राजीव मिश्रा : ऐसे भारत को टुकड़े टुकड़े किया जा सकता है..!

किसी को बराक ओबामा का वह भारत दौरा याद है? तब मोदीजी ने ओबामा को नाप कर रख दिया था. उन्होंने उसे मिस्टर प्रेसिडेंट कहने के बजाय बार बार बराक कह कर बुलाया था. पहली बार भारत के प्रधानमंत्री ने अमेरिका के प्रेसिडेंट को सर पर बिठाने के बजाय बराबरी में खड़ा होने को मजबूर किया था.

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और ऐसा नहीं है कि यह बात ओबामा को चुभी नहीं थी. एक प्रश्न-उत्तर सेशन में ओबामा ने धमकी देते हुए कहा था (प्रयास करता हूं शब्दशः लिखने का)…India can be a superpower…IF India does not disintegrate.. If India does not break on caste lines…on religious lines.. on regional lines…On any line…

और यह बात ओबामा ने हल्के फुल्के में या भारत के प्रति चिंता में नहीं कही थी..यह बात उसने धमकी में कही थी. जब भी किसी अंग्रेज लिबरल से मिलता हूं, उसको भारत के बारे में और कुछ पता हो या ना हो एक बात जरूर पता होती है.. कि भारत में caste है. पश्चिमी दुनिया इसको भारत की सबसे बड़ी और आसान फॉल्ट लाइन की तरह देखती है.
और इस चुनाव में इस फॉल्ट लाइन को खूब टारगेट किया गया. बल्कि आप राहुल गांधी का इस चुनाव में व्यवहार देखें तो उसने हर फॉल्ट लाइन को टारगेट किया है, जितने तरह से देश को तोड़ा जा सकता है उसने उनमें से एक भी नहीं छोड़ा. लेकिन सबसे सफल यही रहा, कास्ट की फॉल्टलाइन पर प्रहार…

इस चुनाव का सबसे बड़ा नुकसान यही रहा कि शत्रु को अपनी इस तरकीब पर और भरोसा बढ़ा है. उनकी यह थ्योरी सफल होती दिख रही है कि भारत को कास्ट लाइन पर तोड़कर टुकड़े टुकड़े किया जा सकता है. जिहादी टेकओवर या लेफ्टिस्ट अपराइजिंग से पहले हम खुद कास्ट लाइन पर टूट कर बर्बाद हो जाने को तैयार बैठे दिखे हैं.

हम पर ये हमले आने वाले दिनों में और तेज होंगे. अब तक लगता था कि इसका शिकार बनने के लिए तथाकथित दलित और पिछड़ी जातियां अधिक ससेप्टिबल हैं पर इस चुनाव ने दिखा दिया है कि इस हमाम में सभी नंगे हैं…

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