नड्डा बोले ” कांग्रेस ने कहा कि जब हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं तो संविधान दिवस मनाने की क्या जरूरत है? यह संविधान के प्रति कांग्रेस की नकारात्मक सोच और अनादर को दर्शाता है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई।
संविधान दिवस हमें संवैधानिक मूल्यों – न्याय, समानता और विविधता में एकता के महत्व से अवगत तो कराता ही है, साथ ही हमें हमारे मौलिक अधिकारों, जिम्मेदारियों व संविधान के महत्व का अहसास भी दिलाता है।
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2015 में जब संसद में संविधान दिवस मनाने का मुद्दा उठा तो कांग्रेस ने कहा कि जब हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं तो संविधान दिवस मनाने की क्या जरूरत है? यह संविधान के प्रति कांग्रेस की नकारात्मक सोच और अनादर को दर्शाता है।
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भारतीय जनता पार्टी की पंच निष्ठा संविधान की प्रस्तावना को दोहराती है जो लिंग, जाति और स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करती है तथा अभिव्यक्ति और आवागमन की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करती है।
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कांग्रेस पार्टी और एक परिवार ने संविधान की मूल आत्मा पर भी कई बार आघात किया और संविधान को ख़त्म करने की कोशिश की। कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोप कर संविधान को बंधक बनाया।
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कांग्रेस ने 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिराया, संविधान पर आघात किया और न्यायपालिका को नियंत्रित करने के प्रयास किए। कांग्रेस ने न्यायधीशों की नियुक्तियों को अपने हितों के अनुसार मोड़ने की कोशिश की।
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संविधान में धर्म के नाम पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन कांग्रेस पार्टी ने कई बार अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के करण अपने शासित राज्यों में एससी, एसटी और ओबीसी को मिल रहे आरक्षण में सेंधमारी कर एक धर्म विशेष को इसका लाभ दिया।
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सम्मान देने के बदले कांग्रेस ने डॉ अंबेडकर को बार–बार अपमानित किया जबकि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने न केवल उन्हें सम्मान दिया, न केवल पंच तीर्थों का विकास किया बल्कि उन्होंने बाबा साहब के सपनों को अक्षशः जमीन पर उतार कर दिखाया है।
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देश की युवा पीढ़ी को यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि बाबा साहेब अंबेडकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों दिया था? किस तरह कांग्रेस ने उन्हें चुनाव में हरवाने की साजिश रची? बाबा साहब को भारत रत्न तब मिला जब केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार आई।
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मोदी सरकार ने संविधान की सही मायने में रक्षा करते हुए तीन तलाक और धारा 370 को ख़त्म करने वाले फैसले लिए। साथ ही, महिला आरक्षण विधेयक, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10% आरक्षण देने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने मंगलवार को केंद्रीय कार्यालय में आयोजित ‘संविधान दिवस समारोह’ के अवसर पर आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) श्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय महामंत्री श्री अरुण सिंह एवं श्री दुष्यंत गौतम, केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल एवं श्री वीरेंद्र खटीक, सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, राष्ट्रीय प्रवक्ता, पार्टी पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे। माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभागार में उपस्थित सभी पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने ड्राफ्टिंग कमेटी की रिपोर्ट को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार कर लिया था, लेकिन इस देश के नेतृत्व को संविधान दिवस मनाने में 65 साल लग गए। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने की अधिसूचना जारी की। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) को आगे बढ़ाने का कार्य पूरी निष्ठा से किया गया है।
श्री नड्डा ने कहा कि आज 75 वें संविधान दिवस के अवसर पर देश की राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू जी ने राष्ट्र को संबोधित किया और संविधान के महत्वपूर्ण बिंदुओं को देश के समक्ष रखा। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संवैधानिक ग्रंथ है। देश को आगे बढ़ाने में संविधान ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा के ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन के रूप में संविधान को एकरूपता प्रदान की। संविधान सभा में हुई चर्चाओं और बहसों की अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी ने की थी। बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर जी ने इन चर्चाओं के बिंदुओं को विस्तार से शब्दों में पिरोया और वो संविधान के रूप में सबके सामने आया। आज संविधान दिवस के अवसर पर डॉ राजेन्द्र प्रसाद और बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर को याद किया जाता है। श्री नड्डा ने कहा कि वर्ष 2008 में आज के ही दिन मुंबई में 26/11 की भयानक घटना घटी थी। इस हमले में आम नागरिक और विदेशी पर्यटक भी हताहत हुए और सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। 26/11 के हमले में मारे गए लोगों और शहीद सुरक्षाकर्मियों को याद करते हुए भाजपा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बाबा साहेब डॉ अंबेडकर ने संविधान के रूप में देश को सबसे बड़ा उपहार प्रदान किया। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान का सदुपयोग करते हुए देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। संविधान सभा ने ड्राफ्टिंग कमेटी की रिपोर्ट को 26 नवंबर 1949 को स्वीकार कर लिया था, लेकिन इस देश के नेतृत्व को संविधान दिवस मनाने में 65 साल लग गए, यह देश के नेतृत्व पर एक बड़ा प्रश्न खड़ा करता है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात में संविधान गौरव यात्रा की शुरुआत की और 26 नवंबर के महत्वपूर्ण दिवस को याद किया। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने की अधिसूचना जारी की। देश की आजादी की बात करने वाले और इतने वर्षों तक देश पर राज करने वाले लोगों की संविधान के प्रति सोच और प्रतिबद्धता पर सवाल उठते हैं। 2015 में जब संसद में संविधान दिवस मनाने का मुद्दा उठा तो कांग्रेस ने कहा कि जब हम 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं तो संविधान दिवस मनाने की क्या जरूरत है? लेकिन 2 दिन की चर्चा और बहस के बाद, देश में पहली बार संविधान दिवस मनाया गया। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने संविधान को उसके वास्तविक स्वरूप में देश के सामने प्रस्तुत करने का कार्य किया।
श्री नड्डा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की पंच निष्ठा भी संविधान की प्रस्तावना को दोहराती है जो लिंग, जाति और स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं करती है तथा अभिव्यक्ति और आवागमन की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करती है। देश और राज्य को चलाने वाले लोगों के लिए यह आवश्यक है कि वे संविधान की प्रस्तावना को आत्मसात करें और इसके साथ ही राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का भी अध्ययन करें। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) को पूरी निष्ठा से आगे बढ़ाया गया है। संविधान में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि ‘प्रकृति में एकात्मक एवं संरचना में संघीय’ (unitary in nature, federal in structure) है तथा भारतीय जनता पार्टी ने इन दोनों को माना एवं राज्यों को उचित गति से आगे बढ़ाने का काम किया है।
आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा-एनडीए की सरकार ने संविधान की आत्मा को पूर्ण रूप से लागू करने में सफलता पाई है। जहां संविधान सभी राज्यों को समान मानता था, वहीं जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और अनुच्छेद 35A जैसे प्रावधान वर्षों से लागू थे। 5 अगस्त 2019 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में धारा 370 और अनुच्छेद 35A को समाप्त कर जम्मू–कश्मीर को संविधान के अनुरूप अन्य राज्यों की तरह समान अधिकार दिया गया। आजादी के 75 वर्षों बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुरूप शपथ ली। धारा 370 और अनुच्छेद 35A की समाप्ति के बाद ही जम्मू-कश्मीर पूरी तरह भारत का अभिन्न अंग बन पाया है। पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, ईरान, इराक और इंडोनेशिया जैसे देशों में ट्रिपल तलाक पहले ही समाप्त किया जा चुका था, लेकिन भारत में तीन तलाक की प्रथा तब तक जारी रही, जब तक माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी के नेतृत्व में इसे समाप्त करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए। एनडीए सरकार ने सही मायनों में संविधान की रक्षा करते हुए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। महिला आरक्षण विधेयक, जो पहली बार 1996 में लोकसभा में पेश हुआ था और वर्षों तक बिना किसी निर्णय के अटका रहा। लेकिन मोदी सरकार 2.0 ने महिला आरक्षण विधेयक पारित करके महिलाओं को संसद और विधानसभाओं में 33% आरक्षण सुनिश्चित किया। इसी तरह, ओबीसी के लिए न्याय और संविधान की रक्षा की दिशा में, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया। मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण लागू किया, जो समाज में समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने देश पर आपातकाल थोप कर संविधान को बंधक बनाया। मीसा और डीआईआर के तहत 1,36,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिए गए थे। संविधान की रक्षा के लिए हमारी विचारधारा का समर्थन करने वाले 75,000 से अधिक लोगों ने जेल की सजा भुगती। आपातकाल दो वर्षों तक चला, जिसके दौरान अनुच्छेद 19, 21 और 22 का उल्लंघन किया गया और उनका प्रवर्तन निलंबित कर दिया गया। उस समय, यह भी स्पष्ट नहीं था कि वे कभी रिहा होंगे या देश में लोकतंत्र वापस आएगा, लेकिन उन्होंने अपनी लड़ाई बिना रुके जारी रखी। आज हम न केवल भाजपा कार्यालयों में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में संविधान दिवस मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ही संविधान की सच्ची रक्षक है और हमें इसे संजोकर रखना होगा। कांग्रेस ने 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिराया, संविधान पर आघात किया और न्यायपालिका को नियंत्रित करने के प्रयास किए। कांग्रेस ने न्यायधीशों की नियुक्तियों को अपने हितों के अनुसार मोड़ने की कोशिश की और संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया। श्री नड्डा ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर को उनके जीवित रहते वह सम्मान नहीं दिया गया, जिसके वे हकदार थे। सम्मान देने के बदले कांग्रेस ने डॉ अंबेडकर को बार–बार अपमानित किया। राजनैतिक विज्ञान पढ़ने वाली युवा पीढ़ी को यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि अंबेडकर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा क्यों दिया था? उनके इस्तीफे में क्या लिखा था? कांग्रेस ने उनके इस्तीफे को छिपाने और जनता के सामने न आने देने की कोशिश की। इतिहास गवाह है कि जब बाबा साहेब मुंबई से चुनाव लड़ने गए, तो उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाली पार्टी कांग्रेस ही थी। संविधान निर्माता को लोकसभा में आने से रोकने का काम भी कांग्रेस ने किया था। यह सब बातें जानना आज के युवाओं और राजनैतिक विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश में लंबे समय तक कांग्रेस का शासन रहा, लेकिन बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया। यह सम्मान केवल भाजपा समर्थित सरकार के सत्ता में आने पर संभव हो पाया। साथ ही, बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर की तस्वीर भी संसद में स्थापित की गई। भाजपा ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को सच्चा सम्मान देकर उनके योगदान को राष्ट्र के समक्ष सही मायने में प्रस्तुत किया। गर्व से यह कहा जा सकता है कि भाजपा ही संविधान की सच्ची रक्षक और इसके आदर्शों की चैंपियन है। हम सभी को संविधान को कमजोर करने के प्रयासों से सतर्क रहते हुए इसकी रक्षा के लिए सदैव दृढ़ता के साथ खड़े रहना है।
श्री नड्डा ने कहा कि संविधान सभा में गहन बहस और विचार–विमर्श के बाद यह स्पष्ट रूप से तय किया गया था कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया जाएगा। इसी सिद्धांत के तहत, संविधान में धार्मिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं रखा गया। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने कई बार अप्रत्यक्ष तरीकों से एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण में धर्म को शामिल करने के प्रयास किए हैं। प्रत्येक भारतीय की जिम्मेदारी है कि संविधान के रक्षक के रूप में इसकी मूल भावना को समझना, संरक्षित रखना और उसके अनुरूप आचरण करे। संविधान की निर्माण प्रक्रिया एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही है, जिसे श्याम बेनेगल द्वारा निर्मित एक फिल्म के माध्यम से प्रलेखित किया गया है। यह फिल्म संसद टीवी पर भी उपलब्ध है और इसमें संविधान सभा में हुई बहस और विचार-विमर्श का विस्तृत चित्रण किए गए हैं। राजनीतिक कार्यकर्ताओं और छात्रों को इस फिल्म को देखना चाहिए, ताकि वे भारत और उसके संविधान को गहराई से समझ सकें।
आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संविधान दिवस पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संविधान सभा में योगदान देने वाले सभी नेताओं को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। संविधान को संरक्षित रखना और इसके प्रति स्वयं को समर्पित करना देश की जनता कि एक सामूहिक जिम्मेदारी है।