वीरेन्द्र पाल : जब गुरु पूर्णिमा है तो शिक्षक दिवस क्यों जब धन्वंतरी जयंती है तो डॉक्टर डे क्यों..??
दरअसल कांग्रेस ने आजादी के बाद उन सारे प्रतीकों को बीसवीं शताब्दी के आस पास रखने की कोशिश की जो हमारे पास सदियों से थे।
- -लेखक वरिष्ठ अधिवक्ता हैं
अगर कांग्रेस शिक्षक दिवस को मनाने की घोषणा नहीं करती तो लोग सिर्फ गुरु पूर्णिमा मनाते और गुरु पूर्णिमा का पर्व विद्यालयों में भी मनाया जाता तब भगवान कृष्ण को याद किया जाता और यह कांग्रेस के एजेंडे में फिट नहीं बैठता था, इसलिए कांग्रेस ने अपने नेता और भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की जिससे कथित प्रगतिशील लोग अपने गुरु का सम्मान करने के लिए गुरु पूर्णिमा ना मना करके सिर्फ शिक्षक दिवस मनायें।
दूसरी तरफ डॉक्टर्स डे मनाने के लिए कांग्रेस ने अपने नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ बिधान चंद्र राय के नाम को आगे किया और उनकी जयंती पर डॉक्टर्स डे मनाया जाने लगा। अगर धन्वंतरी जयंती मनाई जाती तो फिर भारतीय पुरातन परंपरा और हिंदुओं के आराध्य को याद किया जाता इसलिए प्रगतिशील समाज को चिकित्सक के प्रति आभार प्रकट करने के लिए डॉक्टर्स डे की घोषणा की और धनवंतरी जयंती को शासकीय कार्यक्रमों से पीछे रखा।
जनता जिनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करना चाहती है, उनके प्रतीकों के तौर पर कांग्रेस के नेताओं को आगे किया गया और उनके नाम पर डॉक्टर्स डे और शिक्षक दिवस मना करके धन्वंतरी जयंती और गुरु पूर्णिमा को समाज के बड़े भाग से दूर करने का काम किया गया।
