NRI अमित सिंघल : तब 2200 रुपयों में आता गैस सिलेंडर…

राहुल गाँधी ने एक ट्वीट में बताया कि 2014 में कांग्रेस सरकार के समय में उपभोक्ता को गैस सिलिंडर 410 रुपये में मिलता था जिसके लिए सरकार 827 रुपये की सब्सिडी देती थी। जबकि वर्ष 2023 में भाजपा सरकार के समय में उपभोक्ता को सिलिंडर 1103 रुपये का पड़ रहा है क्योकि अब सब्सिडी शून्य है।

इस ट्वीट में है 2200 रुपयों में गैस सिलेंडर की बात..

ध्यान देने की बात है कि वर्ष 2014 में उपभोक्ता दर एवं सब्सिडी मिलकर सिलिंडर 1237 रुपये का पड़ता था; जबकि आज केवल 1103 रुपये में मिल रहा है।

अतः प्रश्न यह है कि नौ वर्ष पूर्व 2014 में सिलिंडर की कुल लागत आज की तुलना में 134 रुपये मंहगी क्यों थी? जबकि आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम उस समय की दर से कही अधिक है?

वही भ्रष्टाचार का खेल छुपा हुआ है। प्रथम, सभी को सब्सिडी के नाम पर घोटाला कर दिया जाता था। आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनकी सरकार ने आधार के द्वारा 8 करोड़ से अधिक ऐसे भारतीयों का पता किया जिनका आस्तित्व ही नहीं था। उन सभी को सब्सिडी, राशन कार्ड एवं सरकारी नौकरी इत्यादि मिली हुई थी।

द्वितीय, सस्ते के नाम पर खेल कहीं और हो जाता था। कांग्रेस के समय में गैस इसलिए मंहगी थी क्यकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में उसकी खरीद के समय विक्रेता से घूस ले लिया जाता था।

तृतीय, GST के कारण गैस सिलिंडर की चेन बन गयी है जो उपभोक्ता के स्तर पर केवल एक टैक्स देना होता है। अर्थात, कई स्तर पर अलग-अलग टैक्स ना लेने के कारण वास्तव में टैक्स कम हुआ है।

चतुर्थ, अब गैस पर सब्सिडी समाज के निर्धन वर्ग को मिलती है। वर्ष 2014 गैस कनेक्शन लगभग 55 प्रतिशत भारतीय घरो में उपलब्ध था। आज यह कवरेज लगभग सभी घरो को मिली हुई है।

पंचम, आप माह में केवल एक सिलिंडर से काम चला लेते होंगे। लेकिन धनाढ्य वर्ग पांच सिलिंडर खर्च कर देगा। अर्थात, वह सब्सिडी का लाभ आप की तुलना में कई गुना उठा रहा था जो अनुचित था।

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