कौशल सिखौला : …लेकिन तब तक पीओके का “शब्द” भी मर चुका होगा
अब तो संत भी दक्षिणा में द्रव्य के बजाय पीओके मांगने लगे । सबने सुन ही लिया होगा आर्मी चीफ उपेन्द्र द्विवेदी जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य महाराज से दीक्षा मंत्र लेने गए थे । जगद्गुरु ने वही बीजमंत्र सेनाध्यक्ष को दिया जो सीता माता ने महावीर बजरंगबली को दिया था । अब मंत्र की शक्ति तो सबको पता ही है । हनुमानजी ने लंका जला दी और फिर रामजी ने रावण का दैत्य वंश ही निपटा दिया ।
समझ लीजिए कि जब जगद्गुरु ने ही सेनापति से पीओके दक्षिणा में मांग लिया तब पीओके का भविष्य क्या होगा । पीओके तो 140 करोड़ देशवासी 78 वर्षों से मांग रहे हैं । एक बात साफ साफ बता दें कि 2047 में जब भारत अपनी स्वाधीनता की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब तक पीओके का “शब्द” भी मर चुका होगा । मतलब साफ है । पूरा कश्मीर स्वाधीनता की शताब्दी में शामिल होगा । पीओके अतीत हो जाएगा , इतिहास बन जाएगा । राजनाथ सिंह ने कहा भी है कि वह दिन करीब है जब पीओके खुद कहेगा – मैं भारत हूं ।
यूँ तो पूरी दुनिया जान चुकी है लेकिन भारत में कुछ बेशर्म अभी भी सबूत मांग रहे हैं । अज़रबैजान में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ़ ने खुद सार्वजनिक सभा में सबूत दे दिए कि भारत ने हमारे एयरबेस और एयरपोर्ट तबाह कर दिए । यह तब हुए जब सवेरे की नमाज़ के बाद पाकिस्तान की सेना हमले की योजना बना रही थी ? समझे आप ! पहले नमाज फिर हमला ? यही तो आतंकवादी करते हैं । यही तो जिहाद है ?
शाहबाज ने अपनी जुबान से बता दिया कि पाकिस्तान की सरकार , पाकिस्तान की जनता और आतंकवादी सब एक हैं । भारत ने अपनी सेनाओं का शौर्य बखान करने के लिए 7 दल विदेशों में भेजे हैं । उसी की नकल करते हुए शाहबाज शरीफ़ अपने बुजदिल सेनाध्यक्ष मुनीर को साथ लेकर चार देशों में भीख मांगते घूम रहे हैं । वे कितना झूठ फैला रहे हैं , उसका प्रमाण पाकिस्तान का मीडिया और सोशल मीडिया दे रहा है ।
अब ईर्ष्या और जलन की हद देखिए कि हमारे कईं विपक्षी नेता शाहबाज और मुनीर के झूठ को सही मानकर भारत सरकार और अपनी सेना के शौर्य से झुलसे जा रहे हैं । सबूत पर सबूत ही नहीं मांग रहे , संसद का विशेष सत्र बुलाकर ऊलजलूल पैंतरे दिखाने का मौका भी तलाश रहे हैं । सिर फिरी राजनीति के इस दौर में अपनों पर शक करने वाले राजनैतिक रूप से कितना ज्यादा खो रहे हैं , इसका पता उन्हें आने वाले चुनावों में चलेगा । आश्चर्य की बात है कि विपक्ष अभी भी जनता के मिज़ाज से वाकिफ नहीं हो पाया है ?
