राजीव मिश्रा : फौजी भी वहां से जिंदा लौट कर खुश होते थे…

जिन्हें लग रहा है, मणिपुर आज जल रहा है.. उन्हें पता नहीं है कि मणिपुर हमेशा इससे ज्यादा जलता रहा है. सिविलियंस की छोड़िए, फौजी भी वहां से जिंदा लौट कर खुश होते थे.

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15 अगस्त 1998 को मैंने अपने कॉलेज के क्लासमेट और एक साथ साथ वर्दी पहने अपने मित्र कैप्टन अजय सिंह को खोया था… इम्फाल में. मैं वहां से कुछ ही किलोमीटर दूर पोस्टेड था. तब मणिपुर फौज की सबसे खतरनाक पोस्टिंग गिनी जाती थी.

मोदी को कोसने वालों के साथ एक ही समस्या है, उनकी या तो उम्र कम है या मेमोरी खराब है.

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