अमित सिंघल : क्या प्रधानमंत्री मोदी (भारत) की तुलना लड्डन कबाड़ी से हो सकती है..?
शनिवार, 24 मई का भारत का बिज़नेस स्टैण्डर्ड समाचारपत्र ऑनलाइन एक्सेस किया।
मेन हेडलाइन है कि RBI ने 2.69 लाख करोड़ रुपये (2.69 ट्रिलियन रुपये या 32 बिलियन डॉलर से अधिक) का सरप्लस या अतिरिक्त धन केंद्र सरकार को ट्रांसफर करने की स्वीकृति दी है।
समाचारपत्र लिखता है कि RBI को डॉलर बेचने से आय होती है। इसके अलावा अन्य बैंको से ब्याज भी मिलता है जो सरप्लस में जुड़ जाता है।
अतः सरप्लस ट्रांसफर एक सालाना प्रक्रिया है और ऐसे सरप्लस का अनुमानित रोकड़ा का बजट में उल्लेख किया जाता है।
वर्ष 2025-26 के बजट में भारत सरकार ने RBI एवं अन्य पब्लिक सेक्टर वित्तीय संस्थाओ (बैंक, इंश्योरेंस इत्यादि) से कुल 2.59 लाख करोड़ रुपये प्राप्ति का अनुमान लगाया था।
लेकिन अकेले RBI से ही 2.69 लाख करोड़ रुपये मिल जाएंगे। अतः आशा है कि सरकार को इस वित्तीय वर्ष में लगभग 70,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त आय होगी।
फिर ध्यान आया कि आतंकी क्षेत्र 1.5 बिलियन डॉलर उधारी मिलने के लिए उछल (लगभग 13,000 हज़ार करोड़ भारतीय रुपये) रहा था। इस उधारी को भारत की हार बता रहा था।
क्या प्रधानमंत्री मोदी (भारत) की तुलना लड्डन कबाड़ी से हो सकती है?
