वफ़ा फ़राज़ : कहते हैं विधवाएं तो अपना वैधव्य काट लें पर विधुर काटने दें तब ना।

उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में यह कहावत ठेठ देसी अंदाज में दूसरे ही शब्दों में कही जाती है (राँडें तो रँड़ापा काट लें पर रँड़ुए काटने दें तब ना)। हाल ही में बीजेपी नेत्री एवं सोशल मीडिया स्टार सोनाली फोगाट की हत्या के साथ ही यह कहावत एक बार फिर सिद्ध हो गई।

वफ़ा फ़राज़

बिग बॉस फेम सोनाली फोगाट अचानक उस समय सुर्खियों में आ गईं जब गोवा में हार्ट अटैक से उनकी मौत की खबर सामने आई। 2016 में सोनाली फोगाट के पति के निधन के बाद से वे बेटी यशोधरा का अकेले पालन पोषण कर रहीं थीं। वे समाज सेवा व राजनीति में भी सक्रिय थीं। 2019 में बीजेपी से चुनाव लड़ने के दौरान उनकी मुलाकात सुधीर सांगवान से हुई। सुधीर ने सोनाली पर अपने अच्छे व्यवहार का ऐसा प्रभाव जमाया कि उन्होंने उसे अपना निजी सचिव रख लिया। धीरे-2 सोनाली को पूर्णरूप से विश्वास में लेने के बाद एक दिन सुधीर सांगवान ने सोनाली के कोल्डड्रिंक में नशीली दवा मिलाकर अचेत करने के बाद उनके साथ बलात्कार कर इस दुष्कृत्य का वीडियो बना लिया।

इसी दिन के बाद से सोनाली फोगाट सुधीर सांगवान के हाथों ब्लैकमेल होने लगीं। सोनाली की हत्या के बाद एक नितांत अनौपचारिक इंटरव्यू में उनकी 15 वर्षीय बेटी ने बताया कि सुधीर उन्हें घरवालों से मिलने नहीं देता था व कभी कभार मिलने देने पर भी रोकटोक व जल्दबाजी करता रहता था। यहाँ तक कि उसने सोनाली की प्रॉपर्टी के सभी कागजात, एटीएम आदि भी अपने कब्जे में किए हुए थे। साथ ही उनके भोजन का जिम्मा भी सुधीर ने अपने हाथों में ले लिया था व लगातार उसमें नशीले पदार्थ मिलाकर सोनाली को दिए जा रहे थे। उनके दोनों मोबाइल्स भी सुधीर अपने कब्जे में रखता था व उन्हें घरवालों से बात नहीं करने देता था। सुधीर ने दबाव डालकर सोनाली के कई फ्लैट्स व प्लॉट्स अपने नाम करवा लिए थे ( देखिए वीडियो)। सोनाली अगर इस बात का खुलासा करतीं तो उनकी सामाजिक छवि को बहुत धक्का पहुंचता और उनका राजनैतिक व फिल्मी कैरियर समाप्त हो जाता इसलिए वे सुधीर के हाथों की कठपुतली बन चुकीं थीं।

23 अगस्त,2022 को गोवा में पार्टी मीटिंग में हिस्सा लेने गई सोनाली को सुधीर व सुखविंदर नामक युवक ने जबर्दस्ती नशीली दवा पिला दी। पहले से ही अचेत हो रही सोनाली को बलपूर्वक नशीला पदार्थ पिलाए जाने की सीसीटीवी फुटेज मन को विचलित कर देनेवाली है। सोनाली की हालत बिगड़ने पर दोनों उसे बाथरूम में ले गए व दो घंटे तक वहीं उसके साथ रहे। सुबह साढ़े चार बजे जब सोनाली को अस्पताल ले जाया गया तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। हत्यारों ने प्रारंभ में इस हत्या को हार्ट अटैक के कारण हुई मृत्यु के रूप में प्रचारित किया परंतु बेटी के बयान,परिवार के हस्तक्षेप और सीसीटीवी फुटेज से सारी तस्वीर साफ हो गई। गोवा पुलिस की पूछताछ में दोनों अपराधियों ने नशीला पदार्थ देकर हत्या करने की बात भी कबूल कर ली है (देखिए अंतिम चित्र)।

सोनाली टिकटॉक की जानीमानी स्टार थीं और इस प्लेटफार्म पर उनके लाखों फॉलोअर्स भी थे। इंस्टाग्राम अकाउंट में सारी रील्स और फोटोज में सोनाली पूरी बाँह के ब्लाउज के साथ साड़ी,सलवार सूट दुपट्टे में या वैस्टर्न में भी बेहद डीसेंट कॉरपोरेट स्टाइल कपड़ों में दिखाई देती हैं। उनके हावभाव, अदाकारी भी शालीन है। कहीं भी क्लीवेज या जाँघें दर्शाते हुए या ‘सैयां आ जा, दिल में समा जा’ छाप कंटेंट मुझे देखने को नहीं मिला। इंस्पायर करनेवाली बात तो यह है कि 43 वर्ष की आयु में भी वे फर्राटे से बुलैट बाइक दौड़ाती थीं। गोल्फ खेलती थीं। साथ ही बहुत से म्यूजिक एलबम्स में भी काम कर चुकीं थीं।

एक सज्जन की पोस्ट पर लोगों को सोनाली को अपशब्द कहते देखा तो हँसी आ गई। स्त्री विरोध में मानवता से भी हीन हो चुके इस समाज को अपने पैरों पर खड़ी करोड़पति सुष्मिता सेन को भी ललित मोदी की ‘गोल्ड डिगर’ कहकर कोसना होता है तो किसी और के हाथों धोखे का शिकार होकर मरनेवाली सोनाली को भी। सोनाली ने किसी का घर नहीं उजाड़ा था। वह किसी अधेड़ या बुड्ढे धनपति की अवैध प्रेयसी नहीं थी। उसे लगातार ब्लैकमेल किया जा रहा था यह बात स्वयं उसके अपराधी ने कबूल ली है तथापि दिनभर टिकटॉक पर अपनी बेटी से भी कम आयु की लड़कियों को देखकर आँखें सेंकनेवाले और रातभर पॉर्न साइटों के भरोसे अपने मृतप्राय पुरुषार्थ को सहलानेवाले यौनकुंठित पशु भी छलपूर्वक मारी गई सोनाली के चरित्र का अन्वेषण कर रहे हैं।

एक महोदय कहते हैं मैनेजर रखना था तो अपने भाई को रखती। उनकी जानकारी के लिए बता दूँ दिव्या भारती,अमीषा पटेल से लेकर शिल्पा शेट्टी तक अपने मातापिता पर अपनी कमाई पर कब्जा करने को लेकर केस दर्ज करा चुकी हैं। बेबी गुड्डू नामक बाल कलाकार को उसके अपने मातापिता ऐसी दवा दे रहे थे जिससे उसका शारीरिक विकास ना हो ताकि बाल कलाकार के रोल मिलते रहें। दो ऐसी महिलाओं को मैं जानती हूँ जिनके अपने ही लोगों ने उन्हें भड़काकर उनका तलाक करवाया व फिर एलुमनी की संपत्ति भी डकारकर उन्हें दरबदर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया। कितनी ही बेटियों की कमाई पर ऐश करनेवाले उनके परिजन उनके विवाह करने की चर्चा से तक बचते हैं। अपनों के मारों का किस्सा शुरू हुआ तो ना जाने कितनों के अनकहे जख्म हरे हो जाएंगे।
असल में, आपसी संबंधों में जहाँ विश्वास व लगाव की कमी होती है और अपनों के व्यवहार में कहीं मैनिपुलेशन दिखाई देता है तभी कोई मनुष्य घर के बाहर यथा सोशल मीडिया,पार्टियां या राजनीति में खुशियां खोजने निकलता है। सोनाली के पास उनके स्वर्गीय पति की छोड़ी हुई करोड़ों की संपत्ति पहले से ही थी। वे सिर्फ समाज में एक पहचान बनाने की कोशिश कर रही थीं पर साफ दिल की एक अकेली स्त्री के लिए यह ख्वाब देखना ही गुनाह बन गया।

लोगों के कहेसुने में आकर किसी को जज करने से बचना चाहिए। उस पर भी एक मृत स्त्री को? जिन्हें ऐसे चिकने माल पर हाथ डालने को नहीं मिला वे चोट खाए सर्प तो उसे ‘रमडी’ कहेंगे ही। सोचना हमें है कि अनावश्यक रूप से दूसरों को जज करते-2 हमारे पापों का बोझ कहीं इतना भारी ना हो जाए कि अंत समय जब हम ‘गोविंद’ नाम उच्चारण करने का प्रयास करें तो कहीं प्रभु हमसे यह ना पूछ बैठें कि,’वह अभागी जिसने तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगाड़ा था उसे तुमने अपनी यौनकुंठा में क्या-2 ना कहा,उसी मुख से आज मेरा नाम लेते तुम्हें लज्जा नहीं आती हे मर्यादा पुरुषोत्तम पुत्र?’

नारायण !!!

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