डॉ. भूपेन्द्र सिंह : अब चुनाव आयोग ने पूरा डेटा दिया तो फिर से नंगे हो गये
टूल किट गैंग रोज़ नयी नयी योजना लेकर आता है लेकिन दो तीन दिन में सब धरासायी हो जाता है।
इस गैंग ने सबसे पहले सवर्णों में भाजपा के प्रति मतभेद पैदा करने के लिए कहना शुरू किया कि राजपूत नाराज़ है।
जब खेल ख़त्म हुआ तो इन लोगों ने कहना शुरू किया कि अमित शाह और मोदी दलितों और पिछड़ों का आरक्षण खा जाएँगे। अब इसमें जब चार लोगों को जेल भेजा गया तो ठंडे पड़ गए।
अब नया खेल लेकर आ गये कि वैक्सीन से हार्ट अटैक हो रहा है। इनके इस अफ़वाह की दो दिन में बखिया उधेड़ दी गई। आज सभी अख़बारों ने वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के हवाले से सही सही डेटा प्रकाशित कर दिया।
एक इनका खेल दो तीन सप्ताह खींच गया कि वोटिंग कम हो रही है, अब चुनाव आयोग ने पूरा डेटा दिया तो फिर से नंगे हो गये। ये पाँच बजे तक के डेटा को फ़ाइनल बनाकर प्रेजेंट कर रहे थे जबकि इतनी गर्मी में लोग शाम 6-6:30 तक भी पहुँचे थे।
अब ये फिर से कोई नया टूल किट लेकर आयेंगे।
राहुल गांधी को पूर्ण विश्वास था कि कांग्रेस पार्टी का संगठन अब ज़मीन पर बचा नहीं है, इसलिए जब लड़ाई की तैयारी ज़मीन पर करनी थी तब ये न्याय यात्रा कर रहै थे। इसलिए अब सारी लड़ाई ये वर्चुअल दुनिया में लड़ रहा है। लेकिन इससे होना जाना कुछ नहीं है, उल्टा लोग इनके द्वारा बार बार फैलाए झूठ से इरिटेट हो रहे हैं। विपक्षी दलों को जिस झूठी बात से ख़ुशी मिल रही है, आम जनता उसे सुनकर और इरिटेट हो रही है।
भेड़िया आया, भेड़िया आया कहकर दो बार लोगों को गुमराह किया जा सकता है, तीसरी बार नहीं।
हर चुनाव से पहले ये चिल्लाते हैं कि मोदी आ जाएगा तो प्रलय आ जाएगा, सुनामी आ जाएगा, लेकिन हर बार देश सकारात्मक तरीक़े से और आगे बढ़ता नज़र आता है।
इस बार जनता बहुत सजग है और जैसे बिहार में लोग इस बात से सजग होकर वोट करते हैं कि कहीं पुराना राज न आ जाय, वैसे ही इस बार लोग सजग हैं कि गलती से कहीं गांधी परिवार न आ जाए।
इस परिवार के दिन पूरे हो गये हैं। 1915-16 से मोतीलाल नेहरू ने कांग्रेस पर क़ब्ज़ा जमाया और इस देश की राजनीति अपने परिवार के हाथ में सौंपा। इस परिवार ने दुनिया के 1/6 वें मानव समूह पर सौ वर्षों तक जैसे मन चाहा वैसे मूर्ख बनाकर शासन किया लेकिन अब इनके दिन पूरे हो चुके हैं। एक शताब्दी तक जलने वाला नेहरू ख़ानदान का दिया अब फड़फड़ा रहा है।
राष्ट्रवादी लोगों को चिंता करने की कहीं कोई आवश्यकता नहीं है। पूर्ण आत्मविश्वास से इनके झूठ का इसी गति से पोल खोलते रहिए। सत्य की जीत होती है, यहीं आख़िरी सत्य है।