4 सितंबर से संसद के शीतकालीन सत्र में होंगे ये काम

सत्र शुरू होने से पहले 2 दिसंबर, 2023 को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।

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संसद का शीतकालीन सत्र आगामी 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा। ज्ञात हो, 2 दिसंबर, 2023 को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। आमतौर पर सर्वदलीय बैठक सत्र शुरू होने से एक दिन पहले होती है। हालांकि, इस बार इसे देश में हो रहे पांच राज्यों – मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के लिए होने वाली वोटों की गिनती के चलते पहले बुलाया गया है। मतगणना 3 दिसंबर को होगी। फिलहाल, पांच में से चार राज्यों में मतदान पूरा हो चुका है जबकि तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होना है।

19 दिनों में 15 बैठक 

शीतकालीन सत्र के 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी। इस बीच सत्र के दौरान विधायी कामकाज और अन्य विषयों पर चर्चा होगी। इससे पहले इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सत्र में 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी। उन्होंने कहा, “संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर 2023 से शुरू होगा और 22 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी। अमृत काल में सत्र के दौरान विधायी कामकाज और अन्य विषयों पर चर्चा की उम्मीद है।”

शीतकालीन सत्र में क्या ?

– संसद के शीतकालीन सत्र पर विधानसभा चुनाव के नतीजों का खासा असर पड़ेगा जिसके दौरान सरकार प्रमुख विधेयकों को पारित करने की इच्छुक रहेगी।
– टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ “कैश-फॉर-क्वेरी” आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना होगी।
– संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है।
– सत्र के दौरान आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले विधेयकों पर भी विचार किया जा सकता है।
– इसके अलावा, मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित एक और महत्वपूर्ण विधेयक संसद में विचार-विमर्श का इंतजार कर रहा है। प्रारंभ में इसे मानसून सत्र के दौरान पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष के विरोध और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के कारण विशेष सत्र में इसकी प्रगति रोक दी गई थी।
– साथ ही सरकार का लक्ष्य सीईसी और ईसी की स्थिति को कैबिनेट सचिव के साथ संरेखित करना है, ताकि समानता हासिल की जा सके, क्योंकि वर्तमान में उन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के बराबर का दर्जा प्राप्त है।
– सरकार लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अंतरिम बजट सत्र समाप्त करने पर विचार कर रही है क्योंकि मतदान आमतौर पर अप्रैल में शुरू होता है।

इससे पहले हुआ था संसद का विशेष सत्र

बताना चाहेंगे कि इससे पहले विशेष संसद सत्र के दौरान लोकसभा ने 137%, जबकि राज्यसभा ने 128% उत्पादकता दर्ज की थी। विशेष सत्र 18-21 सितंबर तक चला था जिसमें चार बैठकें हुईं थी। विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों द्वारा एक विधेयक, महिला आरक्षण विधेयक 2023 पारित किया गया था। यह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुमत के साथ विधेयक पारित करने के लिए सभी सांसदों और राजनीतिक नेताओं को धन्यवाद दिया। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने की मांग की गई।

इससे पहले मानसून सत्र में क्या हुआ ? 

संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई, 2023 को शुरू हुआ था, जिसे 11 अगस्त, 2023 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। सत्र में 23 दिनों की अवधि में 17 बैठकें हुईं। सत्र के दौरान लोकसभा में 20 विधेयक पेश किए गए। वहीं राज्यसभा में 5 विधेयक पेश किए गए। इस दौरान लोकसभा में 22 बिल और राज्यसभा में 25 बिल पास हुए। क्रमशः लोकसभा और राज्यसभा की अनुमति से एक-एक विधेयक वापस ले लिया गया। मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 23 रही।

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