कौशल सिखौला : संविधान बचाने का शोर.. 69% आरक्षण…संपत्ति के बंटवारे की बात
संविधान बचाने का बहुत शोर है । कहते हैं 400 पार का नारा संविधान बदलने के लिए दिया गया है । वैसे इंदिरा जी की हत्या के बाद हुए चुनाव में राजीव गांधी 404 सीटें लेकर विजयी हुए थे । उन्होंने संविधान नहीं बदला था । तो मोदी कैसे बदल देंगे ? ऐसा कौनसा जादुई चिराग और जिन्न मिल गया विपक्ष को , कि लगातार संविधान बदलने का डर दिखाया जा रहा है ?
संविधान की धज्जियां तो गठबंधन के घटक पहले ही उड़ा रहे हैं । सुप्रीमकोर्ट का आदेश है कि किसी भी सूरत में 50% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता । लेकिन तमिलनाडु में दशकों से 69% आरक्षण चला आ रहा है । और कुछ राज्यों ने भी सीमाएं लांघी हैं । अब तो बिना संविधान बदले ही संख्या बल के आधार पर संपत्ति के बंटवारे की बात चल पड़ी है।
इंडी वाले इससे भी आगे निकल गए । संविधान में स्पष्ट लिखा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता । कांग्रेस ने कर्नाटक में मुस्लिमों को 4% आरक्षण धर्म के आधार पर दे दिया । अब चारा चोरी में जमानत पर बाहर लालू यादव कह रहे हैं कि जब उनकी सरकार बनेगी तब वे बिहार में मुसलमानों को आरक्षण देंगे । मतलब संविधान बदले बिना ही कर्नाटक में आरक्षण और बिहार में आरक्षण का आश्वासन ?
तो बिन संशोधन या परिवर्तन किए ही वोटों की खातिर धर्म आधारित आरक्षण ? लालू को एक घंटे बाद ही आभास कराया गया कि उनके बयान ने हिंदुओं को नाराज कर दिया है । तब लालू अगल बगल झालने लगे । बोले कि उन्होंने आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात कही थी । लेकिन बीजेपी ने कमान से निकले तीर को लपक लिया और लालू तेजस्वी के चेहरे उतर गए।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुस्लिम समाज से एक गंभीर अपील की है । इस अपील को सचमुच गंभीरता से लेना चाहिए । पीएम ने अफसोस जताया कि राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने के अवसर गंवाकर मुस्लिम समाज सिर्फ सरकारें गिराने बनाने की राजनीति में उलझे रह जाते हैं । जबकि देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है , विकास यात्रा तेजी से आगे बढ़ रही है । मोदी ने मुस्लिमों से कहा कि कभी खुले दिल से सोचकर देखें कि वे कहां खो गए हैं।
आइए , राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनिए । पीएम की यह अपील काफी गंभीर , सार्थक और मार्मिक हैं । पता नहीं मुस्लिम समाज इसके उद्देश्य को समझेगा भी या नहीं । या फिर दलीय राजनीति के परंपरागत ट्रोलर्स के साथ बंधा रहेगा । खैर ! देश का संविधान पवित्र है और सुरक्षित है । संविधान हम सभी के लिए पूज्य है । इसका कोई कुछ भी बिगाड़ नहीं पाएगा । हां , अफवाहें मत फैलाइए । एक बात साफ है । जिस दिन मुस्लिम समाज को सचमुच समझ आ गया कि 76 सालों से राजनीति का वोटबैंक बनकर उसने कितना खोया , उसकी तकदीर और देश की तस्वीर बदल जाएगी।