अरविंद पांडेय : छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के प्रबल संकेत

★ भाजपा ने सत्ता पाने ने झोंकी ताकत  

★ चार महीने में सातवीं बार आए मोदी 

★  चुनाव में भ्रष्टाचार की चर्चा कांग्रेस पर भारी

★  बड़े दलों के बड़े नेता हार सकते हैं चुनाव 

– अरविंद पांडेय (पत्रकारिता के क्षेत्र में दो दशक से सशक्त       हस्ताक्षर द्वारा प्रदेश विधानसभा चुनाव पर सर्वेक्षण)


रायपुर। भूपेष बघेल, रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल,  ताम्रध्वज साहू, टीएस सिंहदेव बाबा, ननकीराम कंवर, अरुण वोरा वोरा, अमितेष शुक्ल, जयसिंह अग्रवाल , उमेश पटेल, मोहम्मद अकबर और कुछ बड़े नाम जो लगातार कई बार जीत चुके हैं एक ही सीट पर उन्हे कड़ी चुनौती मिल रही है। चुनाव के बाद कई नतीजे चौंकाने वाले होंगे। कई अभेद्य गढ़ों में दरार पड़ेगी और गढ़ अभेद्य नही रहेंगे। विधानसभाचुनाव अब रोमांचक और तनावपूर्ण हो चला है , दोनो पार्टियों में नए नेतृत्व का उदय होना जरूरी भी है और होगा भी।

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भाजपा का अभियान , बड़े नेताओं के दौरे ,रोड शो, आमसभा,  प्रचार, तकनीकी प्रचार ,प्रबंधन देखने पर कांग्रेस का चुनावी अभियान बिखरा बिखरा सा दिख रहा है और कांग्रेस के उम्मीदवार जैसे अपने दम पर चुनाव लड़ रहे है।

भाजपा के आक्रामक अभियान से भाजपा के एजेंडे पर कांग्रेस बचाव करती दिख रही। कांग्रेस के जो एजेंडे और छवि भूपेश बघेल ने बनाई थी गरुआ, गोबर, गौठान, छत्तीसगढ़ी संस्कृति की वो  खुद  कांग्रेस ने ही उसके ऊपर मुफ्त ,मुफ्त और बोनस  ,कर्ज माफी का कवर लगाकर छवि धुंधली कर दी है लेकिन धीमी गति से चल रही भाजपा ने इस मुफ्त ,बोनस , कर्ज माफी के कवर पर उस पर मोदी और केंद्र सरकार की गारंटी का शुद्ध कवर लगाकर बराबरी पर और आज की स्थिति में कहें तो शायद थोड़ा आगे आ खड़ी हुई।

प्रदेश की राजनीति में लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही कांग्रेस की बची खुची कसर महादेव एप के आरोप और भ्रष्टाचार की कालिख ने कर दी।

भाजपा के अभियान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, स्मृति ईरानी, जेपी नड्डा, योगी आदित्यनाथ, हेमंत विश्व शर्मा के लगातार दौरों  और अन्य राज्यो के विधायको के साथ केंद्रीय मंत्रियों के जमावड़े ने भाजपा कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ा दिया है तो कांग्रेस के पास बड़े नेताओं के नाम पर राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा के अलावा और कुछ नही है।

चुनावी अभियान के प्रथम चरण की दक्षिण छत्तीसगढ़ की 20 सीटों पर मतदान के बाद उसमे से भाजपा को 14 सीटें या अधिक मिलने की संभावनाओं ने भी भाजपा की सरकार बनने के संकेत प्रबल कर दिए है क्योंकि इन 20 सीटो पर 19 कांग्रेस की जीती हुई सीटे है।

अब दूसरे और अंतिम चरण की दौड़ में भाजपा आगे है जबकि अक्टूबर तक हर सर्वे और आम चर्चा में कांग्रेस आगे थी।

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