समर प्रताप : बस यही फर्क इस समय की कांग्रेस और बीजेपी में है…

बहुत से मित्रों की शिकायत रहती है कि बीजेपी में सारे कांग्रेसी आ गए है क्या नया है।
उन्हें एक ही बात बोलता हूं नेतृत्व,कमांड या विचारधारा का महत्व है।
किसी भी ऑर्गनाइजेशन को चलाने वाले कौन है उनकी विचारधारा क्या है वो महत्वपूर्ण है।
आप जेएनयू में ठीक लड़के को भेज देंगे तो कुछ तो फर्क पड़ेगा ना क्योकि वँहा वही ढपली फ़ौज है भारत तेरे टुकड़े होंगे वाले।

बोलते है अगर करेक्टर लैस लड़की भी संस्कारवान परिवार में बहु बनकर जाएगी तो थोड़े समय मे अपनी फितरत छोड़के पूजा पाठ करने लगेगी।
इसके विपरीत संस्कार वाली लड़की बिगड़े हुवे ऐसे परिवार में चली जाए जंहा ससुर खुद ही शराब पीकर बसों में औरतों को छेड़ता हो।
और सास को भी मोहल्ला जानता हो तो थोड़े समय मे वो लड़की भी उनके जैसी हो जाएगी।

बस यही फर्क इस समय की कांग्रेस में और बीजेपी में है।
इंद्रा जी के समय मे देश में उन्हें भी बहुमत मिलता था।
अब उनका काम ही देश धर्म का विरोध करना है।
ज्यादातर वामपंथी उनसे निकलते है या उनमे जाकर बन जाते है।
हमारे जितने भी नास्तिक है वो कांग्रेस द्वारा पोषित है।
बिजेन्द्र बॉक्सर राम मंदिर बनते समय लिखता था कि मंदिर में राम नही राम तो दिल मे है।
मिन्स अनचाहा विरोध कर रहा था।
लेकिन जैसे ही वो बीजेपी में आया रामनवमी की बधाई दे रहा है।
बस यही बदलाव है जो बीजेपी करती है।

राम को शराब में बताने वाला नरेश अग्रवाल आज तक कुछ नही बोला है।
बीजेपी छोटी मोटी गंगा है जँहा हर इंसान अपने पाप धो सकता है घर वापसी कर सकता है।
जातिवाद की सोच को छोड़कर राष्ट्रवाद की नदी में डुबकी लगा सकते है।

पहलवानों ने मुद्दे से अलग जब जातिवाद पर आकर देश को नुकसान होगा बोला तो उन्हें भी उठा के फेंका और बृजभूषण ने जब कुश्ती संघ में जीत के बाद दबदबा दिखाया तो कमेटी भंग करके बताया कि देश पहले जातिवाद नही।
वो अलग बात है कि आपने उसे कैसे लेना है आपके ऊपर है।
बीजेपी के पास हर रुपाला का जवाब है और हर जातिवादी जो उनके नजर में आया उसका पक्का इलाज होगा।
देश धर्म आगे रखिये,जाति आपकी पहचान है लेकिन धर्म आपका संस्कार और पूर्वजों द्वारा दिया गया जीवन का कल्चर है।

तो थोड़े समय के लिये देशहित में बीजेपी रूपी गंगा में डुबकी लगाते रहिये।
धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *