हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन की गतिविधियों पर भारत की पूरी नजर
नौसेना प्रमुख ने मीडिया से कहा कि चीन के पास आर्थिक गतिविधियों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद रहने के पीछे वैध कारण हो सकता है लेकिन हम हिंद महासागर में नौसैनिक शक्ति के रूप में वहां क्या हो रहा है, इस पर नजर रखते हैं।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव और पाकिस्तान सहित हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में चीन की गतिविधियों पर भारत की पूरी नजर है। आईओआर में नौसैनिक शक्ति के रूप में क्षेत्रीय ताकतों को बनाए रखने के लिए भारत के जहाज, पनडुब्बियां,विमान, यूएवी तैनात हैं। उन्होंने नौसेना में बढ़ती अग्निवीरों की संख्या के बारे में बताया कि आईएनएस चिल्का में अग्निवीरों के तीसरे बैच के शामिल होने के साथ महिला अग्निवीरों की कुल ताकत अब 1000 का आंकड़ा पार कर गई है। नौसेना प्रमुख ने मीडिया से कहा कि चीन के पास आर्थिक गतिविधियों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद रहने के पीछे वैध कारण हो सकता है लेकिन हम हिंद महासागर में नौसैनिक शक्ति के रूप में वहां क्या हो रहा है, इस पर नजर रखते हैं।
नौसेना इतिहास की पुस्तकों का किया विमोचन
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार आज दिल्ली में नौसेना दिवस प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस से पूर्व 10 क्षेत्रीय भाषाओं में नौसेना इतिहास की पुस्तकों का विमोचन किया। भारतीय नौसेना ने पिछले साल नौसैनिक ध्वज में बदलाव सहित बल में औपनिवेशिक और पुरातन प्रथाओं को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की सूची भी दी। उन्होंने कहा कि हमारी इकाइयां हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा को और बढ़ावा देने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र और उससे परे तैनात हैं। नौसेना युद्ध के लिए तैयार विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने लायक बनी हुई है।
अग्निवीरों का पहला बैच हुआ स्नातक
नौसेना में शामिल होने वाले अग्निवीरों के बारे में प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि अग्निवीरों का पहला बैच इस साल मार्च में प्रमुख प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का से स्नातक हुआ। अग्निवीरों के इस बैच में 272 महिला प्रशिक्षु शामिल थीं और इससे भी आगे बढ़ते हुए अग्निवीरों के वर्तमान बैच ने कुल 454 महिलाएं हैं। आईएनएस चिल्का में अग्निवीरों के तीसरे बैच के शामिल होने के साथ महिला अग्निवीरों की कुल ताकत अब 1000 का आंकड़ा पार कर गई है।
हिंद महासागर पर नजर
मालदीव और पाकिस्तान सहित हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी गतिविधियों पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि महासागरों को एक साझा विरासत माना जाता है। महासागरों का उपयोग किसी भी राष्ट्र की वैध आर्थिक आकांक्षाओं के लिए किया जा सकता है। चीन के पास आर्थिक गतिविधियों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद रहने के पीछे वैध कारण हो सकता है लेकिन हम हिंद महासागर में नौसैनिक शक्ति के रूप में वहां क्या हो रहा है, इस पर नजर रखते हैं।
उन्होंने कहा कि हम हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद अतिरिक्त-क्षेत्रीय ताकतों को संतुलित बनाए रखने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र निगरानी में हम जानना चाहेंगे कि उनकी गतिविधियां क्या हैं, वे किस प्रयास में लगे हुए हैं और उनके इरादे क्या हैं। एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि इसीलिए हम अपने जहाज, पनडुब्बियां, विमान, यूएवी हमेशा हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात करते हैं। नौसेना की संपत्तियां क्षेत्र को निगरानी में रखने के लिए नियमित रूप से तैनात की जाती हैं, इसलिए हम आईओआर में होने वाली सभी घटनाओं से अवगत हैं।
हमारे हित हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे भी हिंद-प्रशांत में
एडमिरल आर हरि कुमार ने आश्वस्त किया कि भारत सरकार कतर में मौत की सजा पाए 8 पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को राहत दिलाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कथित जासूसी के आरोप में कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने 26 अक्टूबर को भारतीय नागरिकों को मौत की सजा दी थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि नौसेना का काम समुद्री क्षेत्र में भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संरक्षण और प्रचार को आगे बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि हमारे हित हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे भी हिंद-प्रशांत में हैं। हमारे जहाज, पनडुब्बियां और विमान इसी लिहाज से तैनात किए जाते हैं। हम अपने जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों की तैनाती के माध्यम से क्षेत्र को निगरानी में रखने की कोशिश करते हैं। नौसेना प्रमुख ने कहा कि मित्रवत विदेशी देशों के साथ लगातार तैनाती और बातचीत के माध्यम से हम साझा चुनौतियों को देखने के लिए एक साथ मिलकर काम करने और इन मुद्दों के समाधान के लिए समाधान खोजने के लिए अंतरसंचालनीयता के लिए विश्वास के साथ-साथ तंत्र भी विकसित करते हैं।