेत के खनन में फंसे हुए हैं, तीसरे नेता आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे हैं, चौथे नेता कोयला घोटाले में फंसे हुए हैं, पांचवे नेता 6 हजार करोड़ की CRIDP योजना में आरोपित हैं और 2G घोटाला अभी खत्म ही नहीं हुआ है।
ऐसा लगता है कि समाज के भ्रष्टाचारियों को चुन-चुन कर डीएमके ने मेंबरशिप ड्राइव में शामिल किया है। तमिलनाडु की जनता इस सब से परेशान है इस लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और उनके पुत्र जनता का ध्यान भटकाने के लिए कुछ मुद्दे खड़े कर रहे हैं।
श्री शाह ने कहा कि मोदी जी ने आपके सभी हितों की रक्षा करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि परिसीमन में दक्षिण के राज्यों की एक भी सीट प्रो-राटा के आधार पर कम ना हो और सीटों की बढ़ोत्तरी में दक्षिण भारत के राज्यों को उचित हिस्सा मिले। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हमेशा मोदी सरकार पर तमिलनाडु के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हैं लेकिन सत्य यह है कि यूपीए की सरकार ने 2004 से 2014 के बीच ग्रांट एड एवं डेवोल्यूशन के रूप में तमिलनाडु को मात्र 1 लाख 52 हजार 901 करोड़ रुपए दिए जबकि मोदी सरकार ने 2014 से 2024 के बीच तमिलनाडु को 5 लाख 8 हजार 337 करोड़ रुपए की ग्रांट एड और डेवोल्यूशन फंड दिया है।
इसके अलावा 1 लाख 34 हजार करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए अलग से दिए गए हैं। इसके बावजूद स्टालिन, मोदी सरकार पर अन्याय का आरोप लगा रहे हैं। अन्याय तो तब होता था जब डीएमके, यूपीए सरकार में हिस्सेदार थी। डीएमके नेता केन्द्र में मंत्री थे, और उसके बावजूद तमिलनाडु को उचित फंड नहीं मिलता था। इसके अलाव मोदी सरकार ने 2000 करोड़ रुपए का मदुरई एम्स बनाया है, 6400 करोड़ रुपए मत्स्य पालन के लिए दिए हैं, आपदा प्रबंधन, पेट्रोलियम और गैस संबंधी 9000 करोड़ रुपए और कई स्मार्ट सिटी के लिए फंड दिया है।
