एस्ट्रो निशांत : मोदीमय भारत बनाम पाकिस्तान युद्ध.. 28 जून तक होगा ये “बड़ा”…

और तभी फरवरी के ठीक दूसरे सप्ताह में 14.02.2019 को पुलवामा का दर्दनाक कांड हुआ। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रमक प्रतिक्रिया के साथ ही देश ने देखा कि यह प्रधानमंत्री पूर्व के लोगों की तरह मिमियाने की जगह गुर्राते हुए घर में घुसकर मारता है तब देश की जनता ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
आगे भारत और पाकिस्तान के बीच का युद्ध किस स्तर पर जाएगा..
इसे लेकर अपने टाइम लाइन पर उन्होंने 14 शब्दों में और मात्र 3 पंक्तियों में इतना ही लिखा है कि –
20 जून 2025 से 28 जून 2025
इतिहास में दर्ज होगा
Wait and watch
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इस संबंध में एस्ट्रो निशांत ने बताया कि तीसरे चरण में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण काल के आधार पर भारत और पाकिस्तान के मध्य युद्धकाल की स्थिति में क्या होगा, इसका आंकलन किया गया है।
श्री निशांत कहते हैं कि – “वैसे मोदी जी ने स्थिर लग्न वृश्चिक के 27 हमने अंश पर शपथ लिया, चंद्र भाग्य का मालिक था और 2 अंश का रहा, जिस करण इस शपथ कल में भाग्य ने विपरीत अवस्था में मदद किया। ”
नवांश मीन लग्न में गया जरूर ये ग्रहों के आधार पर लिया गया शपथ काल है। शनि की दशा इस काल में रही है और शनि है 4थे भाव एमे स्व राशि के अंदर मजबूत स्थिति में है।
अर्थात
मोदी जी को हिलाना और उनके पैरों को हिलाना, ना तो विपक्ष के बस की बात है और नहीं विदेशो की औकात है।
लेकिन
कुछ टकराव से देरी हो सकती है।
कुछ परेशानियां जुलाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आ सकती हैं। अपना साथ छोड़ेंगे।
अब अपनों के साथ छोड़ने का आशय बताते हुए एस्ट्रो निशांत कहते हैं कि अपने मे वे देश भी हो सकते हैं जो अभी मोदीजी के साथ खड़े होने की बात कर रहे हैं
विपक्ष हमेशा ही की तरह इस बार भी झंडे उल्टा करेगा, मतलब मोदीजी के विपरीत परिस्थितियों में वे दुश्मन देशों के साथ मिलकर षडयंत्र रचेंगे।
बस ईश्वर मोदी जी पर हमेशा की तरह कृपा करेंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रथम ऐसे राजनेता होने के साथ जनता से अपार शक्ति पाने वाले जननेता हैं जो आध्यात्मिक शक्तियों से भी जुड़े हुए हैं। शत्रुहंता योग उनकी कुंडली में है और उन्हें अस्थिर करने का प्रयास करने वाले स्वयं ही अपने कुकर्मों से पाताल में चले जाते हैं।
युद्ध के बाद के परिदृश्य में भारत की स्थिति कैसी होगी, भारतीय राजनीति वैश्विक परिदृश्य में किस ऊंचाई पर जाएगी, इस पर भी शीघ्र वे आंकलन सामने लाने वाले हैं।