कौशल सिखौला : वोटों के लिए विपक्ष हिंदू समाज को जाति के नाम पर तोड़ने में लगा…

रात एक टीवी चैनल के साहित्य कार्यक्रम में देश के तीन प्रमुख जाने माने बुद्धिजीवी मंच पर थे । विषय भी बड़ा रोचक था और सनातन एवम हिन्दुत्व से जुड़ा थे । बड़े उत्साह से देखने बैठे कि बहुत कुछ सुनने जानने को मिलेगा । साथ ही सनातन हिन्दू और हिन्दुत्व पर इन दिनों देशभर में चल रही चर्चाओं का कोई समाधान निकलेगा । आधे घंटे की चर्चा बौद्धिकों के बीच बहस में बदल गई । यह देखकर बड़ा अफसोस हुआ कि सोसाइटी ही नहीं , देश के बुद्धिजीवी भी टुकड़े टुकड़े हो गए हैं। सनातन जैसा सत्य चर्चा के बाद भी उतना ही बिखरा हुआ नजर आया , जितना समाज है।

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देख लीजिए ,राजनीति ने बौद्धिकों को भी कहीं का नहीं छोड़ा। बहुत समय नहीं हुआ जब राहुल गांधी के माध्यम कांग्रेस थिंक टैंक ने हिन्दू और हिन्दुत्व को अलग करने का गेम शुरू किया था । कोशिश थी कि सनातन से हिन्दू और हिन्दू से हिन्दुत्व को अलग बताकर हिन्दू को कमजोर किया जाए । राहुल गांधी को बरसों पहले लाइन दी गई थी कि उनका अटैक सीधे मोदी और आरएसएस पर नियमपूर्वक होते रहना चाहिए । संसद में भी , देश के हर मंच पर भी और विदेशी दौरों पर भी । यही हुआ , होता रहा।

कुछ समय बाद नेरेटिव बदला गया । मोदी और संघ के साथ अडानी अंबानी जुड़े । फिर न जाने क्या हुआ कि राहुल ने अंबानी का नाम लेना अचानक बंद कर दिया । अब बात सिर्फ मोदी और अडानी पर आ गई । साथ ही राहुल गांधी के माइंड सैटर्स ने निर्देश दिया कि हिन्दुत्व पर जबरदस्त हमला करो , किसी भी तरह सनातन और हिन्दू को हिन्दुत्व से अलग करो । हिन्दू को और भी अधिक खंडित करने के लिए इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए जाति कार्ड खेलना हर राज्य में शुरू किया जा चुका है।

तो टीवी चैनल के खास आयोजन में आए तीन हिन्दू बौद्धिक सनातन , हिंदू और हिन्दुत्व पर ठीक उसी तरह विभाजित रहे , जैसे रोजमर्रा की टीवी बहसों में राजनैतिक दलों के प्रवक्ता रहते हैं । दरअसल हिन्दू धर्मावलंबियों की संख्या देश में 80% होने की बात मुसलमानों को नहीं चुभ रही है । यह बात विभिन्न दलों के छद्म और कथित विद्वानों को चुभ रही है । वे नहीं चाहते कि हिन्दू 80% बचे रहें।

वोटों की खातिर विपक्ष चाहता है कि हिन्दू समाज में जातीय नफ़रत पैदा तो वह सत्ता में आए । सवाल केवल एक है और सवाल में ही उसका जवाब है । क्या हिन्दू वोटर स्वयं चाहता है कि वह राजनीति का मोहरा बने और हिन्दू धर्म खंड खंड हो जाए ? आगे चलकर हिन्दू और हिन्दुत्व का क्या होगा , उत्तर आने दीजिए । पर एक बात बता दें । सनातन आरंभ से है , अंत तक रहेगा । किसी भी ताकत में दम नहीं कि वह सनातन का एक कण भी उखाड़ पाए । सनातन सभी धर्मों का मूल है और युगों तक बना भी रहेगा।

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