अनुश्रुति-जनश्रुति : राहुल गांधी ने खुद को बेनकाब किया.. रुपया कमजोर होने का सच.. ट्वेंटी ट्वेंटी फोर मोदी…

राहुल गांधी ने खुद को बेनकाब किया

2014 में कांग्रेस के शासन की तुलना में प्रभावी रूप से आज भी गैस सिलेंडर 24% सस्ता है (और हम यहां मुद्रास्फीति की गणना भी नहीं कर रहे हैं …..)

INC 2014 = 1237 जब करदाताओं पर 827 के भारी बोझ के साथ कोई उज्ज्वला योजना नहीं थी

भाजपा 2022 = 999 जब करदाताओं पर शून्य बोझ वाली उज्ज्वला योजना है

कौन बेहतर प्रदर्शन कर रहा है?

सस्ते बॉलीवुड पर ब्रेक लगे

रामायण, महाभारत, पौराणिक और इतिहास के महानायकों पर सस्ते सीरियल फ़िल्म बनाने वाले सस्ते बॉलीवुडिया फिल्मकारों पर रोक लगा देनी चाहिए।

क्योंकि सोशल मीडिया पर उनका चरित्रहनन करने वाली सस्ती पोस्टें उन्हीं से प्रेरित होती हैं।

सिर्फ डॉक्टर चंद्रप्रकाश द्विवेदी जैसे ऑथेंटिक विद्वानों को ही यह अधिकार मिलना चाहिए जिनका एक एक दृश्य प्रामाणिक होता है।

डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने का सच

विस्तृत एनालिसिस करो अगर करनी है तो, वैसे भी India की सारी ट्रेड सिर्फ US से थोड़ो होती है।

2004 से 2014

Dollar($) के मुकाबले Rupee(₹) टूटा -40%.

2014 से 2022

Dollar($) के मुकाबले Rupee(₹) टूटा -29%.

2004 से 2014

Euro(€) के मुकाबले Rupee(₹) टूटा -46%.

2014 से 2022

Euro(€) के मुकाबले Rupee(₹) टूटा -1.4%.

2004 से 2014

Pound(£) के मुकाबले Rupee(₹) टूटा -19.5%.

2014 से 2022

Pound(£) के मुकाबले Rupee(₹) मज़बूत हुआ +3.6%.

2004 से 2014

Yuan(¥) के मुकाबले Rupee(₹) टूटा -74%.

2014 से 2022

Yuan(¥) के मुकाबले Rupee(₹) टूटा -21%.

(मई 2004, मई 2014 और अभी मई 2022 के रेट से प्रतिशत % में तुलना की है)

कुछ सौ यूनिट मुफ्त बिजली ले कर, कुछ हजार रूपए की टैक्स की छूट ले कर आपको एक समय के खाने पर हजारों खर्च करने पडे तो कैसा लगेगा???

किसी श्रीलंका वाले से पूछिए।

जब किसी देश की सरकार भ्रष्ट होती है, वोट के लालच में मुफ्तखोरी को बढ़ावा देती है, गैर जरूरी कर्ज लेती है…..Financial Discipline नहीं रखती…. चीन जैसे दोस्त पर अन्धविश्वास रखती है….. और जहाँ जनता सिर्फ अपना फायदा देखती है…… वहाँ देश ऐसे ही जलता है.

 

‘‘स्वर्ग की चौकीदारी से बेहतर है नरक की सरदारी ???!!’’

इस देश में कुछ लोग इसी ‘रणनीति’ का पालन करते रहे हैं।

ऐसे लोग समाज के हर क्षेत्र व पेशे में मौजूद हैं।

ऐसे लोग देश के हर कोने में फैले हुए हैं।

जिन लोगों ने खुद पहले नरक को झेल लिया है,वे लोग भी  सरदारी के लोभ में फिर खुशी-खुशी नरक में चले जाते हैं।

हां, इससे उनके बाल-बच्चों का सामान्य ज्ञान व अनुभव जरूर बढ़ जाता है।

उन्हें भी स्वर्ग और नरक दोनों के अनुभव मिल जाते हैं।

चीन का वैक्सिनेशन

ये है Beijing (चीन)…. हजारों लोग लम्बी लाइन लगा कर खड़े हैं…… Covid का RT PCR टेस्ट करवाने के लिए.

याद कीजिये, क्या आपको इतने लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ा था test के लिए??? फिर आप ही चीन की तारीफ  के पुल बाँधते हैं और भारत को पिछड़ा बोलते हैं।

 

वन्दे भारत trains अब Stone Pelting Protection system के साथ आयेंगी.

पता नहीं, ये ख़ुशी की बात है या शर्म की.

भारत के मुफ्तखोर सीखेंगे…

श्रीलंका में स्थिति हाथ से निकल चुकी है…… ये श्रीलंका के प्रधानमंत्री (अब इस्तीफ़ा दे चुके) महिंडा राजपक्शे का घर है, जिसे जनता ने जला दिया है….. कई अन्य नेताओं के घर भी जला दिए गए हैं, कुछ नेताओं को जनता ने दौड़ा दौड़ा कर मारा भी है, जिसमें कुछ की मृत्यु की अपुष्ट ख़बर आ रही है.

चीन ने बिना एक गोली चलाये एक देश को गृहयुद्ध में झोंक दिया… इसमें उसका सहयोग किया बेवकूफ और भ्रष्ट नेताओं ने, और मुफ्तखोर जनता ने……. देश जल गया है, अब बचे हुए टैक्स के पैसे, मुफ्त बिजली पानी के बिल का क्या करोगे??क्या भारत के लोग इससे कोई सबक सीखेंगे ???

 

‘ट्वेंटी ट्वेंटी फोर मोदी वन्स मोर’ जब BJP को जर्मनी में मिला 2024 लोकसभा चुनाव के लिए नारा

यूरोप दौरे पर गए पीएम मोदी जब जर्मनी पहुंचे तो उनका जमकर स्वागत हुआ। लोग मोदी के काम से इतने खुश थे कि उन्होंने 2024 में फिर उनके पीएम बनने का नारा लगाया और ऐसा नारा लगाया कि लोकसभा चुनाव के लिए भी नारा मिल गया। नारा लगा-‘ट्वेंटी ट्वेंटी फोर मोदी वन्स मोर’

विदेशों मे भी पीएम मोदी के प्रशंसकों की कमी नहीं है। ऐसा ही एक नजारा सोमवार को जर्मनी के बर्लिन में देखने को मिला। यहां एक कार्यक्रम में पीएम मोदी भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे और पूरा हॉल मोदी के नारों से गूंज रहा था। इसी कार्यक्रम में गूंज रहा नया स्लोगन बीजेपी के लिए अगले आम चुनाव के लिए मिल गया।

 

आज इसरो के वैज्ञानिक नित-नित न‌ए धमाके कर रहे हैं.पहले नित-नित एक एक वैज्ञानिक की रहस्यमय मौत होती थीं.

आने वाला समय चाहे सैन्य दृष्टि से हो या कम्युनिकेशन दृष्टि से अंतरिक्ष से ही नियंत्रित होगा. मोबाइल से लेकर पुरी संचार व्यवस्था, वायुयान से पुरी परिवहन व्यवस्था अंतरिक्ष से ही नियंत्रित होगी. पुरी दुनिया को इसकी आवश्यकता होगी. निश्चित तौर पर भारत इसमें कामयाबी हासिल करेगा व सस्ती सेवाएं दुनिया को देगा. हालांकि चीन भी इस क्षेत्र में कार्य करेगा पर उस पर कोई भरोसा नहीं करेगा. एलन मस्क एक निजी कम्पनी होगी इस पर भी दुनिया का भरोसा कम होगा. जिस प्रकार इलेक्ट्रॉनिक व मैकेनिकल की वजह से चीन , जान, सिंगापुर व ताइवान ने सफलता प्राप्त की थी. जीपीएस, वायुयान तकनीक व हथियारों के दम पर अमेरिका, हथियारों व स्पेश के दम पर रुश व प्राकृतिक संसाधनों की वजह से रुश व खाड़ी देश, मैकेनिकल  इंजीनियरिंग के दम पर युरोप. उसी तरह यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊंचाई पर ले जा सकता है.

 

जिगर

भारत के पूरे इतिहास में किसी सम्राट, राष्ट्राध्यक्ष ने इतना बड़ा नैतिक साहस नहीं दिखाया अब तक।  

किसी ने मतलब किसी ने भी नहीं। 

बहुत बड़ा दिल और जिगरा चाहिए। 

यह भारत के इतिहास की सबसे क्रांतिकारी, संदेशात्मक और प्रेरक तस्वीर है।

 

खादी तब और अब

8 साल से हम खादी का ‘जुमला’ सुनते आ रहे थे, खादी  पहनो, मोदी कुरता पहनो, ये करो वो करो…. लेकिन ज़मीन पर कुछ हो भी रहा था क्या?

2014-15 में जितनी खादी प्रोडक्ट्स बनते थे, आज उससे 172% ज्यादा बन रहे हैं……वही  sales की बात करें तो 2014-15 के मुकाबले 248% ज्यादा sales हो रही है खादी की.

2021-22 में Khadi and Village Industries Commission (KVIC) ने ₹1.15 लाख करोड़ का टर्नओवर  प्राप्त किया है, जो भारत में operate कर रही किसी भी FMCG या Apparel कंपनी से ज्यादा है.

यहाँ ये बात महत्वपूर्ण है कि खादी products हमारे गाँवों, कसबों में बनाये जाते हैं…..गरीब और निम्न वर्ग के लोग इससे जुड़े हैं, और जितना ज्यादा sales या टर्नओवर  खादी का होगा, उतना ही इस वर्ग का जीवन स्तर बढेगा….. इसलिए खादी अपनाएं

 

संसद में एक कानून पारित होना चाहिए कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक पग पग धरती हर भारतीय की है और भारत से अलग होने की बात करना भी सीधे देशद्रोह और राष्ट्र के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का अपराधी माना जाएगा। 

चूंकि यह राष्ट्र के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का अपराध होगा अतः इसकी सुनवाई सिविल न्यायालय में नहीं बल्कि सैन्य अदालत में हो और अपराध सिद्ध होने पर,

सारी संपत्ति जब्त कर ली जाये और फिर उसे फायरिंग स्क्वाड के सामने खड़ा कर दिया जाये।

यकीन मानिए, 

ये जो खालिस्तान, एक और पाकिस्तान, मुगलिस्तान के बबूले तोन्दों के अंदर उठ रहे हैं, उसी दिन से समाप्त हो जाएंगे।

कल एक  चैनल पर  बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ताओं से कहा कि आप लोग अपने अपने राज्य सरकारों से वह लेटर मंगा लीजिए जब उन्होंने कोयले का स्टॉक केंद्र सरकार को भेजा था और केंद्र सरकार से कोयला की मांग किया है और वह भी लेटर मंगा लीजिए जब राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाले पावर प्लांट में पर डे का स्टॉक केंद्र सरकार को भेजा जाता है।

 तब सभी विपक्षी पार्टियों के कार्य प्रवक्ता  किकियाने लगे।

सरकारों के बीच में कामकाज कभी मीडिया के माध्यम से नहीं होता, अगर आप का कोयला खत्म हो रहा है तो आप टीवी चैनल पर आकर कह दो की कोयला खत्म हो गया यह तरीका नहीं है आपको पूरे प्रोसीजर को फॉलो करना पड़ता है।

सच्चाई यह है यह हालात जानबूझकर पैदा किए गए हैं। हर चीज केंद्र सरकार पर डालने की आदत इनकी हो गई है  लेकिन यह दोगले अपने भ्रष्टाचार के लिए पूरा टैक्स लेंगे खुद टैक्स कम नहीं करेंगे और पब्लिक में जाकर छाती कूटेंगे  की मोदी राज में महंगाई बहुत हो गई है।

जम्मू कश्मीर में जून में पहला राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। 15 जून से शुरू होकर 20 जून तक चलने वाला यह फिल्म महोत्सव श्रीनगर में आयोजित किया जाएगा। इसमें 40 से अधिक पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे।

ये वही कश्मीर है जहां 1990 में सभी सिनेमा हॉल्स, थिएटर, और अन्य मनोरंजन के साधन बंद करवा दिए थे, क्यूंकि ये सब चीजें एक धर्म के अनुसार ‘हराम’ होती हैं.

अब धीरे धीरे सब बदलेगा, सिनेमा थिएटर संगीत और मनोरंजन के साधन खुल रहे हैं, फिल्मों की शूटिंग भी होगी, पर्यटन भी बढेगा…… ये सब चीजें एक Indicator होती हैं किसी भी जगह की normalcy का.

प्रचलित theories के एकदम उलट सरकार kashmir के मुद्दे को जड़ से हल कर रही है…..its not a patchwork… Its a full fledged Surgery.

साभार : सुरेंद्र किशोर, देवेंद्र सिकरवार, मनीष शर्मा, अविनाश श्रीवास्तव,

 

 

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