सुरेंद्र किशोर : मनमोहन सिंह “जादुई छड़ी नहीं है”.. लेकिन मोदी के पास है ये जादुई छड़ी…

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर कहा कि भ्रष्ट लोगों को
जेल भेजने का हमने संकल्प किया है
यह भी कहा कि ‘‘बड़े -बड़े भ्रष्टाचारी मुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे ,मुझे बर्बाद कर देंगे।पर, मैं उसके लिए भी तैयार हूं।’’

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने परसों हैदराबाद में भी अपना पुराना संकल्प दुहराया कि भाजपा ने भ्रष्ट नेताओं को जेल भेजने का संकल्प किया है।
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मोदी ने सन 2014 में प्रधान मंत्री पद संभालने के तत्काल बाद से ही यह काम शुरू कर दिया था।
वह अब भी जारी है।
नतीजतन इस देश में जमानत और जेल झेल रहे
नेताओं की संख्या ने पिछले सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए हैं।
सन 2024 के लोस चुनाव से पहले तक यह संख्या बहुत अधिक बढ़ जाएगी,ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

 


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मोदी ने 15 अगस्त, 2014 को लाल किले से ही यह कह दिया था कि-
‘‘मैं न खाऊंगा और न खाने दूंगा।’’
बाद में मोदी ने कहा कि
‘‘एक भी भ्रष्टाचारी नहीं बचना चाहिए चाहे वह कितना ही शक्तिशाली हो।बिना हिचक के सी.बी.आई.कार्रवाई करे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि
‘‘भ्रष्टाचार लोकतंत्र और न्याय की राह में सबसे बड़ी बाधा है।’’
मोदी ने अन्य अवसर पर यह भी कहा था कि
‘‘बड़े -बड़े भ्रष्टाचारी मुझे जिन्दा नहीं छोड़ेंगे ,मुझे बर्बाद कर देंगे।
पर, मैं उसके लिए भी तैयार हूं।’’
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दूसरी ओर, 15 अगस्त, 2011 को तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने लाल किले से कहा था कि
‘‘देश की तरक्की में भ्रष्टाचार सबसे बड़ी बाधा है और यह सभी के लिए गहरी चिंता का विषय है।
लेकिन भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार के पास कोई जादुई छड़ी नहीं है।’’
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जादुई छड़ी मोदी के पास है,ऐसा लगता है।
नरेंद्र मोदी की यह पहल सराहनीय है।
यह आज की जरुरत है।
मोदी विरोधी दलों के नेताओं ने 2014 से 2019 तक मोदी सरकार पर यह आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर्फ भाजपा विरोधी दलों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है,भाजपा के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ नहीं।
इस आरोप को आम जनता ने सही नहीं माना,इसलिए मोदी को अधिक बहुमत से 2019 में फिर से सत्ता में पहुंचा दिया।
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भ्रष्टों के खिलाफ कार्रवाई से आम जनता खुश है।
क्योंकि अपवादों को छोड़कर अधिकतर लोगों को यह लगता है कि नेताओं-अफसरों-व्यापारियों के एक बड़े हिस्से के भीषण भ्रष्टाचार के कारण ही अपना देश अब भी गरीब है।
नतीजतन 80 करोड़ लोगों को अब भी मुफ्त अनाज देना पड़ रहा है।
आजादी के तत्काल बाद से ही लूट शुरू हो गयी थी।
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भ्रष्टाचारी लगभग सभी दलों में हैं।
कुछ में अधिक तो कुछ में कम।
यह अच्छी बात है कि अपवादों को छोड़ कर अदालतें भी बहुत अच्छे ढंग से अपना काम रही हैं।
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आज भ्रष्टाचार और आतंकवाद देश के सामने सबसे बड़े मुद्दे हैं।
भ्रष्टाचार, आतंकवाद व जेहाद को ताकत पहुंचाता है।
आज इस देश में 10 से 12 हजार रुपए खर्च करके किसी घुसपैठिए को भारत का मतदाता बनाया जा रहा है।
वोट के लिए कई दल इस कोशिश में परोक्ष-प्रत्यक्ष उनकी मदद कर रहे हैं।
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मोदी विरोधी नेताओं को यदि यह लगता है कि मोदी सरकार भाजपा के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है तो वे खुद कोर्ट में क्यों नहीं जाते भ्रष्टाचार के सबूतों के साथ ?
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नेशनल हेराल्ड घोटाला केस,
टू जी घोटाला
और जय ललिता के खिलाफ जो कदम डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उठाया,वही कदम मोदी विरोधी नेता भाजपा के कथित भष्टों के खिलाफ क्यों नहीं उठाते ?
याद रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने बहुत पहले यह निर्णय दे रखा है कि सामान्य नागरिक भी किसी लोक सेवक के खिलाफ
केस कर सकता है।
डा.स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के उसी आदेश का लाभ उठाकर उपर्युक्त तीनों केस किए।
डा.स्वामी तीनों में सफल रहे।
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2019 के लोस चुनाव से ठीक पहले राफेल में कथित भ्रष्टाचार का मामला सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने उस आरोप में कोई तथ्य नहीं पाया।
2024 के लोक सभा चुनाव से ठीक पहले अडाणी का मामला सुप्रीम कोर्ट में गया।
सुप्रीम कोर्ट ने इसमें भी कोई तथ्य नहीं पाया।

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