सुरेंद्र किशोर : 2023 के शिवराज सिंह चैहान की पीड़ा तो याद है, पर 1985 के अर्जुन सिंह और चंद्रशेखर सिंह को भूल गये ?

1985 के विधान सभा चुनावों के समय
मध्य प्रदेश में अर्जुन सिंह मुख्य मंत्री थे।बिहार में चंद्र शेखर सिंह
मुख्य मंत्री थे।
दोनों राज्यों में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली।
जीत के बाद दोनों राज्यों के मुख्य मंत्रियों को हटा दिया गया।
बिहार में बिन्देश्वरी दुबे सी.एम.बने।
मध्य प्रदेश में मोतीलाल वोरा।


क्योंकि हाईकमान ने समझा कि जीत में कांग्रेस व राजीव गांधी का बड़ा योगदान था।
वह कोई भी परिवर्तन कर सकता था।वह सही भी था।
तब आम जनता को भी यह लगता था कि राजीव गांधी ने मां खो दिया है।उसे समर्थन मिलना चाहिए।
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उसी तरह आज नरेंद्र मोदी के कारण तीन राज्यों में भाजपा विजयी हुई।
लाड़ली योजना के कारण सिर्फ कुछ सीटें बढ़ीं।पर,जीत तो वैसे भी होती।
क्योंकि देश के आम लोगों को यह लग रहा है कि मोदी ही ऐसा नेता है जो ईमानदारी से भ्रष्टों और जेहादियों से लड़ेगा और इस देश को जेहादियों के हाथों में जाने से बचाएगा।
भ्रष्टाचार जेहादियों को मजबूत कर रहा है।
इतना ही नहीं,
भाजपा नेतृत्व पीढ़ी-परिवर्तन में विश्वास करता रहा है।इसीलिए भाजपा तालाब का सड़ता पानी नहीं है।
कांग्रेस की संस्कृति दूसरी है जिसका कंधा मीडिया गुणगान करता है।
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पर,इन दिनों गोदी मीडिया के समकक्ष खड़ा कंधा मीडिया राग अलाप रहा है कि शिवराज सिंह चैहान को भाजपा ने हटाकर भारी अन्याय किया।
अल्पज्ञानी लोग कह रहे हैं कि ऐसा पहली बार हुआ।
अरे भई, 1985 में आप कहां थे ?

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