निरीक्षक सुश्री नेहा साहू के बाद ननकीराम कंवर, राईस मिल महासंघ ने भी नापतौल विभाग की कार्यशैली पर लगाए आरोप..

नापतोल विभाग कोरबा की कार्यशैली लगातार विवादों के घेरे में रही है।जिले में पदस्थ नापतौल निरीक्षक पाल सिंह डहरिया अक्सर कार्यालय से गायब रहतें हैं और सत्यापन के नाम पर व्यापारियों का भयादोहन किया जा रहा है। नियम विरुद्ध कार्यवाही करने के साथ ही झूठे मामले में फंसाने की धमकी देने के रवैए से व्यापारी वर्ग परेशान हैं। इस आशय की शिकायत विभिन्न संगठनों ने कलेक्टर कोरबा से की है।

जिला कार्यालय में व्याप्त अव्यवस्था एवं भ्रष्टाचार को लेकर निरीक्षक सुश्री निरीक्षक नेहा साहू भी पूर्व में शिकायत कर चुकीं हैं कि नाप तौल विभाग में श्रीमती फुलेश्वरी बरेठ को प्रतिदिन झाड़ू पोंछा एवं साफ सफाई कार्य के लिए 800 रुपए प्रतिमाह मानदेय पर रखा गया है। लेकिन श्रीमती फुलेश्वरी बरेठ कार्यालय में उपस्थित होकर कार्यालयीन कार्य जैसे पंजी में आवक -जावक ,पत्र लेखन इत्यादि के साथ अलमारियों ,तथा कार्यालय की चाबी उसी को दिया जाता है।

तानाशाही व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर लगभग एक माह पूर्व निरीक्षक सुश्री नेहा ने यह बात कही थी..

“मेरी एक माह पूर्व ही पदस्थापना हुई है । आज कार्यालय में व्याप्त अव्यवस्था तानाशाही की सूचक है। लिपिक हम दोनों समकक्ष निरीक्षकों के प्रति उत्तरदायी है बावजूद इस तरह के कार्यपद्धति की वजह से शासकीय कार्य सहित आमजन के कार्य प्रभावित हो रहे। वस्तु स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है।”

जिला कोरबा के नापतौल निरीक्षक पालसिंह डहरिया के द्वारा श्री नारायण पार्वती घरमकांटा में पहुंचकर की गई नियम विरुद्ध कार्यवाही, भयादोहन का प्रयास और झुठा मामला दर्ज कराने को लेकर निलंबन सहित दंडात्मक कार्यवाही करने के विषय पर वरिष्ठ भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने भी कलेक्टर श्रीमती रानू साहू को पत्र लिखा है।

 

ये है नापतौल विभाग का नया कारनामा

 राईस मिल महासंघ के द्वारा नापतौल विभाग की ढर्रेशाही के संबंध में कलेक्टर से शिकायत भी की गई है कि इनके द्वारा आए दिन लोगों को परेशान किया जाता है। इसी कड़ी में शिकायत कर कलेक्टर को बताया गया है कि 25 अप्रैल को नापतौल निरीक्षक पाल सिंह डहरिया ने जिला राईस मिल महासंघ के सदस्य के संस्थान नारायण पार्वती धर्मकांटा के सत्यापन के लिए पहुंचे और यहां पर भयादोहन का प्रयास किया।

जानकारी के अनुसार धर्मकांटा का वार्षिक सत्यापन हेतु शुल्क 3 हजार रुपए भुगतान ऑनलाईन किया जाकर चालान की रसीद आवेदन के साथ संलग्न किया गया था।

इसके बाद श्री डहरिया 12 अप्रैल को धर्मकांटा पहुंचे और विलंब शुल्क एवं शुल्क वृद्धि का 7 हजार रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगना बताया जिसका भुगतान 12 अप्रैल को नगद प्रदान कर चालान कटाकर रसीद लिया गया और श्री डहरिया ने अब सत्यापन हो जाने के लिए आश्वस्त किया। इसके बाद 25 अप्रैल को निरीक्षक श्री डहरिया उक्त धर्मकांटा पुन: पहुंचे और संस्थान के कर्मचारियों से जबरदस्ती जब्तीनामा बनाया गया। इस मामले को निपटाने के लिए सुपुर्दगीनामा पत्र बनाकर 2 लाख रुपए की मांग की गई जिसे देने में असमर्थ बताने पर झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी गई। श्री डहरिया संस्थान के सदस्यों से रौब पूर्वक अनर्गल व्यवहार कर जांच के नाम से धर्मकांटा के मानीटर को जबरदस्ती ले जाने लगे और झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते हुए वाहन के दरवाजे से अपने माथे पर चोट लगा लिया।

नापतौल निरीक्षक के इस रवैए को अनुचित करार देते हुए राईस मिल महासंघ और जिला चेम्बर ऑफ कॉमर्स सहित ब्यापारी संगठनों ने उचित कार्यवाही और न्याय की अपेक्षा कलेक्टर से जाहिर की है।

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