जॉर्ज सोरोस की रिश्तेदार और हंगरी से ताल्लुक रखने वाली फोरी नेहरू की शादी जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई बी. के. नेहरू से हुई थी.. बीजेपी का बड़ा आरोप
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिन्दु
जाति की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने “जाट” समुदाय से आने वाले उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर, एक किसान बेटे का अपमान किया है।
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मुद्दे से भटकाने के लिए कांग्रेस एवं इंडी एलायंस ने उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है, ताकि सोनिया गांधी और जम्मू–कश्मीर को देश से अलग करने का प्रयास करने वाले FDL-AP संस्थान के संबंधों पर चर्चा न हो, जिस संस्था को भारत विरोधी जॉर्ज सोरॉस फंडिंग करता है।
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कांग्रेस ने देश के ओबीसी प्रधानमंत्री जी के लिए अपशब्द कहे, ट्राइबल समाज से आने वाली राष्ट्रपति के लिए गलत भाषा के प्रयोग किए और अब जाट समुदाय के उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है।
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जाट समुदाय को अपमानित करने के लिए देश के इतिहास में पहली बार किसी राजनीतिक दल ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है।
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एक किसान पुत्र और जाट समुदाय से आने वाला व्यक्ति कभी नहीं झुकेगा और हिंदुस्तान में जाट का सम्मान सदैव ही बरकरार और अडिग रहेगा।
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गांधी–नेहरू परिवार के जॉर्ज सोरोस से संबंध हैं और वे सोरोस फाउंडेशन से धन लेकर देश को अस्थिर करने की साजिश में शामिल हैं।
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जनहित याचिकाएं दायर करना और उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना, यह सभी खेल सिर्फ नेहरू–गांधी परिवार के जॉर्ज सोरोस कनेक्शन को छिपाने के लिए खेले जा रहे हैं।
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जॉर्ज सोरोस की रिश्तेदार और हंगरी से ताल्लुक रखने वाली फोरी नेहरू की शादी जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई बी. के. नेहरू से हुई थी। नेहरू–गांधी परिवार ने फोरी नेहरू की मृत्यु के बाद भी इस रिश्ते को कायम रखा।
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फोरी गांधी रिश्ते में राहुल गांधी की आंटी थीं, जिसका मतलब है कि एंटी इंडिया गतिविधियां, आंटी के जमाने से ही चली आ रही हैं।
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कांग्रेस बार–बार ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाती है और बार–बार पटखनी खाकर वापस आती है। कांग्रेस जब–जब इलेक्शन कमीशन को सुप्रीम कोर्ट में घसीटा है, तब–तब कांग्रेस पार्टी की फजीहत हुई है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद डॉ संबित पात्रा ने आज केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कांग्रेस और इंडी गठबंधन द्वारा ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस बार-बार ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाती है और बार-बार पटखनी खाकर वापस आती है। साथ ही, उन्होंने कहा कि जाति की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने “जाट” समुदाय से आने वाले उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर, किसान के बेटे का अपमान किया है। मुद्दे से भटकाने के लिए कांग्रेस एवं इंडी एलायंस ने उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है, ताकि सोनिया गांधी और जम्मू–कश्मीर को देश से अलग करने का प्रयास करने वाले FDL-AP संस्थान के संबंधों पर चर्चा न हो, जिस संस्था को भारत विरोधी जॉर्ज सोरॉस फंडिंग करता है।
डॉ पात्रा ने कहा कि विगत कुछ दिनों से राजनीतिक परिदृश्य उथल-पुथल से भरा रहा है। भारत का सदन संविधान पर चर्चा की ओर बढ़ रहा है, लेकिन यह भी स्पष्ट होता जा रहा है कि कांग्रेस के मन में और उनके कर्मों में संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं है। आज सुबह से अखबारों और टीवी में देखा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन के कुछ घटक दल ईवीएम और इलेक्शन कमीशन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एक पीआईएल दाखिल करेगी। एक अन्य खबर जो महत्वपूर्ण और कष्टदायी है कि राज्यसभा के चेयरमैन और उप-राष्ट्रपति माननीय जगदीप धनखड़ के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस पेश किया गया है। यह दोनों ही खबरें विचलित करने वाली हैं। यह दोनों ही खबरें भारत के संविधान को कुचलने वाली हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि देश में पहली बार भारत के उप-राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन के घटक दलों ने देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे से ध्यान भटकाने और विवाद से खुद को दूर करने के लिए श्री जगदीप धनखड़ जी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। क्योंकि, संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह चर्चा हो रही है कि गांधी–नेहरू परिवार का जॉर्ज सोरोस से संबंध हैं और वे सोरोस फाउंडेशन से धन लेकर देश को अस्थिर करने की साजिश में शामिल हैं। देश की सुरक्षा और विकास हित में भाजपा ने जब यह मुद्दा उठाया, तो कांग्रेस ने उप-राष्ट्रपति के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया।
डॉ पात्रा ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही भाजपा ने सोनिया गांधी का फोरम फॉर डेमोक्रेटिक लिडरशिप – एशिया पेसिफिक (FDL-AP) के साथ कनेक्शन का खुलासा किया था। जॉर्ज सोरॉस इस संस्थान को पूरी तरह से फंड करता था और यह संस्थान जम्मू–कश्मीर को भारत से अलग करना चाहती थी। जब यह विषय देश के समक्ष उठाया गया, तो कांग्रेस राज्यसभा के सभापति महोदय के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आयी है। पहले भी कांग्रेस ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को अपशब्द कहे और महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के लिए भी गलत शब्दों का प्रयोग किया और अब उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी के खिलाफ इस प्रकार का प्रस्ताव ला रही है। कांग्रेस जाति कार्ड खेल कर राजनीति करती है, लेकिन एक ओबीसी प्रधानमंत्री का हर दिन अनादर भी करती है। कांग्रेस ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के लिए ‘जनता इनको लट्ठ से मारेगी और ‘नीच आदमी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया। आदिवासी समाज से आने वाली देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी के लिए, तत्कालीन लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी द्वारा अपशब्द का प्रयोग किया। अभी कुछ समय पहले ही एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति महोदया के बैठने से पहले राहुल गांधी बैठ गए। राहुल गांधी देश के महामहिम के सामने खड़े होकर सम्मान तक नहीं दिखा सके। जाति की राजनीति करने करने वाली कांग्रेस एक साधारण किसान परिवार से आए हुए किसान के बेटे उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। यह एक किसान बेटे का अपमान है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथी दल यह जानते हैं कि यह नोटिस और प्रस्ताव गिर जाएगा, क्योंकि संख्याबल उनके पक्ष में नहीं है। लेकिन, जाट समुदाय को अपमानित करने के लिए देश के इतिहास में पहली बार किसी राजनीतिक दल ने राज्यसभा के सभापति, उपराष्ट्रपति, के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है। जाट समुदाय के लोगों ने हिंदुस्तान की आजादी के लिए अपना लहू बहाया है, लेकिन कांग्रेस आज जाट समुदाय से आने वाले उपराष्ट्रपति पर बेबुनियाद आक्षेप लगाकर, उन्हें कलंकित करने कि चेष्टा कर रही है। कांग्रेस पार्टी को यह ध्यान रखना होगा कि एक किसान पुत्र और जाट समुदाय से आने वाला व्यक्ति कभी नहीं झुकेगा और हिंदुस्तान में जाट का सम्मान सदैव ही बरकरार और अडिग रहेगा। कहीं जनहित याचिकाएं दायर करना तो कहीं संसद में उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना, ये सारे प्रकल्प और खेल सिर्फ नेहरू–गांधी परिवार के जॉर्ज सोरोस कनेक्शन की तस्वीर को छिपाने और बचने के लिए किए जा रहे हैं।
डॉ पात्रा ने कहा कि हाल ही में ओसीसीआरपी और सोनिया गांधी के एफडीएल-एपी से संबंध और कश्मीर को अलगाववाद की राह पर ले जाने के प्रयासों के बारे में खुलासे किए गए हैं। आज एक और खुलासा हुआ है कि हंगरी से ताल्लुक रखने वाली फोरी नेहरू की शादी जवाहरलाल नेहरू के चचेरे भाई और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत बी.के. नेहरू से हुई थी। फोरी नेहरू का जॉर्ज सोरोस के साथ बहुत बड़ा संबंध और रिश्ता था। नेहरू–गांधी परिवार ने फोरी नेहरू की मृत्यु के बाद भी इस रिश्ते को कायम रखा। फोरी नेहरू रिश्ते में राहुल गांधी की आंटी थी, जिसका मतलब है कि एंटी इंडिया गतिविधियां, इनकी आंटी के जमाने से ही चली आ रही हैं। इस लंबे इतिहास और एंटी इंडिया गतिविधियों को छिपाने के लिए कांग्रेस संविधान के खिलाफ काम कर रही है और इसका जवाब देश कि जनता और संसद उन्हें अवश्य देगी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और इंडी के कुछ घटक दलों ने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों के बाद यह तय किया है कि विधानसभा चुनाव के इन नतीजों को लेकर ईवीएम और इलेक्शन कमीशन को वो सुप्रीम कोर्ट में घसीटेंगे। कांग्रेस बार–बार ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाती है और बार–बार पटखनी खाकर वापस आती है। कांग्रेस जब–जब इलेक्शन कमीशन को सुप्रीम कोर्ट में घसीटा है, तब–तब कांग्रेस पार्टी की फजीहत हुई है। 23 नवंबर को जब महाराष्ट्र चुनावों में मतों की गिनती हुई थी, उसके बाद इलेक्शन कमीशन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया था कि 288 विधानसभाओं में 1440 वीवीपैट यूनिट का मिलान किया गया था, जो एकदम सही और सटीक था। यानी ईवीएम के कार्य करने के तरीके और इस पूरी प्रक्रिया को सीसीटीवी में कैद करके इलेक्शन कमीशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के सामने रखा था। उसके बाद भी पूरे विषय को लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट जा रही है। यह दिखाता है कि संविधान के प्रति कांग्रेस के मन में कोई सम्मान नहीं है।
डॉ पात्रा ने कहा कि 26 नवंबर 2024 को ही एक पीआईएल जो के.ए. पॉल द्वारा ग्लोबल पीस इनिशिएटिव की तरफ से दायर किया गया था, उस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले को खारिज करते हुए कहा था कि ‘आप जीत जाते हैं तो वहां ईवीएम ठीक होता है और हार जाते हैं तो ईवीएम का रोना रोते हैं।‘ झारखंड और तेलंगाना में ईवीएम ठीक होता है, लेकिन अन्य जगहों पर ईवीएम खराब हो जाता है। इलेक्शन कमीशन ने इस वर्ष भी चुनाव से पूर्व ईवीएम हैक करने के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था, उस समय इंडी गठबंधन और कांग्रेस के लोग घरों में सो रहे थे।