नमो भारत : भाग-5..  खेलों से लेकर सेना तक, स्टार्टअप्स से लेकर उद्यमिता तक महिला नारी शक्ति का अभूतपूर्व वंदन…

मोदी सरकार की दूरदृष्टि और योजनाओं से निरंतर नारी शक्ति  सशक्त हो रही है। हाल ही में बना नारी शक्ति वंदन अधिनियम समावेशी शासन के एक नए युग की शुरुआत के साथ  महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। पीएम मोदी की हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की योजनाओं के कारण ही देश की जानी-मानी कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की भागीदारी में आशातीत वृद्धि हुई है। इसके साथ ही देश की टॉप 500 कंपनियों के निदेशक मंडल में अब महिलाओं की भागीदारी लगभग 25 प्रतिशत हो गई है, जो पीएम मोदी के कार्यकाल से पहले 2013 में महज 5 प्रतिशत ही थी। 2019 में यह ढाई गुना बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गई और अब 25 प्रतिशत से ज्यादा है। यानी महिलाओं की भागीदारी दस साल में 4 गुना बढ़ी है और हर 5 बोर्ड सदस्य में अब एक महिला शामिल हैं। यह कॉरपोरेट सेक्टर में बढ़ती नारी शक्ति को रेखांकित करता है।
महिला सशक्तिकरण के सबसे सशक्त समर्थक और पैरोकार हैं प्रधानमंत्री मोदी
पीएम नरेन्द्र मोदी ने महिला सशक्तिकरण के सबसे सशक्त समर्थक और पैरोकार प्रधानमंत्री के रूप में पहचान बनाई है। देश में माताओं-बहनों और बेटियों के उत्थान के लिए पीएम मोदी इस कदर समर्पित हैं, उनकी ज्यादातर योजनाओं के मूल में इन्हीं का उत्थान समाहित होता है। वे हमेशा बेटियों को आगे बढ़ने, देश का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। यही वजह है कि खेलों से लेकर सेना तक, स्टार्टअप्स से लेकर उद्यमिता तक में महिलाओं ने देश का नाम रोशन किया है। प्रधानमंत्री मोदी खुद भी महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के प्रति हमेशा सजग रहे हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स और डेफलंपिक खेलों में भारतीय महिला खिलाड़ियों ने भी शानदार प्रदर्शन कर भारत का नाम दुनियाभर में रोशन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी युवाओं और खिलाड़ियों की खूब हौंसला-अफ्जाई करते हैं। देश का नाम रोशन करने वाली युवा खिलाड़ी इस सम्मान से अभिभूत होती हैं।
कई कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं की भागीदारी आधी से ज्यादा
महिलाओं को सशक्त करने की इसी कड़ी में देश सबसे ज्यादा नामी कंपनियों में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है। कई कंपनियों के निदेशक मंडल में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से ज्यादा है। दर्जनों कंपनियों के बोर्ड में लगातार इस भागीदारी को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। टॉप 500 में से 22 कंपनियों के बोर्ड में महिलाओं की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से भी अधिक हैं। विदेश से तुलना करें तो अमरीका के एसएंडपी 500 कंपनियों के बोर्ड में 35 प्रतिशत महिलाएं हैं। कंपनीज एक्ट में बदलाव के बाद अब भारत की किसी भी कंपनी में 5 बोर्ड सदस्यों में एक महिला निदेशक का होना जरूरी है। यही वजह है कि 10 वर्षों में महिलाएं शीर्ष पदों पर बड़ी संख्या में दिखने लगी हैं।

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