सुरेंद्र किशोर : अधिकत्तम सजा राहुल गांधी को नहीं तो अन्य को क्यों ?
अधिकत्तम सजा राहुल गांधी को नहीं तो
ऐसे ही मामलों में अन्य को क्यों ?
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राहुल गांधी को राहत देते हुए सुप्रीम
ने कल सवाल पूछा था कि
उन्हें अधिकत्तम सजा क्यों दी गयी ?
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सूरत की निचली अदालत ने गत मार्च में राहुल गांधी को सजा देते हुए अपने जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट को भी उधृत किया था।
जजमेंट में लिखा गया है कि
‘‘सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बावजूद एक्यूज्ड यानी राहुल गांधी के कंडक्ट यानी व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया है।’’(–इकोनाॅमिक टाइम्स-24 मार्च 23-देखिए स्कैन काॅपी)
याद रहे कि स्वाभाविक है कि सूरत की निचली अदालत के ध्यान में यह बात भी रही होगी कि राहुल गांधी के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में मानहानि के 10 अन्य मुकदमे भी चल रहे हैं।
यानी, वे आदतन कानून तोड़क हैं।
यदि आदतन कानून तोड़क को अधिकत्तम सजा नहीं मिलेगी तो किसके लिए उस दफा में अधिकत्तम सजा का प्रावधान किया गया है ?
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यदि राहुल गांधी अंततः किसी तरह सजामुक्त हो गये या उनकी सजा कम हो गयी तो उसका क्या परिणाम होगा ?
यह होगा कि देश के अन्य कानून तोड़कों को,खास कर किसी सदन के सदस्यों को, अदालतों से यह कहने का अधिकार मिल जाएगा कि हमारे केस में अब अधिकत्तम सजा क्यों ?
मेरे मामले में भी कोर्ट मुझे नसीहत देकर काम चला ले।
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साथ ही,इससे गालीबाजों को काफी बढ़ावा मिलेगा।
उससे सार्वजनिक जीवन और भी गंदा हो जाएगा।
क्योंकि राहुल गांधी ने तो सिर्फ चोर कहा है,इससे भी घृणित आरोप लगाने वाले कुछ नेता गण इस देश में उपलब्ध हैं।