कोरबा। नंदकुमार साय द्वारा छत्तीसगढ़ स्टेट इण्डस्ट्रियल डेव्हलपर कार्पोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करने के बाद से राज्य में औद्योगिक प्रगति के विषय पर सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री साय की मंशा राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय निवासियों के उत्थान के लिए सतत कार्य करना है। उनका मानना है कि हर क्षेत्र में निवेश संभावनाओं पर आधारित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की अधिक से अधिक स्थापना हो ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।
कोरबा में भी औद्योगिक क्षेत्र में विकास के लिए कोरबा कलेक्टर के आदेश पृष्ठ क्रमांक 7971/ भूमि बंटन/ 2005 में पारित आदेश दिनांक 22 .05. 2007 द्वारा अन्य भूमियों सहित ग्राम कोहड़िया पटवारी हल्का नंबर – 4, तहसील कोरबा, जिला – कोरबा के बालकों रोड स्थित शासकीय भूमि का रकबा- 2.379 हेक्टेयर यानी लगभग 5.88 एकड़ भूमि का आधिपत्य राजस्व विभाग से प्राप्त किया गया था।
छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के पत्र क्रमांक सीएसआईडीसी/भूअर्जन/ 2008/640 रायपुर, दिनांक 9:04 2008 के परिपालन में उक्त शासकीय भूमि का आधिपत्य सीएसआईडीसी को सौंपा गया था।
बालको रोड पर स्थित भूमि खसरा नंबर 588, 589, 590, 591, 593, 594, 595, 626,628 सीएसआईडीसी के स्वामित्व की भूमियां हैं। बालको चेकपोस्ट रेलवे फाटक के आगे बालको रोड से उक्त उल्लेखित खसरा नंबर की भूमियां लगी हुई हैं लेकिन किसी तरह की फेंसिंग की व्यवस्था इन भूमियों की सीमा – चौहद्दी स्पष्ट करने के लिए नहीं की गई है।
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त नक्शे के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि सीएसआईडीसी की उक्त भूमियों के कुछ आगे ही नक्शे के अनुसार बालको विस्तार के कार्य के निष्पादन के लिए बैचिंग प्लांट भी बनाया गया है। नक्शे में उल्लेखित भूमियों के समीप ही बालको प्रबंधन के द्वारा रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है। इस रेल लाइन के निर्माण से सीएसआईडीसी की भूमियां प्रभावित न हो इसके लिए बालको प्रबंधन के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए सीएसआईडीसी अध्यक्ष नंदकुमार साय को एक टीम गठित कर अपने विभागीय भूमि का सीमांकन कर घेराबंदी कराया जाना शासनहित में होगा।
वर्तमान में बालको प्रबंधन के द्वारा बालको चेकपोस्ट के समीप नई रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है। यह रेल लाइन सीएसआईडीसी को आबंटित भूमि के आसपास से ही होकर गुजर रही है। सीएसआईडीसी द्वारा आगे भविष्य में किसी तरह से भूमि आबंटन कर उद्योग स्थापित करने की बात होने पर बालको द्वारा बिछाई जा रही रेल लाइन से बालको प्रबंधन व सीएसआईडीसी के मध्य बड़े विवाद का कारण बन सकती है।
बालको द्वारा रेल लाइन पर परिचालन शुरू कर दिए जाने के बाद सीएसआईडीसी को आबंटित भूमि पर आवागमन किस प्रकार से होगा, यह भी एक बड़ा विषय है, जिस पर सीएसआईडीसी को त्वरित निर्णय लेते हुए अपने स्वामित्व की भूमि का सीमांकन करवाकर उसकी घेराबंदी भी किया जाना शासनहित – जनहित में होगा।