शिवेश प्रताप : विदेश नीति का स्वर्णिम नहीं हीरक दौर चल रहा…
एस. जयशंकर जी राष्ट्र की धरोहर (national treasure) हैं। वर्तमान में पूरी दुनिया सबसे गंभीरता से जिस भारतीय को सुनती है वह हैं श्री एस जयशंकर Dr S. Jaishankar जी।
क्या करिश्मा है इस स्टेट्समैन का!!
मोदी जी के द्वारा इस कोहिनूर की खोज कर विदेश मंत्रालय का फुल हैंड देना वास्तव में देश के वैश्विक क्रम को एवं विदेश नीति को परिष्कृत करने में मील का पत्थर साबित होगा।
एस जयशंकर जी जब सेवानिवृत्त हो रहे थे तो उन्होंने सेसल्स द्वीप के सामरिक प्रयोग के मुद्दे को जाते-जाते हल कर दिया था जो कि उस समय भारतीय रक्षा नीति के लिहाज से एक बहुत ही जटिल और संवेदनशील विषय है, जिसमें चीन ने लगभग मैदान मार लिया था। बस उस समय मोदी जी की पारखी नजर एस जयशंकर पर गड़ चुकी थी।
भारत की विदेश नीति का सबसे बेहतर खिलाड़ी वही हो सकता है जो एक साथ चीन एवं अमेरिका को साध सकें और यह एक्सपर्टाइज वर्तमान में भारत में केवल एस जयशंकर जी के पास है।
मोदी जी आपसे हाथ पैर जोड़कर निवेदन है कि एक ऐसा ही कोहिनूर हमारे शिक्षा मंत्रालय के लिए भी ढूंढ कर निकालिए।