एस्ट्रो निशांत : 7 साल बाद..? कोर्ट केस में सफलता ऐसे मिलेगी ?
जबलपुर। पनागर के रहने वाले निशांत ताम्रकार (जो पेशे से ज्योतिष के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय सफल भविष्यवाणी कर चुके हैं।) ने उपभोक्ता आयोग में वाद प्रस्तुत किया था कि बजाज फाइनेंस के माध्यम से वाशिंग मशीन खरीदी गई वाशिंग मशीन के किश्त की राशि उनके बैंक खाते से काटी जानी थी। उनका का आरोप था कि उनका खाता एक बड़े राष्ट्रीयकृत बैंक से जुड़ा था, लेकिन एक दिन, जब ईएमआई काटी गई, तो बैंक ने 295 रुपये अतिरिक्त धनराशि काट ली। इस संबंध में पूछने पर बैंक ने बताया कि यह राशि फाइनेंस कंपनी ने काटी है लेकिन फाइनेंस कंपनी का कहना था कि यह कटौती बैंक द्वारा की गई है।
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तब दोनों के उत्तर से असंतुष्ट श्री निशांत ने उपभोक्ता आयोग में अधिवक्ता रोहित पैगवार के माध्यम से वाद प्रस्तुत किया और आयोग ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद पाया कि बैंक ने गलत तरीके से परिवादी के खाते से रकम निकाली थी। उपभोक्ता आयोग ने इसे उपभोक्ता अधिकारों का हनन माना और एसबीआई की पनागर शाखा के विरुद्ध निर्णय देते हुए कहा कि अनुचित तरीके से काटी गई राशि, मानसिक पीड़ा के एवज में 2,000 रुपये के साथ प्रकरण के व्यय के 2,000 रुपये आवेदक को लौटाए। आयोग ने अपने निर्णय में आगे कहा कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रकरण में सबसे बड़ी बात यह रही कि मात्र 295₹ की राशि के लिए 7 वर्षों तक श्री निशांत ने यह लड़ाई लड़ी।
निशांत ताम्रकार जो सफल ज्योतिषी हैं, उनका कहना है कि न्यायालय कार्यों में भी ज्योतिष सिद्धांत का पालन करने वाले केस में सफलता प्राप्त करते हैं। इस सिद्धांत का प्रयोग मैंने स्वयं भी किया है।
इस संबंध में उनका कहना है कि कुंडली में न्यायालय से संबंधित अशुभ योग होने पर व्यक्ति के साथ बार-बार ऐसी स्थितियां बन सकती हैं। कोर्ट केस के योगों से बचने के लिए ज्योतिष में कई उपाय भी हैं लेकिन एक सबसे ज्यादा प्रभावशाली उपाय है अष्टगंध या लाल चंदन का तिलक लगाना। अब प्रश्न उठता है कि अष्टगंध का ही तिलक क्यों..? यह इसलिए कि श्रीकृष्ण के शरीर से अष्टगंध की सुगंध आती थी और तिकड़म तोड़ने में उनके टक्कर का महाभारत काल में कोई नहीं हुआ। सो यह कोर्ट केस में भी आपके विचार को मजबूती देता है।
श्री निशांत आगे दूसरे उपाय को लेकर कहते हैं कि बेसन के लड्डू गुलाब के फूल मिश्री भगवान कृष्ण को भेंट करना, कुत्तों को भोजन कराना, गाय को केला खिलाना और श्मशान भूमि के अंदर कुछ सिक्के फेंकना भी कोर्ट केस में सफलता दिलाते हैं।
आगे वे कहते हैं कि यह उपाय तब और अधिक सुफल देते हैं जब आपका पक्ष सत्य का पक्ष हो अन्याय के प्रतिकार की लड़ाई हो। अगर आप स्वयं गलत हैं तो ये उपाय फल देंगे लेकिन किसी अन्य रूप में नुकसान भी देंगे क्योंकि सम्पूर्ण जगत में क्रिया-प्रतिक्रिया का सिद्धांत अटल है। ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती, बस उसका स्वरूप बदल जाता है, जैसे हरा पत्ता सड़कर खाद बन जाता है और वही खाद पुनश्च फल फूल के रूप में प्रकट होता है। आपके द्वारा किये गए टोटके वास्तव में ऊर्जा का ही स्वरूप हैं, जो सही-गलत के हिसाब से फल देते हैं।
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