राजीव मिश्रा : लेफ्ट लिब्रल्स की शिकायतें जायज.. क्यों स्त्री की डिग्निटी का प्रश्न कंगना के ऊपर लागू नहीं होता?

मुझे इस चुनाव में किसी के टिकट मिलने या न मिलने से कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन फिर भी मुझे बीजेपी द्वारा कंगना को टिकट दिया जाना अच्छा लगा.

-राजीव मिश्रा

कंगना लंबे समय तक बॉलीवुड के भीतर एकमात्र सेंसिबल और स्वतंत्र स्वर रही है. उसने बहुत समय तक एक अकेली लड़ाई लड़ी है और निजी तौर पर उसकी एक कीमत चुकाई है. वैसे तो करोड़ों लोग हैं जिन्होंने बिना किसी लाभ या प्रतिदान की अपेक्षा के भाजपा के लिए लड़ाई लड़ी है, और इस लड़ाई को निजी लड़ाई समझ कर लड़ा है. लेकिन उनमें से किसी भी एक को टिकट दिया जाना उन सभी के योगदान का एक्नोलेजमेंट है.

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उधर कंगना राणावत के विरुद्ध लिबरल गैंग की बिलबिलाहट भी समझ में आती है. क्यों बड़े बड़े फेमिनिस्ट्स, लिबरल्स, इंटेलेक्चुअल्स के लिए कंगना का स्त्री होना मायने नहीं रखता? क्यों स्त्री की डिग्निटी का प्रश्न कंगना के ऊपर लागू नहीं होता?

क्योंकि कंगना का स्टैंड उनके पक्ष में नहीं है. उन्होंने स्त्री की अस्मिता और सशक्तिकरण का जो नारा उठाया है, जो झंडा खड़ा किया है इसका उन्हें फायदा होना चाहिए था, नुकसान नहीं. क्योंकि उनके लिए स्त्री की डिग्निटी, अस्मिता, मान सम्मान का प्रश्न कभी था ही नहीं. उन्हें स्त्री सशक्त और स्वतंत्र सोच वाली चाहिए ही नहीं.. उन्हें मूर्ख और उनके ऊपर निर्भर स्त्रियां चाहिए जिनसे वे अपने पक्ष में शोर करवा सकें. उन्हें उनके बाड़े में खड़ी मिमियाने वाली, शोर मचाने वाली भेड़ें चाहिए… अपने लिए दहाड़ने वाली शेरनियां नहीं चाहिए. वे एक कंगना को कभी बर्दाश्त कर ही नहीं सकते.

और यह सिर्फ एक स्त्री के लिए नहीं, हर विक्टिम आइडेंटिटी के लिए सत्य है. गरीब, पिछड़े, दलित, आदिवासी… सबकी बात करने वाला लेफ्ट लिबरल गैंग उन्हें सचमुच सशक्त होता नहीं देख सकता. उन्हें ये सारी आइडेंटिटीज सबल और सशक्त होती बर्दाश्त नहीं होती. ये सब उनके काम के तभी तक हैं जबतक ये उनपर निर्भर हों, उनकी भाषा बोलें, उनके लिए भीड़ बनें.

कंगना! तुम सिर्फ स्त्रियों के लिए नहीं, उन सभी व्यक्तियों के लिए प्रेरणा हो जिन्होंने अपनी प्रतिभा और साहस के बल पर सफलता पाई है, ना कि एक विक्टिम आइडेंटिटी से चिपक कर शिकायतें भर पाली हैं. दुनिया भर के निकम्मे लेफ्ट लिब्रल्स की शिकायतें जायज हैं… तुमने उनके निकम्मेपन की पोल खोल दी है, उनका खोखलापन जाहिर कर दिया है. तुमने दिखा दिया है कि एक सशक्त स्त्री को उनकी जरूरत नहीं है.

You are Brave and and you are beautiful.

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