मनीष शर्मा : ILO ने यह नहीं कहा है कि 83% भारतीय युवा बेरोजगार है..
विपक्ष इस समय Desperate है… निराश हताश है और अब उन्हें कुछ भी मिलता है सरकार पर हमला करने को… वह शुरू हो जाते हैं… मुद्दे की merit को देखे बिना, तथ्यों को जांचे बिना.
इस पूरे process में अधिकांश बार उनकी बातें बचकानी और झूठी साबित होती हैं…लेकिन इसकी उन्हें कोई चिंता ही कहाँ है.
अब देखिये Data से कैसे खेला जाता है…. एक लेख आता है The Wire में…. इसे ILO की रिपोर्ट बताया जाता है….और इस लेख के basis पर विपक्ष हल्ला मचाने लगता है… यहाँ तक कि राहुल गाँधी भी इस बात पर कई चुनावी रैलियों में हल्ला मचा चुके हैं.
यह बताया जा raha है कि भारत में 83% युवा बेरोजगार हैं… और यह बात बोल बोल कर युवाओं को भड़काया जा रहा है.
वैसे कोई भी भड़क जायेगा…83% युवा बेरोजगार हैं.. सोचिये यह आंकड़ा देख कर आपके मन में यही आएगा ना.. कि सरकार बेकार है और युवाओं कर कोई भविष्य नहीं.
लेकिन सच क्या है??
ILO ने यह नहीं कहा है कि 83% भारतीय युवा बेरोजगार है.. उन्होंने कहा है कि बेरोजगारो की संख्या में 83% युवाओं की संख्या है.
ज़रा ध्यान से सोचिये… दोनों statments में कितना फर्क है.
चलिए एक उदाहरण से समझते हैं.
अगर कोई कहे कि दुनिया में हिंदी बोलने वाले 95% लोग भारतीय हैं…..इसका यह अर्थ नहीं है कि दुनिया में 95% भारतीय हिंदी बोलते हैं.
दोनों कथनो में बहुत अंतर है… और अगर कोई चाहें तो इसी का फायदा उठा कर समाज के दो वर्गों (हिंदी भाषी और अहिंदी भाषी) में अलगाव पैदा कर सकता है.
कहते हैं Data always speaks the truth……. लेकिन यह पूरी तरह सत्य नहीं है…. आप Data से क्या Interpret कर रहे हैं.. यह बड़ा महत्वपूर्ण होता है.
