कोरोना मुंडेन ज्योतिष : 10 Nov. से तेजी से गिरावट के साथ 25 Jan. 2021 में समाप्ति की ओर होगा
25 सितंबर से होगी रोज कमी और 10 नवम्बर के बाद लगातार गिरावट
मुण्डेन पद्धति से ज्योतिष की गणना करने वाले बहुत ही कम लोग होते हैं। मुण्डेन पद्धति से विश्व, देश, राज्य, शहर आदि किसी विशेष स्थान के वातावरण पर् पड़ने वाले प्रभावों की गणनाएँ की जाती हैं।
जन्म तारीख़, जन्म समय व जन्मस्थान के आधार पर किसी व्यक्ति के जीवन आदि के बारे में विचार किया जाता है, कुछ इसी तरह स्थान विशेष के बारे में विचार करने के लिए, उस देश के निर्माण के समय की ग्रहीय स्थितियों को आधार बनाकर निर्मित परिस्थितियों से जनस्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव, रक्षा स्थिति, फसल,शिक्षा,अन्य देशों के साथ संबंधों आदि का आँकलन किया जाता है। जन्म समय के ग्रहों से सहजतापूर्वक जन सामान्य का आँकलन कर लेने के कारण मुण्डेन पद्धति की ओर लोगों का रुझान कम ही रहता है।
वेदों के सम्बन्ध में श्रीरामसुमेरशास्त्री (दिल्ली,92131-76147) से शङ्का-निवारण के दौरान इस मुण्डेन पद्धत्ति के बारे में चर्चा हुई।

मेरा सौभाग्य है कि नवभारत बिलासपुर के उपसंपादक आदरणीय बड़े भईया श्री रामाधार देवांगनजी ने वेदों के प्रति मेरी रूचि देख, करीब 4 माह पहले DAV , दिल्ली में संस्कृत के अध्यापक श्रीरामसुमेर का मोबाइल नम्बर देकर शङ्का-समाधान करने के लिए कहा। श्रीशास्त्री से बहुत देर तक वेदादि विषय के साथ आध्यात्मिक विषयों बहुत देर तक गहन चर्चा हुई। मुझे नही लगता कि जीवन में आगे कभी किसी से ऐसी सार्थक लंबी चर्चा (3 घंटे 42 मिनट) फिर कभी हो पाएगी। इतनी लंबी चर्चा का पता चलने पर रामाधार भईया नें चुटकी लेते हुए कहा-” दोनों में किसी की तबियत खराब तो नही हुई।”
बातचीत का सिलसिला जारी रखते हुए, हाल ही में देश में “कोरोना” को लेकर मैनें श्रीरामसुमेर से प्रश्न किया क्योंकि उनका ज्योतिष के क्षेत्र में भी अद्भुत ज्ञान है। उनका कहना है कि 25 सितंबर से राहु और गुरु दोनों अलग हो रहे हैं। इस दौरान राहु और केतु के अँश मिथुन और धनु को लाँघ केतु के अँश वृश्चिक में और राहु के अँश वृषभ राशि में होंगे । डेढ़ महीने यानी 10 नवम्बर के बाद “कोरोना” कहर कम होना शुरू होगा ।
श्रीशास्त्री आगे कहते हैं कि जब भारत में सत्ता हस्तान्तरित हुई तब वृषभ लग्न था। 15 अगस्त 1947 रात 12:00:01 के ग्रहों पर ध्यान दें ,तब वृषभ लग्न में राहु ही था । वृषभ लग्न 8 अँश का था । 23 अँश में राहु जब पहुंचेगा तब देश में कोरोना की हालत पतली हो जाएगी।

आगे उनका मानना है कि ज्योतिष गणना के हिसाब से यह कहा जा सकता है कि कोरोना राहु गुरु शनि के मिलन की देन है और 23 डिग्री तक राहु को पहुंचने में 25 जनवरी 2021 के आसपास का समय लगेगा। और यही वह वक्त होगा जब 25 जनवरी के बाद ही भारत में कोरोना वायरस का दुष्प्रभाव लगभग खत्म होगा। सूर्य, गुरु और शनि मकर राशियों में चले जाएंगे। तब यह वह वक्त होगा जब कोरोना से पीड़ित लोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने लगेंगे। वातावरण में फैले विषाणु नष्ट होंगे।
